
#पटना #सरकारगठन : जेडीयू और बीजेपी की बैठकों में नेतृत्व चयन के बाद नई सरकार के स्वरूप पर सबकी निगाहें
- जेडीयू की बैठक में नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना गया।
- बीजेपी ने सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता और विजय सिन्हा को उप नेता चुना।
- आज दोपहर 3.30 बजे पटना में होगी NDA की अहम बैठक।
- बैठक के बाद नीतीश कुमार राजभवन जाकर इस्तीफा और नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
- गुरुवार सुबह 11.30 बजे गांधी मैदान में होगा शपथ ग्रहण समारोह।
- नेतृत्व चयन के बाद सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा और शीर्ष नेताओं ने जताया आभार।
बिहार की राजनीति में बुधवार का दिन अत्यंत निर्णायक साबित हुआ, जब पटना में जेडीयू और बीजेपी की अलग-अलग बैठकों में सत्ता का पूरा ढांचा लगभग तय हो गया। जेडीयू ने पुनः नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना, जबकि बीजेपी ने अपने विधायक दल के नए नेता के रूप में सम्राट चौधरी और उप नेता के रूप में विजय सिन्हा के नाम पर मुहर लगा दी। इसके साथ ही नई एनडीए सरकार की रूपरेखा लगभग स्पष्ट हो गई है और अब हर किसी की नजर अगले कदमों पर टिकी है।
पटना में सुबह से तेज हुई राजनीतिक हलचल
बुधवार सुबह से पटना में लगातार बैठकों और चर्चाओं का दौर जारी रहा। लंबे समय से चल रहे नेतृत्व के समीकरणों पर आज निर्णायक फैसले लिए गए। जेडीयू की बैठक में नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुन लिया गया, जिससे यह तय हो गया कि वे ही नई एनडीए सरकार का नेतृत्व करेंगे। दूसरी ओर बीजेपी ने सम्राट चौधरी को नया नेता और विजय सिन्हा को उप नेता चुनकर अपनी भूमिका को भी मजबूत तरीके से स्पष्ट कर दिया।
बीजेपी नेता नित्यानंद राय ने कहा कि पार्टी ने सर्वसम्मति से सम्राट चौधरी पर विश्वास जताया है। वहीं सम्राट चौधरी ने भी शीर्ष नेतृत्व और विधायकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह जिम्मेदारी उनके लिए सम्मान और कर्तव्य दोनों है।
NDA की बड़ी बैठक से तय होगा सत्ता का अंतिम स्वरूप
एनडीए की महत्वपूर्ण बैठक दोपहर 3.30 बजे पटना में आयोजित की जाएगी, जहां सभी सहयोगी दल मिलकर नीतीश कुमार के नाम पर औपचारिक सहमति देंगे। बैठक के तुरंत बाद नीतीश कुमार राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा सौंपेंगे और नई सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत करेंगे।
इस बैठक में यह भी तय होने की संभावना है कि मंत्रिमंडल में किन दलों को कितने मंत्री मिलेंगे, किन नेताओं को प्रमुख मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी और पावर शेयरिंग का फॉर्मूला कैसा होगा। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर भी स्पष्टता आने की उम्मीद है।
शपथ ग्रहण तैयारी में प्रशासनिक मशीनरी सक्रिय
नई सरकार का शपथ ग्रहण गुरुवार सुबह 11.30 बजे पटना के गांधी मैदान में होने वाला है। इसे ऐतिहासिक समारोह बताया जा रहा है, जिसमें कई प्रमुख नेता, सहयोगी दलों के प्रतिनिधि, और बड़ी संख्या में आम नागरिकों की उपस्थिति की संभावना है।
नेतृत्व चयन के बाद सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य के विकास और सुशासन की दिशा में यह सरकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि “इतना बड़ा दायित्व दिया है, इसके लिए मैं पार्टी का धन्यवाद करता हूं।” बीजेपी नेताओं का कहना है कि शपथ ग्रहण समारोह नए राजनीतिक अध्याय की शुरुआत होगा।
कैसे बदल सकती है बिहार की राजनीतिक तस्वीर
नीतीश कुमार के पुनः नेतृत्व में सरकार बनने से बिहार में स्थिरता की उम्मीद जताई जा रही है। जेडीयू–बीजेपी की संयुक्त रणनीति से मंत्रिमंडल में नए चेहरे और कुछ अनुभवी नेताओं को संतुलित तरीके से स्थान मिलने की संभावना है। पावर शेयरिंग के तहत विभागों का बंटवारा भी राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए किया जाएगा।
न्यूज़ देखो: बिहार की सियासत में स्थिरता की नई कोशिश
बिहार में नई एनडीए सरकार का गठन यह संकेत देता है कि राजनीतिक अस्थिरता के दौर के बाद राज्य अब विकास की दिशा में नए अध्याय की ओर बढ़ना चाहता है। नेतृत्व का चयन स्पष्ट करता है कि दोनों बड़ी पार्टियाँ सुशासन और स्थिर प्रशासन के लिए तालमेल बिठाने को तैयार हैं। अब निगाहें इस पर होंगी कि मंत्रिमंडल में किसे जगह मिलती है और सरकार अपने शुरुआती दिनों में क्या प्राथमिकताएँ तय करती है।
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जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का वक्त
बिहार में नई सरकार की रूपरेखा तय होते ही जनता की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। यह अवसर है कि नया नेतृत्व शिक्षा, रोजगार, कानून-व्यवस्था और बुनियादी ढांचे की चुनौतियों पर तेज और ठोस कदम उठाए। लोकतंत्र तभी मजबूत होता है जब लोग जागरूक होकर शासन से जवाबदेही मांगें और सकारात्मक बदलाव में अपनी भूमिका निभाएं।
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