
#बरवाडीह #धार्मिक_यात्रा : बरवाडीह से 20 श्रद्धालुओं का जत्था सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह अजमेर शरीफ की ज़ियारत के लिए रवाना।
लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड अंतर्गत कुचिला गांव से गुरुवार को 20 श्रद्धालुओं का एक जत्था अजमेर शरीफ की ज़ियारत के लिए रवाना हुआ। जत्था सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर श्रद्धा अर्पित करने जा रहा है। प्रस्थान से पूर्व गांव में विदाई समारोह आयोजित किया गया, जिसमें सामाजिक और धार्मिक प्रतिनिधियों ने यात्रियों को शुभकामनाएं दीं। यात्रा को गांव में आपसी भाईचारे और शांति के संदेश से जोड़ा गया।
- कुचिला गांव से 20 श्रद्धालुओं का जत्था रवाना।
- अजमेर शरीफ दरगाह की ज़ियारत के लिए यात्रा।
- हसीब अंसारी, इस्मुद्दीन, मसूद रज़ा सहित श्रद्धालु शामिल।
- निजाम अंसारी के आवास के समीप विदाई समारोह।
- मुखिया सतरोहन सिंह और ग्रामीणों ने दी शुभकामनाएं।
- गांव की शांति और खुशहाली के लिए मांगी गई दुआ।
लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड स्थित कुचिला गांव से 20 लोगों का एक श्रद्धालु जत्था देश की प्रसिद्ध सूफी दरगाह अजमेर शरीफ की ज़ियारत के लिए रवाना हुआ। यह धार्मिक यात्रा सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के प्रति अटूट श्रद्धा और आस्था का प्रतीक मानी जा रही है।
श्रद्धालुओं की भावपूर्ण विदाई
अजमेर शरीफ के लिए प्रस्थान से पहले कुचिला निवासी निजाम अंसारी के घर के सामने एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गांव के सामाजिक कार्यकर्ता, मस्जिद के मौलाना, गांव के सदर एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने ज़ियारत पर जा रहे श्रद्धालुओं को माला पहनाकर सम्मानित किया और उनकी सुरक्षित यात्रा की कामना की।
जत्थे में शामिल श्रद्धालु
इस जत्थे में हसीब अंसारी, इस्मुद्दीन, मसूद रज़ा, सुभानी अंसारी, कादिर अंसारी समेत अन्य श्रद्धालु शामिल हैं। सभी यात्रियों में यात्रा को लेकर विशेष उत्साह और आध्यात्मिक उल्लास देखा गया।
पंचायत प्रतिनिधियों की मौजूदगी
धार्मिक यात्रा की विदाई का नेतृत्व पंचायत मुखिया सतरोहन सिंह, कयूम अंसारी सहित गांव के कई गणमान्य लोगों ने किया। उन्होंने कहा कि ऐसी यात्राएं समाज में आपसी भाईचारे, प्रेम और सौहार्द को मजबूत करती हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता निजाम अंसारी ने कहा:
“अजमेर शरीफ की ज़ियारत केवल धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि इंसानियत, अमन और भाईचारे का संदेश भी है।”
गांव की खुशहाली के लिए दुआ
अजमेर शरीफ रवाना होने से पूर्व श्रद्धालुओं ने गांव में शांति, भाईचारे और खुशहाली के लिए विशेष दुआ मांगी। ग्रामीणों ने भी यात्रियों के सकुशल लौटने और यात्रा के मंगलमय होने की कामना की।
सूफी परंपरा से जुड़ा संदेश
हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह अजमेर शरीफ देश-विदेश में सूफी परंपरा, प्रेम और मानवता के लिए प्रसिद्ध है। यहां हर धर्म और वर्ग के लोग श्रद्धा के साथ माथा टेकते हैं। कुचिला गांव से निकला यह जत्था भी इसी परंपरा का हिस्सा बनकर गांव का नाम रोशन कर रहा है।
न्यूज़ देखो: आस्था और भाईचारे की मिसाल
कुचिला गांव से अजमेर शरीफ के लिए निकला श्रद्धालुओं का जत्था यह दर्शाता है कि धार्मिक यात्राएं समाज में आपसी सौहार्द और शांति का संदेश देती हैं। ऐसे आयोजन ग्रामीण सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
आस्था से जुड़कर बढ़ता है सामाजिक मेलजोल
धार्मिक यात्राएं केवल आस्था का विषय नहीं होतीं, बल्कि समाज को जोड़ने का माध्यम भी बनती हैं। कुचिला गांव की यह पहल आपसी भाईचारे की मिसाल है। इस सकारात्मक खबर को साझा करें, अपनी राय दें और सामाजिक एकता के ऐसे प्रयासों को आगे बढ़ाएं।





