
#विशुनपुर #सरकारआपकेद्वार : बनारी, विशुनपुर और सेरका पंचायत में आयोजित शिविर में बीडीओ की सक्रिय भागीदारी और त्वरित समाधान से ग्रामीण हुए संतुष्ट
- विशुनपुर प्रखंड की तीन पंचायत—बनारी, विशुनपुर, सेरका में भव्य कार्यक्रम आयोजित।
- बीडीओ सुलेमान मुंड़री की सक्रियता और सरल रवैये की सबसे ज्यादा चर्चा।
- सभी विभागों के अलग-अलग स्टॉल पर ग्रामीणों की समस्याएँ सुनी गईं।
- कई आवेदनों पर तुरंत कार्रवाई कर राहत दी गई।
- बीडीओ ने बताया कि उन्होंने सभी PVGT गाँवों का भ्रमण कर योजनाओं से जोड़ने का प्रयास किया।
- मइया योजना के लिए महिलाएँ शिविर में आवेदन करते दिखीं।
गुमला जिले के विशुनपुर प्रखंड की बनारी, विशुनपुर और सेरका पंचायत में शुक्रवार को ‘आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। यह आयोजन सिर्फ योजनाओं की जानकारी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि त्वरित समाधान और प्रशासनिक सक्रियता का उदाहरण बनकर सामने आया। विशेष रूप से प्रखंड विकास पदाधिकारी सुलेमान मुंड़री की सादगीपूर्ण और सक्रिय कार्यशैली पूरे कार्यक्रम का केंद्र बनी रही।
विभागीय स्टॉलों पर उमड़ी भीड़ और त्वरित समाधान की शुरुआत
शिविर स्थल पर विभिन्न विभागों के स्टॉल लगाए गए थे, जहाँ पदाधिकारी स्वयं मौजूद रहकर लोगों की समस्याओं को सुनते और आवेदन स्वीकार करते दिखे। ग्रामीणों की परेशानियों को समझने और उनके निवारण की प्रक्रिया शिविर के दौरान ही शुरू कर दी गई, जिससे लोगों में कार्यक्रम को लेकर सकारात्मकता दिखाई दी। दर्जनों लाभुकों ने बताया कि उन्हें पहली बार लगा कि उनकी समस्या सिर्फ सुनी ही नहीं जा रही, बल्कि उसका समाधान भी उसी दिन संभव हो रहा है।
बीडीओ सुलेमान मुंड़री की कार्यशैली बनी आकर्षण का केंद्र
इस कार्यक्रम में सबसे अधिक चर्चा प्रखंड विकास पदाधिकारी सुलेमान मुंड़री की रही, जो मंच पर बैठने के बजाय पूरे शिविर में घूम-घूमकर ग्रामीणों से मिलते रहे। वे कभी स्टॉलों के अंदर, कभी खुले मैदान में खड़े ग्रामीणों के बीच और कभी कतार में लगे लाभुकों के साथ बात करते दिखाई दिए। संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि वे प्रखंड के सभी PVGT (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह) गाँवों के सभी टोले का भ्रमण कर चुके हैं, और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि कोई भी पात्र व्यक्ति सरकारी योजनाओं से वंचित न रहे।
सुलेमान मुंड़री ने कहा: “हमारा लक्ष्य है कि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक तेजी और पारदर्शिता के साथ पहुँचे। इसलिए प्रखंड के हर गाँव जाकर लोगों की समस्याएँ समझ रहा हूँ।”
उनकी यह संवेदनशीलता ग्रामीणों को बेहद पसंद आई। कई ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारी जब इस तरह से सहजता से मिलते हैं, तो वे निसंकोच अपनी समस्याएँ बताते हैं और समाधान की उम्मीद भी रखते हैं।
मइया योजना में महिलाओं का उत्साह
शिविर में सरकार की महत्वाकांक्षी मइया योजना के लिए बड़ी संख्या में महिलाएँ आवेदन भरती नजर आईं। महिलाओं ने बताया कि कार्यक्रम में उन्हें फॉर्म भरने से लेकर दस्तावेजों की जांच तक में पूरी मदद मिली, जिससे उन्हें प्रक्रिया में कोई कठिनाई नहीं आई।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया—“ऐसा शिविर हर महीने होना चाहिए”
ग्रामीणों ने बीडीओ की सराहना करते हुए कहा कि प्रशासन के इस तरह लोगों के बीच आने से योजनाओं पर भरोसा बढ़ता है। कई लाभुकों ने बताया कि अधिकारी का सहज व्यक्तित्व और लोगों के बीच जाकर बात करने का तरीका उन्हें बहुत प्रभावित कर गया। ग्रामीणों का कहना था कि यदि ऐसे शिविर लगातार आयोजित हों, तो योजनाओं का लाभ वास्तव में हर घर तक पहुँच सकता है।

न्यूज़ देखो: संवेदनशील प्रशासन से बदलती ग्रामीण व्यवस्था
विशुनपुर के इस शिविर ने साबित किया कि प्रशासनिक संवेदनशीलता और सक्रियता से शासन की योजनाएँ तेजी से और प्रभावी तरीके से लागू हो सकती हैं। बीडीओ सुलेमान मुंड़री की कार्यशैली ने ग्रामीणों के मन में भरोसा जगाया कि अधिकारी केवल कागज़ों पर नहीं बल्कि धरातल पर मौजूद हैं। यह आयोजन दिखाता है कि जब प्रशासन जनता के द्वार तक पहुँचता है, तो सरकार की नीयत और नीतियों दोनों का असर साफ दिखाई देता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
योजनाओं की सफलता प्रशासन और जनता की साझेदारी से तय होती है
जब अधिकारी स्वयं गाँव-गाँव पहुँचकर लोगों की बात सुनते हैं, तो योजनाओं का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। विशुनपुर का सफल कार्यक्रम यह दिखाता है कि विकास केवल योजनाओं से नहीं, बल्कि उनकी सही क्रियान्वयन भावना से होता है।
आइए, हम सभी जागरूक नागरिक बनकर अपने क्षेत्र में हो रहे बदलावों पर नजर रखें, प्रशासन के साथ सहयोग करें और अपने अधिकारों व सुविधाओं के प्रति सजग रहें।
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