
#गिरिडीह #धार्मिक_आयोजन : अगहन पूर्णिमा पर माता अन्नपूर्णा की पूजा-अर्चना के साथ 15 दिवसीय महोत्सव और मेले की शुरुआत
- गिरिडीह जिले के गांडेय में 15 दिवसीय अन्नपूर्णा पूजन महोत्सव का शुभारंभ।
- अगहन पूर्णिमा, 4 दिसंबर 2025 को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुई शुरुआत।
- शंख ध्वनि, जागरण और पूजा-अर्चना के साथ माता अन्नपूर्णा की आराधना।
- क्षेत्रभर से पहुंचे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने लिया आशीर्वाद।
- समिति ने श्रद्धालुओं से सपरिवार दर्शन करने की अपील की।
गिरिडीह जिले के गांडेय प्रखंड में हर वर्ष की तरह इस बार भी माता अन्नपूर्णा की आराधना को समर्पित 15 दिवसीय अन्नपूर्णा पूजन महोत्सव सह भव्य मेला का शुभारंभ बड़े ही भक्तिमय वातावरण में हुआ। अगहन पूर्णिमा, 4 दिसंबर 2025 को पूजा-अर्चना, वैदिक मंत्रोच्चार, मंगल शंख ध्वनि और माता रानी के जागरण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई। सुबह से ही दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा, सभी ने भक्तिभाव के साथ मां अन्नपूर्णा के दर्शन किए और सुख-समृद्धि की कामना की।
अगहन पूर्णिमा पर हुआ विधिवत शुभारंभ
अन्नपूर्णा पूजन का शुभ मुहूर्त अगहन पूर्णिमा पर रखा गया था। जैसे ही वैदिक मंत्र गूंजे, पूरा परिसर धार्मिक आस्था और सकारात्मक ऊर्जा से भर गया। मां अन्नपूर्णा की आरती और विशेष पूजा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि महोत्सव के पहले दिन ही अत्यधिक भीड़ देखने को मिली, जो आने वाले दिनों में और बढ़ने की उम्मीद है।
धार्मिक परंपरा और आस्था से जुड़ा आयोजन
गांडेय क्षेत्र में माता अन्नपूर्णा का यह महोत्सव धन-धान्य, भोजन और समृद्धि की परंपरागत पूजा के रूप में जाना जाता है। हर वर्ष श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल होकर परिवार की उन्नति, अन्न की समृद्धि और सुख-शांति की प्रार्थना करते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि मां अन्नपूर्णा की कृपा से घर में कभी अन्न का अभाव नहीं होता।
जागरण, मंत्रोच्चार और भजन से गुंजायमान रहा वातावरण
कार्यक्रम के दौरान माता रानी के जागरण, भजन-कीर्तन और शंख ध्वनि से पूरे मेला परिसर का माहौल भक्तिमय बना रहा। महिलाएं और युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए और देर रात तक श्रद्धा-भक्ति में डूबे रहे। आयोजनकर्ता मंडल ने पूजा व्यवस्था, सुरक्षा और विभिन्न कार्यक्रमों की तैयारी पहले से कर रखी है।
समिति ने श्रद्धालुओं से की सपरिवार आने की अपील
मेला समिति ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे सपरिवार पहुंचकर माता अन्नपूर्णा के दर्शन करें और 15 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव को सफल बनाएं। समिति ने व्यवस्था को सुव्यवस्थित रखते हुए सभी के लिए प्रसाद, पूजा सामग्री, विश्राम स्थल और सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने की बात कही है।
न्यूज़ देखो: अन्नपूर्णा महोत्सव में उमड़ी आस्था की भीड़
गांडेय का अन्नपूर्णा पूजा महोत्सव सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने वाला सांस्कृतिक पर्व भी है। यह कार्यक्रम आध्यात्मिक शांति, सामाजिक एकता और परंपरा के संरक्षण का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करता है। प्रशासन और समिति को सुनिश्चित करना चाहिए कि आने वाले दिनों में बढ़ती भीड़ के बीच सुरक्षा और व्यवस्था प्रभावित न हो।
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आस्था से मिलता है संबल—आइए जुड़ें इस पुण्य अवसर से
धार्मिक पर्व केवल पूजा नहीं, समाज की एकजुटता का माध्यम भी होते हैं। आप भी अपने परिवार, बच्चों और बुजुर्गों के साथ इस महोत्सव में शामिल होकर संस्कृति को आगे बढ़ाएं।
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