
#गिरिडीह #ट्रांसजेंडर_कल्याण : उपायुक्त ने जिला स्तरीय ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की बैठक में शिक्षा, पहचान पत्र और सरकारी योजनाओं से जोड़ने पर जोर दिया।
- उपायुक्त गिरिडीह ने जिला स्तरीय ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की बैठक अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में की।
- ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने, शिक्षित करने और योजनाओं से लाभान्वित करने पर जोर।
- सामाजिक एवं आर्थिक मैपिंग कर ट्रांसजेंडरों की शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका की वास्तविक स्थिति दर्ज करने का निर्देश।
- जल्द ही ट्रांसजेंडर पहचान पत्र (ID कार्ड) जारी करने हेतु अभियान चलाया जाएगा।
- समुदाय की निजता व गोपनीयता पूरी तरह सुरक्षित रखने का निर्देश।
- कौशल प्रशिक्षण, SHG, लघु उद्योग और सरकारी योजनाओं से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी।
गिरिडीह के उपायुक्त ने मंगलवार को जिला स्तरीय ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की बैठक में ट्रांसजेंडर समुदाय के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समाज की मुख्यधारा में ट्रांसजेंडरों को शामिल करने का सबसे प्रभावी माध्यम शिक्षा है, इसलिए प्रशासन उन्हें शिक्षित करने और सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए विशेष पहल कर रहा है। बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों को समुदाय के उत्थान के लिए कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए गए।
ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए नई नीतिगत पहल
उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन ट्रांसजेंडर समुदाय को पहचान, अधिकार और सम्मान दिलाने के लिए ठोस कदम उठा रहा है। इसके तहत एक विशेष कमिटी का गठन किया जाएगा, जो सरकारी योजनाओं से उन्हें जोड़ने की प्रक्रिया को सुचारू करेगी।
सामाजिक और आर्थिक मैपिंग होगी
प्रशासन ने निर्णय लिया कि जिले के सभी ट्रांसजेंडरों की सामाजिक एवं आर्थिक मैपिंग कराई जाएगी। इसमें शामिल होगा—
- शिक्षा का स्तर
- स्वास्थ्य स्थिति
- आजीविका की स्थिति
- जीवन-स्तर का वास्तविक आकलन
यह मैपिंग भविष्य की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में मददगार होगी।
पहचान पत्र जारी करने की प्रक्रिया तेज
ट्रांसजेंडर समुदाय को उनके अधिकारों से सीधा जोड़ने के लिए जल्द ही विशेष अभियान चलाकर—
- ट्रांसजेंडर पहचान पत्र (ID कार्ड)
- वोटर ID
- आधार कार्ड
- आभा कार्ड
- राशन कार्ड
तथा अन्य आवश्यक लाभ प्रदान किए जाएंगे।
उपायुक्त ने स्पष्ट रूप से कहा कि पूरी प्रक्रिया में समुदाय की गोपनीयता और सम्मान सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम
जिला प्रशासन का लक्ष्य ट्रांसजेंडर समुदाय को केवल सुविधाएँ देना नहीं, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। इसके तहत—
- कौशल विकास प्रशिक्षण
- स्वयं सहायता समूह (SHG)
- लघु व सूक्ष्म उद्योग
- सरकारी योजनाओं से जोड़ने
के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।
उपायुक्त ने कहा कि ट्रांसजेंडर समाज का अभिन्न अंग हैं और उन्हें समान अधिकार, अवसर और सम्मान मिलना चाहिए। प्रशासन सुनिश्चित करेगा कि जिले का हर ट्रांसजेंडर सुरक्षित, सम्मानजनक और गरिमापूर्ण जीवन जी सके।



न्यूज़ देखो: ट्रांसजेंडर कल्याण के लिए प्रशासन की संवेदनशील पहल
गिरिडीह जिला प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे ये कदम न सिर्फ सामाजिक समावेशन की दिशा में ऐतिहासिक पहल हैं, बल्कि ट्रांसजेंडर समुदाय को सशक्त बनाने की मजबूत प्रतिबद्धता भी दर्शाते हैं। ऐसी योजनाएँ भविष्य में सामाजिक संतुलन और समानता को मजबूत करेंगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
समानता की ओर कदम, समाज का दायित्व
ट्रांसजेंडर समुदाय को सम्मान, अवसर और अधिकार दिलाना हम सबकी जिम्मेदारी है। आइए, समावेशी समाज के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएँ, भेदभाव को नकारें और संवेदनशीलता को अपनाएँ।
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