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गिरिडीह कॉलेज में “वंदे मातरम” के 150 वर्ष पूर्ण होने पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन

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#गिरिडीह #संस्कृति_समारोह : एनसीसी कैडेट्स ने “वंदे मातरम” के गौरवशाली 150 वर्ष पूरे होने पर प्रस्तुत की देशभक्ति की अनोखी झलक
  • गिरिडीह कॉलेज में “वंदे मातरम” गीत के 150 वर्ष पूरे होने पर एनसीसी हजारीबाग कमांडेंट ऑफिसर के निर्देशानुसार विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
  • कार्यक्रम का नेतृत्व प्रो. विनीता ने किया और इसमें एनसीसी कैडेट्स ने “भारत माता” को समर्पित वंदना प्रस्तुत की।
  • पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में पूनम कुमारी, नेहा परवीन और रुबी कुमारी ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया।
  • कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुज कुमार मुख्य अतिथि रहे और उन्होंने “वंदे मातरम” को भारतीय आत्मा का प्रतीक बताया।
  • इस अवसर पर सभी कैडेट्स और शिक्षकों ने देश की अखंडता और एकता बनाए रखने का संकल्प लिया।

गिरिडीह कॉलेज में शुक्रवार को देशभक्ति के वातावरण से भरा एक विशेष आयोजन किया गया। “वंदे मातरम” गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम का संचालन एनसीसी प्रभारी प्रो. विनीता के नेतृत्व में हुआ। एनसीसी हजारीबाग कमांडेंट ऑफिसर के दिशा-निर्देश पर आयोजित इस आयोजन में छात्रों ने देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत प्रस्तुति दी।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिता

कार्यक्रम की शुरुआत “भारत माता” की वंदना से हुई, जिसके बाद एनसीसी कैडेट्स ने “वंदे मातरम” गीत की सामूहिक प्रस्तुति दी। इसके साथ ही कॉलेज परिसर में “वंदे मातरम पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता” का आयोजन भी हुआ, जिसमें छात्राओं ने अपनी कलात्मक प्रतिभा और देशप्रेम का सुंदर संगम प्रस्तुत किया। प्रतियोगिता में पूनम कुमारी ने प्रथम स्थान, नेहा परवीन ने द्वितीय और रुबी कुमारी ने तृतीय स्थान हासिल किया।

प्राचार्य का प्रेरक संबोधन

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुज कुमार ने कहा कि “वंदे मातरम” सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि यह भारतीय अस्मिता, राष्ट्रभक्ति और एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को इस गीत से मिलने वाले त्याग, समर्पण और मातृभूमि प्रेम के संदेश को अपने जीवन में उतारना चाहिए।

डॉ. अनुज कुमार: “वंदे मातरम भारतीय आत्मा की आवाज है, जो हमें अपनी संस्कृति, गौरव और देश के प्रति समर्पण का बोध कराती है।”

आयोजन की सफलता और संकल्प

प्रो. विनीता ने कहा कि कवि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित यह अमर गीत आज भी देश की एकता और बलिदान की भावना को जीवंत करता है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों में राष्ट्रप्रेम की भावना को और प्रबल करना है।

कार्यक्रम में प्रो. धर्मेंद्र कुमार, प्रो. आशा रजवार, एनसीसी कैडेट्स सोनाली जायसवाल, बबीता मरांडी, उमेश सहित बी.एड. के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर देश की अखंडता और एकता को बनाए रखने का संकल्प लिया।

न्यूज़ देखो: संस्कृति और राष्ट्रभक्ति का जीवंत संगम

“वंदे मातरम” के 150 वर्ष पूरे होना भारत की सांस्कृतिक यात्रा का एक स्वर्णिम अध्याय है। गिरिडीह कॉलेज का यह आयोजन नई पीढ़ी में देशभक्ति की भावना को सशक्त करता है। यह हमें याद दिलाता है कि संस्कृति और राष्ट्रभक्ति, दोनों ही हमारे समाज की रीढ़ हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

राष्ट्रप्रेम से जुड़े हर कार्य में युवा बनें अग्रणी

अब समय है कि हम सब अपनी संस्कृति, भाषा और राष्ट्रभक्ति को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं। “वंदे मातरम” की गूंज को नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। इस खबर को साझा करें और भारत माता की जयकार के साथ एकता का संदेश फैलाएँ।

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Surendra Verma

डुमरी, गिरिडीह

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