
#कोलेबिरा #स्वास्थ्य_शिविर : लचरागढ़ पंचायत में आयोजित आयुष चिकित्सा शिविर में वरिष्ठ नागरिकों का स्वास्थ्य परीक्षण और निःशुल्क दवा वितरण किया गया
- कोलेबिरा प्रखंड के लचरागढ़ पंचायत सचिवालय में वयोवृद्ध आयुष चिकित्सा शिविर आयोजित।
- 180 मरीजों की स्वास्थ्य जांच की गई।
- आयुष, होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज।
- सभी मरीजों को निःशुल्क दवाइयाँ वितरित की गईं।
- शिविर का उद्घाटन मुखिया जिरेन मड़की ने किया।
- शिविर में घुटना दर्द, कमर दर्द, सायटिका, गठिया, गैस, पेट दर्द आदि रोगों का परीक्षण और उपचार।
कोलेबिरा प्रखंड के लचरागढ़ पंचायत सचिवालय भवन परिसर में बुधवार को आयोजित वयोवृद्ध आयुष चिकित्सा शिविर में वरिष्ठ नागरिकों का स्वास्थ्य परीक्षण और निःशुल्क उपचार किया गया। इस शिविर का आयोजन आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुभद्रा कुमारी के निर्देशानुसार किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन लचरागढ़ पंचायत की मुखिया जिरेन मड़की ने किया।
चिकित्सा और दवा वितरण
शिविर में आयुष चिकित्सक डॉ. अरविंद विश्वकर्मा, डॉ. मनोज कुमार और डॉ. रक्षा कुमारी ने 180 मरीजों की स्वास्थ्य जांच की। मरीजों में मुख्य रूप से घुटना और कमर दर्द, सायटिका, गठिया, गैस, पेट दर्द जैसी समस्याओं वाले वृद्ध नागरिक शामिल थे। सभी लाभार्थियों को निःशुल्क दवाइयाँ प्रदान की गईं और आयुष चिकित्सा प्रणाली के लाभों के प्रति जागरूक किया गया।
डॉ. सुभद्रा कुमारी ने कहा: “इस शिविर के माध्यम से हम ग्रामीणों को पारंपरिक आयुष चिकित्सा पद्धति से परिचित कराते हैं और स्वास्थ्य सेवाओं को सभी तक पहुँचाना सुनिश्चित करते हैं।”
सहयोगी और आयोजन का महत्व
शिविर के सफल संचालन में योग शिक्षक कर्मपाल राम, शिक्षिका सुषमा देवी, खुशबू कुमारी, धर्मेंद्र पांडे, उर्मिला देवी, आशा देवी, सेरोफिना टेटे, सुरेखा देवी, अनीता देवी और वीणा देवी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस पहल से ग्रामीणों में आयुष चिकित्सा पद्धति के प्रति जागरूकता बढ़ी और वयोवृद्ध नागरिकों को सुलभ उपचार उपलब्ध कराया गया।

न्यूज़ देखो: ग्रामीण स्वास्थ्य और आयुष चिकित्सा में स्थानीय सहभागिता
यह शिविर दर्शाता है कि स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में सुलभ और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में सक्षम हैं। वृद्ध नागरिकों के लिए इस तरह के निशुल्क शिविर उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार लाने के साथ-साथ आयुष चिकित्सा पद्धति के महत्व को उजागर करते हैं।
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स्वास्थ्य और जागरूकता के लिए सक्रिय रहें
ग्रामीणों और युवा नागरिकों को चाहिए कि वे ऐसे स्वास्थ्य शिविरों में भाग लें और अपने परिवार एवं पड़ोसियों को भी लाभान्वित करने के लिए प्रेरित करें। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें और आयुष चिकित्सा जैसे पारंपरिक उपचार पद्धतियों के महत्व को समाज तक पहुँचाने में योगदान दें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और सामुदायिक स्वास्थ्य सुधार में सक्रिय भागीदार बनें।





