
#चंदवा #सड़कदुर्घटना : थाना परिसर के पास हुआ हादसा – पुलिस की तत्परता से बची बच्चे की जान
- चंदवा थाना परिसर के पास शनिवार सुबह थाना की पीसीआर वैन ने सड़क पार कर रहे एक स्कूली बच्चे को टक्कर मार दी।
- घायल छात्र संजीत कुमार, पिता संजय उरांव, ग्राम टुड़हामू का रहने वाला है।
- वाहन चालक तुरी तेज रफ्तार में वाहन चला रहा था, जिससे वाहन थाना की दीवार से जा टकराया।
- हादसे के बाद पुलिस ने घायल छात्र और चालक दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चंदवा पहुंचाया।
- डॉ. नीलिमा के अनुसार दोनों की हालत अब खतरे से बाहर है।
शनिवार की सुबह चंदवा थाना परिसर के बाहर एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। थाना की ही पीसीआर वैन, जो गश्ती पर निकली थी, अनियंत्रित होकर सड़क पार कर रहे स्कूली छात्र से टकरा गई। हादसे में छात्र संजीत कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत अस्पताल पहुंचाया।
तेज रफ्तार में आई थी थाना की पीसीआर वैन
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इंदिरा गांधी चौक की ओर से थाना की दिशा में आ रही पीसीआर वैन काफी तेज गति में थी। वाहन को तुरी नामक चालक चला रहा था। थाना के दक्षिण-पश्चिमी बाउंड्रीवाल के सामने अचानक वाहन अनियंत्रित हो गया और सड़क पार कर रहे छात्र संजीत कुमार को टक्कर मारते हुए दीवार से जा भिड़ा।
टक्कर इतनी तेज थी कि आसपास के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे। हादसे के बाद वाहन में सवार पुलिसकर्मी भी तुरंत बाहर निकले और बच्चे को बचाने में जुट गए।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई से बची बच्चे की जान
घटना के तुरंत बाद चंदवा थाना पुलिस ने घायल छात्र और चालक दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चंदवा भेजा। वहाँ डॉ. नीलिमा ने दोनों का इलाज किया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को सिर और पैर में चोट आई है, लेकिन दोनों की स्थिति अब स्थिर और खतरे से बाहर है।
डॉ. नीलिमा ने बताया: “दोनों को समय पर लाया गया, जिससे स्थिति बिगड़ने से बच गई। बच्चे को फिलहाल अस्पताल में निगरानी में रखा गया है।”
पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त वाहन को मौके से हटा दिया और जांच की प्रक्रिया शुरू की।
चालक को पड़ता है मिर्गी का दौरा
इस संबंध में चंदवा थानाध्यक्ष रंधीर कुमार ने बताया कि पीसीआर वैन के चालक को मिर्गी की बीमारी है। इसी कारण से वह वाहन पर नियंत्रण खो बैठा था।
थानाध्यक्ष रंधीर कुमार ने कहा: “चालक को पहले भी मिर्गी के कारण ऐसी समस्या हुई थी। यह दुर्घटना उसी की वजह से हुई, किसी प्रकार की लापरवाही का मामला नहीं है।”
हादसे के बाद थोड़ी देर तक थाना परिसर और आसपास के क्षेत्र में अफरा-तफरी मची रही। हालांकि पुलिस की तत्परता और लोगों की मदद से स्थिति जल्द सामान्य हो गई।
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यह घटना बताती है कि दुर्घटनाएं कब, कहां और कैसे हो सकती हैं, इसका अनुमान लगाना कठिन है। लेकिन पुलिस की तत्पर कार्रवाई और मानवीय संवेदनशीलता ने इस बार एक बच्चे की जान बचा ली। अब आवश्यक है कि ऐसे वाहनों के चालकों की चिकित्सीय जांच समय-समय पर की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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जिम्मेदारी और सावधानी ही सुरक्षा की कुंजी
सड़क पर छोटी सी लापरवाही भी बड़ी दुर्घटना में बदल सकती है। प्रशासन को चाहिए कि गश्ती वाहनों के चालकों की सेहत की नियमित जांच सुनिश्चित करे। वहीं नागरिकों को भी यातायात नियमों का पालन कर सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
अब समय है कि हम सभी मिलकर सड़क सुरक्षा को एक जनआंदोलन बनाएं। अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें और जागरूकता फैलाएं ताकि हर सड़क सुरक्षित बने।




