
#गुमला #पुनर्वास_बैठक : आत्मसमर्पित उग्रवादियों को समयबद्ध तरीके से लाभ पहुंचाने हेतु जिला प्रशासन ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति पर की गहन समीक्षा
- बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने की।
- पुनर्वास नीति के तहत 8 लाभार्थियों के मामलों की समीक्षा की गई।
- आवास, बीमा, लाभ वितरण, रोजगार पर विस्तृत चर्चा हुई।
- बैठक में उप विकास आयुक्त, जिला सामान्य शाखा पदाधिकारी, एलडीएम गुमला उपस्थित।
- जिला प्रशासन ने पारदर्शिता और समयबद्ध कार्रवाई के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई।
गुमला उपायुक्त कार्यालय कक्ष में गुरुवार को जिला पुनर्वास समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने की। बैठक का उद्देश्य आत्मसमर्पित उग्रवादियों को पुनर्वास नीति के तहत उपलब्ध कराए जाने वाले सभी लाभों की प्रगति की समीक्षा करना था। इस दौरान समिति ने आठ लाभार्थियों से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की और यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए कि पुनर्वास से संबंधित सभी सुविधाएं तय समय सीमा के भीतर उन्हें प्राप्त हों।
पुनर्वास से जुड़े सभी लाभों की एक-एक कर समीक्षा
बैठक में अधिकारियों ने आवास निर्माण से लेकर बीमा सुविधा और अब तक लंबित लाभों के वितरण तक सभी प्रक्रियाओं की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। पुनर्वास नीति के तहत आवास उपलब्ध कराने की प्रगति पर विशेष जोर दिया गया। इसी के साथ, जिन लाभार्थियों को अब तक निर्धारित सहायता नहीं मिल सकी थी, उन्हें शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
रोजगार उपलब्ध कराने पर भी दिया गया विशेष जोर
आत्मसमर्पित उग्रवादियों के जीवन को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए रोजगार एक प्रमुख कारक है। इसी को ध्यान में रखते हुए बैठक में नौकरी और आजीविका से जुड़ी संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। अधिकारियों ने लाभार्थियों से जुड़े रोजगार संबंधित दस्तावेजों, प्रक्रियाओं और उपलब्ध विकल्पों की समीक्षा की, ताकि सभी लाभार्थियों को समय पर आजीविका से जुड़ने का अवसर मिल सके।
बैठक में मौजूद रहे वरिष्ठ अधिकारी
बैठक में उप विकास आयुक्त गुमला, जिला सामान्य शाखा पदाधिकारी, एलडीएम गुमला तथा अन्य संबंधित पदाधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने पुनर्वास नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक सुझाव और रिपोर्ट प्रस्तुत की।
समयबद्ध और पारदर्शी क्रियान्वयन पर जिला प्रशासन का जोर
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि पुनर्वास नीति का उद्देश्य केवल लाभ देना नहीं, बल्कि लाभार्थियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़कर एक सुरक्षित और स्थिर जीवन प्रदान करना है। इसलिए सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया गया कि वे प्रक्रियाओं में तेजी लाएं, आवश्यक दस्तावेज समय पर उपलब्ध कराएं और लंबित मामलों को प्राथमिकता से निपटाएं।
न्यूज़ देखो: पुनर्वास नीति की रफ्तार बढ़ाने की जरूरत
इस बैठक से साफ होता है कि जिला प्रशासन पुनर्वास नीति को गंभीरता से लागू कर रहा है, परंतु कई मामलों में लाभार्थियों को अब भी लाभ मिलने में देरी है। प्रशासन का समयबद्धता और पारदर्शिता पर जोर स्वागतयोग्य है, लेकिन जमीनी स्तर पर और मजबूती लाने की आवश्यकता बनी हुई है। पुनर्वास केवल सरकारी औपचारिकता नहीं, बल्कि समाज में स्थायी शांति और विश्वास बहाल करने का महत्वपूर्ण कदम है।
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भरोसे का रास्ता मजबूत हो — पुनर्वास से लौटती है जीवन में स्थिरता
आत्मसमर्पित व्यक्तियों को पुनर्वास की सुविधाएं समय पर मिलें, यह न सिर्फ शासन की जिम्मेदारी है बल्कि समाज की शांति और विकास से भी सीधे जुड़ा है। जब लाभार्थियों को रोजगार, आवास और सुरक्षा का भरोसा मिलता है, तब वे नई जिंदगी की ओर बढ़ने का साहस जुटाते हैं। हमें भी ऐसी पहल का समर्थन करते हुए जागरूक नागरिक बनने की जरूरत है ताकि हर व्यक्ति समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके।
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