#लातेहार #संबंधितबालअपराध : नाबालिग द्वारा 7 वर्षीय बच्ची के साथ यौनाचार के आरोप में त्वरित कार्रवाई कर किशोर को बाल सुधार गृह भेजा गया
- बरवाडीह थाना क्षेत्र में 07 वर्षीय बच्ची के साथ यौनाचार का मामला दर्ज।
- कांड संख्या 73/25, दिनांक 12.11.2025 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
- आरोपी 14 वर्षीय नाबालिग लड़का बाल सुधार गृह भेजा गया।
- मामला धारा 75 (2)/76/79 भारतीय न्याय संहिता (बी.एन.एस.) और 4(2) पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज।
- पुलिस ने बच्ची की चिकित्सीय जांच और परामर्श की व्यवस्था की।
- थाना प्रभारी के निर्देशन में गठित टीम ने तुरंत जांच प्रारंभ की।
बरवाडीह में 07 वर्षीय बच्ची के साथ यौनाचार के मामले ने पूरे क्षेत्र में चिंता और संवेदनशीलता पैदा कर दी है। इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले के आरोपी 14 वर्षीय किशोर को बाल सुधार गृह भेज दिया। प्राथमिकी कांड संख्या 73/25, दिनांक 12.11.2025 के तहत दर्ज की गई, जिसमें भारतीय न्याय संहिता और पोक्सो एक्ट की प्रासंगिक धाराओं का उल्लंघन बताया गया है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और जांच
थाना प्रभारी के निर्देशन में तुरंत टीम गठित की गई और जांच शुरू कर दी गई। पुलिस ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए हर कदम विधि सम्मत तरीके से उठाया गया। आरोपी नाबालिग को बाल सुधार गृह भेजा गया है और उसकी सुरक्षा तथा पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
थाना प्रभारी ने कहा: “यह मामला अत्यंत संवेदनशील है। हम त्वरित और निष्पक्ष जांच कर रहे हैं और नाबालिग के न्यायिक संरक्षण का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।”
पीड़िता की सुरक्षा और सहायता
पुलिस ने पीड़िता की चिकित्सीय जांच कराई और आवश्यक परामर्श प्रदान किया। यह कदम पीड़िता की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन लगातार पीड़िता और परिवार के संपर्क में हैं ताकि उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
बाल सुधार गृह में किशोर का नियमन
आरोपी 14 वर्षीय किशोर को बाल सुधार गृह भेजा गया है, जहां उसकी सुरक्षा, शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाएगा। बाल सुधार गृह के माध्यम से किशोर को कानूनी और सामाजिक मार्गदर्शन के साथ सुधार की प्रक्रिया में रखा जाएगा।
न्यूज़ देखो: बाल यौन अपराध के मामलों में त्वरित कार्रवाई और संरक्षण आवश्यक
यह मामला यह दर्शाता है कि नाबालिग अपराधियों के मामले में भी त्वरित कार्रवाई और न्यायिक सुरक्षा कितना महत्वपूर्ण है। पुलिस प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कदम उठाए हैं और पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित की है।
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