
#दुमका #प्रशासनिक_प्रशिक्षण : मसूरी अकादमी के 12 प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी 6 दिनों तक जिले के प्रखंडों और पंचायतों में करेंगे निरीक्षण
- लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी के 12 प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी दुमका पहुंचे।
- 8 से 14 नवंबर 2025 तक करेंगे अध्ययन भ्रमण और स्थलीय निरीक्षण।
- अधिकारियों ने उपायुक्त अभिजीत सिन्हा से की शिष्टाचार मुलाकात।
- विभिन्न प्रखंडों में जाकर विकास योजनाओं, पंचायत भवनों, विद्यालयों, स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण करेंगे।
- भ्रमण का उद्देश्य ग्रामीण प्रशासन और जनसहभागिता की प्रक्रिया को नजदीक से समझना।
दुमका जिले में शनिवार को प्रशासनिक कार्यों और ग्रामीण विकास योजनाओं की जमीनी हकीकत से रूबरू होने के लिए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी के 12 प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पहुंचे। यह भ्रमण 8 नवंबर से 14 नवंबर 2025 तक चलेगा। छह दिनों के इस अध्ययन दौरे के दौरान अधिकारी जिले के विभिन्न प्रखंडों और पंचायतों में ग्रामीण शासन, विकास योजनाओं के क्रियान्वयन, जनकल्याणकारी कार्यक्रमों और सामुदायिक भागीदारी की प्रक्रिया का गहन अध्ययन करेंगे।
उपायुक्त से मुलाकात, मिला दिशा-निर्देश
अध्ययन भ्रमण के पहले दिन सभी प्रशिक्षु अधिकारियों ने दुमका उपायुक्त श्री अभिजीत सिन्हा से शिष्टाचार भेंट की। उपायुक्त ने उन्हें जिले की सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक विशेषताओं से अवगत कराया और भ्रमण के दौरान किए जाने वाले अवलोकन के लिए दिशा-निर्देश दिए।
उपायुक्त के निर्देशानुसार प्रशिक्षु अधिकारियों को विभिन्न प्रखंडों में नामित किया गया है, जहाँ वे पंचायत भवन, आंगनवाड़ी केंद्र, विद्यालय, स्वास्थ्य केंद्र, जलापूर्ति परियोजनाओं और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करेंगे।
व्यवहारिक अनुभव का अनमोल अवसर
यह भ्रमण प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए ग्रामीण प्रशासन की व्यावहारिक समझ विकसित करने का एक अनमोल अवसर है। अकादमिक ज्ञान के साथ-साथ उन्हें निचले स्तर के शासन और सामुदायिक सहभागिता की वास्तविक प्रक्रिया का अनुभव मिलेगा। प्रशासनिक प्रशिक्षण के इस हिस्से का उद्देश्य अधिकारियों को नीति निर्माण और कार्यान्वयन के बीच की दूरी को समझाना और उसे पाटने की दिशा में सक्षम बनाना है।
उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने कहा: “यह अध्ययन भ्रमण प्रशासनिक प्रशिक्षण का अत्यंत महत्वपूर्ण चरण है, जो भविष्य के अधिकारियों को जनसरोकार से जोड़ने का कार्य करता है।”
ग्रामीण विकास योजनाओं पर होगा विशेष फोकस
भ्रमण के दौरान प्रशिक्षु अधिकारी पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और ग्रामीण आजीविका जैसे क्षेत्रों में चल रही योजनाओं की समीक्षा करेंगे। वे स्थानीय प्रतिनिधियों, पंचायत सदस्यों और ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर योजनाओं के प्रभाव और चुनौतियों को समझने का प्रयास करेंगे।
न्यूज़ देखो: प्रशिक्षण का जमीनी अनुभव बनेगा सुशासन की नींव
यह पहल न केवल भावी प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक सीखने का अवसर है, बल्कि यह ग्रामीण विकास के प्रति प्रशासन की जवाबदेही और संवेदनशीलता को भी उजागर करती है। जब भविष्य के अधिकारी सीधे गांवों में जाकर समस्याओं को समझते हैं, तो नीतियां अधिक यथार्थपरक और जनहितकारी बनती हैं।
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जनभागीदारी से बनेगा सशक्त प्रशासन
ग्रामीण भारत की सच्ची शक्ति उसकी जनता में बसती है। जब अधिकारी जनता से सीखते हैं और जनता प्रशासन पर विश्वास करती है, तब सुशासन की दिशा में ठोस कदम उठते हैं। आइए, हम सब मिलकर पारदर्शिता और जिम्मेदारी के इस प्रयास को प्रोत्साहित करें। अपनी राय कमेंट में लिखें और इस खबर को साझा करें ताकि हर नागरिक प्रशासनिक संवेदनशीलता का हिस्सा बन सके।




