
#सिमडेगा #विकास_परियोजनाएं : वर्ष 2025 में बानो प्रखंड में सड़क, शिक्षा, रेल और आधारभूत ढांचे में बड़े बदलाव।
सिमडेगा जिले के बानो प्रखंड के लिए वर्ष 2025 विकास और बदलाव का वर्ष बनकर उभरा है। सड़क, रेल, शिक्षा और धार्मिक स्थलों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं ने क्षेत्र की तस्वीर बदलनी शुरू की है। कुछ योजनाएं पूर्ण हुईं, कुछ प्रगति पर हैं, जबकि कुछ अब भी प्रतीक्षा में हैं। इन तमाम पहलुओं ने बानो को विकास के नक्शे पर नई पहचान दिलाई है।
- कोलेबिरा–हाट गमरिया पथ का चौड़ीकरण कार्य प्रगति पर।
- केतुङ्गा धाम मार्ग और पंचायत सड़कों का नव निर्माण शुरू।
- देवनदी व मलगु नदी पर पुल निर्माण का शिलान्यास, कार्य लंबित।
- बानो रेलवे स्टेशन का अमृत भारत योजना के तहत सुंदरीकरण।
- आईटीआई शिक्षा की शुरुआत, एकलव्य विद्यालय निर्माणाधीन।
सिमडेगा जिले का बानो प्रखंड वर्ष 2025 में कई मायनों में चर्चा का केंद्र रहा। यह वर्ष जहां एक ओर विकास की नई इबारत लिखता नजर आया, वहीं कुछ अधूरी योजनाओं ने सवाल भी खड़े किए। सड़क, रेल, शिक्षा और आधारभूत संरचना से जुड़े कई लंबे समय से लंबित सपने इस वर्ष साकार होते दिखे।
सड़क नेटवर्क में बड़ा बदलाव
बानो प्रखंड से गुजरने वाली कोलेबिरा–हाट गमरिया पथ के चौड़ीकरण का कार्य पिछले तीन वर्षों से चल रहा है, जो अब निर्णायक चरण में पहुंच चुका है। इस सड़क के चौड़े होने से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि कोलेबिरा, हाट गमरिया और आसपास के क्षेत्रों से संपर्क और मजबूत होगा।
इसके साथ ही प्रखंड के विभिन्न पंचायतों को जोड़ने वाली पक्की सड़कों के निर्माण ने ग्रामीण इलाकों में आवागमन को आसान बनाया है। लंबे समय से खराब सड़कों से जूझ रहे ग्रामीणों के लिए यह राहत की खबर रही।
केतुङ्गा धाम तक पहुंच होगी आसान
बानो प्रखंड का ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल केतुङ्गा धाम वर्षों से बेहतर सड़क की मांग कर रहा था। वर्ष 2025 में केतुङ्गा धाम तक जाने वाली सड़क के नव निर्माण का कार्य आरंभ हुआ, जिसे स्थानीय लोग एक बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं। इससे न केवल श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
हालांकि केतुङ्गा धाम मंदिर के समीप से गुजरने वाली देवनदी और मलगु नदी पर प्रस्तावित पुल निर्माण अभी भी प्रतीक्षा में है। दोनों पुलों के लिए लगभग 6–6 करोड़ रुपये की लागत से शिलान्यास तत्कालीन विधायक कोचे मुंडा द्वारा किया गया था, लेकिन कार्य अब तक शुरू नहीं हो सका है।
अनुमंडल की मांग और जनआंदोलन
बानो को अनुमंडल बनाए जाने की मांग एक बार फिर वर्ष 2025 में जोर पकड़ती दिखी। 21 फरवरी से प्रखंडवासियों द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। वर्षों से लंबित इस मांग को लेकर स्थानीय लोगों में अब भी उम्मीद बनी हुई है कि आने वाले समय में इस पर ठोस निर्णय लिया जाएगा।

खेल और युवाओं के लिए स्टेडियम
प्रखंड के खेल प्रेमियों की वर्षों पुरानी मांग एस.एस. हाई स्कूल मैदान में स्टेडियम निर्माण की थी। वर्ष 2025 में इस दिशा में काम शुरू होना बानो के युवाओं के लिए बड़ी राहत साबित हुआ। स्टेडियम के निर्माण से स्थानीय प्रतिभाओं को बेहतर मंच और प्रशिक्षण सुविधाएं मिलेंगी।
रेल परियोजनाओं से बदली तस्वीर
रेल क्षेत्र में भी बानो के लिए यह वर्ष ऐतिहासिक रहा। लगभग 70 वर्षों बाद बानो से रांची तक की रेलवे लाइन का दोहरीकरण कार्य पूर्ण हो गया। इससे यात्री और मालगाड़ियों की आवाजाही तेज और सुरक्षित हुई है।
इसके अलावा अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के तहत बानो रेलवे स्टेशन का व्यापक सुंदरीकरण किया जा रहा है। इसमें नया स्टेशन भवन, फुट ओवर ब्रिज और लिफ्ट निर्माण जैसे कार्य शामिल हैं। साथ ही बानो रेलवे स्टेशन को मॉडल रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।

शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर
शिक्षा के क्षेत्र में भी वर्ष 2025 बानो के लिए यादगार साबित हुआ। वर्षों की मांग के बाद 4 सितंबर 2025 से बानो प्रखंड मुख्यालय में आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) की पढ़ाई शुरू हुई। इसे क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगारपरक शिक्षा की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
इसके अलावा पावर हाउस रोड पर एकलव्य आवासीय विद्यालय का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है, जिससे आदिवासी और ग्रामीण छात्रों को गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा मिलने की उम्मीद है।
स्ट्रीट लाइट से बदली रात की तस्वीर
बानोवासियों की एक और पुरानी मांग वर्ष 2025 में पूरी हुई। बानो मुख्य पथ और स्टेशन रोड पर सड़क किनारे स्ट्रीट लाइट लगाई गईं, जिसे स्थानीय लोगों ने दशहरे के तोहफे के रूप में देखा। इससे रात के समय सुरक्षा और रोशनी दोनों में सुधार हुआ है।
न्यूज़ देखो: विकास की रफ्तार और अधूरी उम्मीदें
बानो प्रखंड में वर्ष 2025 ने यह साफ किया कि योजनाएं यदि इच्छाशक्ति से जुड़ें तो तस्वीर बदल सकती है। सड़क, रेल और शिक्षा में हुई प्रगति सराहनीय है, लेकिन पुल निर्माण जैसी अधूरी योजनाएं प्रशासन की प्राथमिकताओं पर सवाल भी उठाती हैं। अब जरूरत है कि घोषित परियोजनाएं समय पर पूरी हों। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
विकास के साथ जवाबदेही भी जरूरी
बानो प्रखंड की यह यात्रा दिखाती है कि विकास और जनभागीदारी साथ चलें तो बदलाव संभव है। लेकिन अधूरी योजनाओं पर निगरानी भी उतनी ही जरूरी है।
यदि आप बानो के निवासी हैं या इन परियोजनाओं से जुड़े हैं, तो अपनी राय साझा करें। खबर को आगे बढ़ाएं, ताकि विकास की गति बनी रहे और लंबित काम भी जल्द पूरे हों।




