
#धनबाद #साइबर_अपराध : एपीके फाइल से बैंक खाली करने वाला गिरोह बेनकाब, पुलिस ने जारी की सख्त चेतावनी।
धनबाद जिले में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के बीच पुलिस ने एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। गोविंदपुर थाना क्षेत्र के एक गेस्ट हाउस में छापेमारी कर चार शिक्षित साइबर अपराधियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपी एपीके फाइल के जरिए लोगों के मोबाइल हैक कर बैंक खातों से पैसे उड़ाते थे। पुलिस ने आम लोगों से ऐसे लिंक और फाइल से सतर्क रहने की अपील की है।
- धनबाद पुलिस ने होटल में छापेमारी कर चार साइबर अपराधी किए गिरफ्तार।
- एपीके फाइल के जरिए बैंक अकाउंट खाली करने का था तरीका।
- सभी आरोपी ग्रेजुएट और तकनीकी रूप से दक्ष।
- 13 मोबाइल फोन, डिजिटल डिवाइस और एक कार बरामद।
- गिरोह के तार उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र से जुड़े।
धनबाद जिले में साइबर अपराधियों की गतिविधियों पर लगातार नजर बनाए हुए पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। हाल के दिनों में एपीके फाइल के माध्यम से बैंक खातों से अवैध निकासी के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। इसी कड़ी में धनबाद पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो होटलों में ठहरकर साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था।
पुलिस ने इस कार्रवाई के बाद आम नागरिकों को सख्त चेतावनी जारी की है कि वे किसी भी अज्ञात नंबर से आए बैंक रिवार्ड, ई-चालान या अन्य किसी भी प्रकार के मैसेज में संलग्न APK फाइल को भूलकर भी डाउनलोड या ओपन न करें।
होटल में चल रहा था साइबर ठगी का खेल
सिटी एसपी ऋत्विक श्रीवास्तव ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि गोविंदपुर थाना क्षेत्र स्थित खालसा होटल के पास मां शांति गेस्ट हाउस में छापेमारी की गई। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ युवक होटल में ठहरकर संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
सूचना के सत्यापन के बाद पुलिस टीम ने छापेमारी कर चार युवकों को साइबर ठगी करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि ये अपराधी होटल को सुरक्षित ठिकाने के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे, ताकि उनकी गतिविधियों पर किसी को शक न हो।
सभी आरोपी उच्च शिक्षित और तकनीकी रूप से दक्ष
गिरफ्तार सभी साइबर अपराधी उच्च शिक्षित हैं और ग्रेजुएट बताए जा रहे हैं। बेहतर तकनीकी ज्ञान के कारण ये लोग खासतौर पर व्हाट्सएप अकाउंट हैकिंग और मोबाइल डेटा चोरी करने में माहिर थे।
सिटी एसपी ऋत्विक श्रीवास्तव ने कहा:
“ये अपराधी एपीके फाइल के जरिए लोगों के मोबाइल में घुसपैठ कर लेते थे। जैसे ही कोई व्यक्ति फाइल ओपन करता था, उसके मैसेज, ओटीपी और बैंक से जुड़ी जानकारी अपराधियों तक पहुंच जाती थी।”
गिरफ्तार अपराधियों के नाम और बरामदगी
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम हैं—
- रंजीत यादव (निवासी गिरिडीह)
- पवन कुमार मंडल (निवासी गिरिडीह)
- राहुल कुमार मंडल (निवासी गिरिडीह)
- विपिन कुमार पासवान (निवासी बिहार)
पुलिस ने इनके पास से—
- 13 मोबाइल फोन
- कई डिजिटल डिवाइस
- एक कार
- व्हाट्सएप चैट में पैसों के लेन-देन से जुड़े डिजिटल साक्ष्य
- विभिन्न बैंक खातों के डिजिटल रिकॉर्ड
बरामद किए हैं, जो साइबर ठगी के ठोस सबूत माने जा रहे हैं।
अन्य राज्यों से भी जुड़े हैं गिरोह के तार
जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि इस गिरोह का नेटवर्क केवल झारखंड तक सीमित नहीं है। सिटी एसपी के अनुसार आरोपी विपिन कुमार पासवान के बैंक खाते के खिलाफ पहले से ही उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में तीन साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज हैं।
इसके अलावा नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर भी इन आरोपियों से जुड़े मामले दर्ज पाए गए हैं, जिससे यह साफ है कि गिरोह अंतरराज्यीय स्तर पर सक्रिय था।
एपीके फाइल से कैसे होती है ठगी
पुलिस के अनुसार साइबर अपराधी लोगों को—
- बैंक रिवार्ड
- ई-चालान
- केवाईसी अपडेट
- लॉटरी या कैशबैक
जैसे मैसेज भेजते हैं, जिनमें APK फाइल होती है। जैसे ही व्यक्ति फाइल डाउनलोड कर ओपन करता है, मोबाइल का पूरा एक्सेस अपराधियों को मिल जाता है। इसके बाद ओटीपी, मैसेज और बैंक अलर्ट के जरिए खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं।
पुलिस की सख्त अपील
सिटी एसपी ऋत्विक श्रीवास्तव ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा:
“किसी भी अनजान नंबर से आए लिंक या एपीके फाइल को ओपन न करें। ऐसे मैसेज को तुरंत डिलीट करें और सतर्क रहें। आपकी छोटी सी लापरवाही भारी नुकसान में बदल सकती है।”
न्यूज़ देखो: सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव
साइबर अपराधी अब पढ़े-लिखे और तकनीकी रूप से दक्ष हो चुके हैं, जो आम लोगों को आसानी से निशाना बना रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन डिजिटल सुरक्षा में जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। अब जरूरी है कि लोग भी तकनीक का इस्तेमाल समझदारी से करें। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
डिजिटल सतर्कता ही सुरक्षित भविष्य
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