
#सिमडेगा #जनसेवा : दूरस्थ क्षेत्र के विद्यालय में दंत परीक्षण, जागरूकता सामग्री और कम्बल वितरण से गरीबों को मिली राहत
- कार्यक्रम श्री सर्वेश्वरी समूह शाखा सिमडेगा द्वारा आयोजित किया गया।
- 26 नवंबर 2025, उत्क्रमित मध्य विद्यालय चियारीकानी में छात्रों के बीच आयोजित।
- गुमला से आए दंत चिकित्सक डॉ. अविनाश एवं उनकी टीम द्वारा मुफ्त दंत परीक्षण और परामर्श दिया गया।
- बच्चों को ब्रश, मंजन, जीभी, पेंसिल, रबर और कटर प्रदान किए गए।
- ठंड से बचाव हेतु गांव के वृद्ध, असहाय एवं दिव्यांग जनों को गर्म कम्बल वितरित किए गए।
- अभियान का उद्देश्य स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों में जागरूकता बढ़ाना रहा।
विस्तार से देखें तो यह कार्यक्रम न केवल स्वास्थ्य बल्कि शिक्षा और सामाजिक सेवा का उत्कृष्ट मिश्रण रहा। सुदूरवर्ती चियारीकानी गांव में आयोजित इस दंत चिकित्सा जागरूकता अभियान में डॉक्टरों की टीम ने बच्चों के दांतों की जांच की, बीमारी की पहचान की और उन्हें उपचार के बारे में मार्गदर्शन दिया। वहीं समूह की ओर से मुफ्त सामग्री वितरण ने गरीब बच्चों और जरूरतमंद परिवारों को ठंड से राहत देने में मदद की। कार्यक्रम ने सामुदायिक सेवा का प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया।
स्कूल में दंत परीक्षण और जागरूकता अभियान
उत्क्रमित मध्य विद्यालय, चियारीकानी में आयोजित इस सेवा कार्य में बच्चों का नि:शुल्क दंत परीक्षण, दंत रोगों की पहचान, तथा सही तरीके से दांत साफ करने की जानकारी दी गई।
डॉ. अविनाश और उनके सहयोगियों ने बच्चों से दांतों की स्वच्छता के बारे में निरंतर जागरूक रहने की अपील की।
डॉ. अविनाश ने कहा: “दांतों की सफाई केवल ब्रश करने तक सीमित नहीं, बल्कि सही तकनीक और नियमित जांच भी जरूरी है।”
बच्चों को टूथब्रश, मंजन और जीभी भी प्रदान किए गए। साथ ही, स्कूल में पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहन को बढ़ाने के लिए पेंसिल, रबर और कटर का वितरण किया गया, जिससे शिक्षा को भी प्रत्यक्ष समर्थन मिला।
ग्राम के जरूरतमंदों को वितरित हुए गर्म कम्बल
ठंड के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए श्री सर्वेश्वरी समूह द्वारा चियारीकानी गांव के उपेक्षित वृद्ध, असहाय और दिव्यांग व्यक्तियों को गर्म कम्बल वितरित किए गए। यह पहल उन परिवारों के लिए राहतभरी साबित हुई, जिनके पास ठंड से बचने के पर्याप्त साधन नहीं होते।
इस सामुदायिक सेवा ने लोगों को यह संदेश दिया कि समाज में कमजोर वर्ग की सहायता करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। संस्था के सदस्यों ने बताया कि ऐसे कार्यक्रम आगे भी जारी रहेंगे।
शिक्षा और स्वास्थ्य जागरूकता का संयुक्त प्रभाव
एक ही दिन में स्वास्थ्य और शिक्षा, दोनों क्षेत्रों को छूने वाली यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में परिवर्तन लाने वाला कदम मानी जा रही है। छात्र अब बेहतर स्वच्छता के साथ पढ़ाई के प्रति अधिक प्रेरित होंगे। वहीं, ग्रामीणों के लिए यह सेवा ठंड से मुकाबले की सुरक्षा ढाल साबित हुई।
न्यूज़ देखो: शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवा का मॉडल
यह कार्यक्रम केवल वितरण का आयोजन नहीं था, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण था। इसका संदेश स्पष्ट है कि यदि संस्थाएं और समाज मिलकर कार्य करें तो शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों को सुदृढ़ किया जा सकता है। विशेष रूप से दूरस्थ गांवों में ऐसी पहल बदलाव का आधार बन सकती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सेवा का संकल्प, समाज की शक्ति
समाज तब मजबूत होता है जब उसके लोग एक-दूसरे की जरूरतें समझकर आगे बढ़ते हैं। आज की यह पहल बताती है कि शिक्षित समाज केवल पढ़ने से नहीं, बल्कि साझा कर जीने से बनता है। आइए, हम भी अपने आस-पास ऐसे प्रयासों को प्रोत्साहित करें, जरूरतमंदों की मदद करें और बच्चों की शिक्षा व स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।
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