नेतरहाट आवासीय विद्यालय में ‘आधुनिक शिक्षा’ पर कार्यशाला, शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने किया उद्घाटन

#नेतरहाट #शिक्षा_कार्यशाला – तकनीक, मूल्य और स्थानीयता आधारित शिक्षा पर हुआ गंभीर विमर्श

शिक्षा में नवाचार को लेकर नेतरहाट में जुटे शिक्षाविद

नेतरहाट (लातेहार)। झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने आज नेतरहाट आवासीय विद्यालय में आयोजित ‘आधुनिक शिक्षा’ विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर मनिका विधायक रामचंद्र सिंह, विद्यालय के प्रधान प्राचार्य संतोष कुमार समेत राज्यभर से आए दर्जनों शिक्षाविद उपस्थित रहे।

शिक्षा मंत्री ने कहा –

“समय के साथ शिक्षा के स्वरूप में बदलाव आवश्यक है। तकनीक, स्थानीय ज्ञान और मूल्य आधारित शिक्षा का समावेश ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षण प्रणाली की नींव रख सकता है।”

उन्होंने नेतरहाट विद्यालय की ऐतिहासिक उपलब्धियों की सराहना की और कहा कि झारखंड सरकार राज्य में ऐसी संस्थाओं को मॉडल बनाकर प्रोत्साहित करेगी

कार्यशाला में उठे शिक्षा के विविध पहलुओं पर गंभीर सवाल

कार्यशाला में डिजिटल शिक्षण, बाल-केंद्रित पद्धति, शिक्षकों की प्रशिक्षण व्यवस्था, और ग्रामीण क्षेत्रों में नवाचार आधारित शिक्षा जैसे विषयों पर विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा प्रस्तुतियाँ दी गईं। वक्ताओं ने कहा कि तकनीकी साधनों और स्थानीय संदर्भों को जोड़कर ही सार्थक और टिकाऊ शिक्षा मॉडल तैयार किया जा सकता है

विधायक रामचंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा –

“नेतरहाट विद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि राज्य का बौद्धिक प्रकाशस्तंभ है। यहां से निकले छात्र देश-विदेश में राज्य का नाम रौशन कर रहे हैं।”

छात्रों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मोहा मन

इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा स्वागत गीत, समूह नृत्य एवं लघु नाट्य मंचन की शानदार प्रस्तुतियाँ दी गईं। अतिथियों ने विद्यार्थियों की रचनात्मकता और प्रस्तुतियों की सराहना की।

कार्यक्रम के अंत में शिक्षा मंत्री ने विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। समापन अवसर पर प्रधान प्राचार्य संतोष कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

कार्यशाला के प्रमुख उद्देश्य

न्यूज़ देखो : नई शिक्षा की दिशा में सार्थक संवाद

न्यूज़ देखो यह मानता है कि शिक्षा सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि जीवन को दिशा देने वाली प्रणाली होनी चाहिए। नेतरहाट जैसी संस्थाओं में हो रही शिक्षा आधारित पहलें आने वाले समय में राज्य की शैक्षणिक नीति को दिशा देंगी
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

शिक्षा को नवाचार और मूल्यों से जोड़ें

कार्यशाला से यह स्पष्ट हुआ कि झारखंड अब शिक्षा को तकनीक, संवेदना और सामाजिक सरोकारों से जोड़ने की ओर अग्रसर है। राज्य की उम्मीदें नेतरहाट जैसे शिक्षण संस्थानों पर टिकी हैं जो भविष्य के नेतृत्व को गढ़ रहे हैं।

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