
#चैनपुर #संविधान_दिवस : प्रखंड मुख्यालय से लेकर सभी पंचायतों में संविधान की प्रस्तावना पढ़कर ली गई निष्ठा की शपथ—ग्रामीणों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को बनाया विशेष
- चैनपुर प्रखंड और इसकी 10 पंचायतों में संविधान दिवस पर विशेष आयोजन।
- बीआरसी कार्यालय परिसर में वरीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने संविधान की प्रस्तावना पढ़कर शपथ ली।
- बीपीओ सतेंद्र कुमार, जनसेवक, पंचायत सेवक, राजस्व कर्मचारी और अन्य कर्मी कार्यक्रम में शामिल हुए।
- सभी पंचायतों में मुखिया की अगुवाई में ग्रामीणों ने भारी संख्या में भाग लेकर शपथ ग्रहण किया।
- पंचायतों में न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व के मूल सिद्धांतों को बनाए रखने का संकल्प लिया गया।
- कार्यक्रम का उद्देश्य जनता में संवैधानिक जागरूकता और मौलिक कर्तव्यों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना रहा।
26 नवंबर को मनाए गए संविधान दिवस पर चैनपुर प्रखंड में उत्साह और जागरूकता का अद्भुत संगम देखने को मिला। प्रखंड मुख्यालय से लेकर सभी पंचायतों तक भारतीय संविधान की शपथ को सामूहिक रूप से ग्रहण करने का आयोजन किया गया, जिसमें प्रखंड के अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। बीआरसी कार्यालय के समीप आयोजित मुख्य समारोह में संविधान की प्रस्तावना को पढ़ते हुए निष्ठा और आस्था का संदेश पूरे क्षेत्र में संप्रेषित हुआ।
प्रखंड मुख्यालय में आयोजित मुख्य समारोह
चैनपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित बीआरसी कार्यालय परिसर में संविधान दिवस का सबसे बड़ा आयोजन हुआ। वरीय अधिकारियों, कर्मचारियों तथा पदाधिकारियों ने यहां संविधान की प्रस्तावना को पढ़कर सामूहिक शपथ ली। अधिकारियों के अनुसार यह आयोजन लोगों को संविधान के महत्व, उसकी मूल भावना और उसमें निहित आदर्शों से जोड़ने का महत्वपूर्ण अवसर था। इस शपथ ग्रहण में बीपीओ सतेंद्र कुमार, जनसेवक, पंचायत सेवक, राजस्व कर्मचारी और प्रखंड कार्यालय के अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान संविधान के ऐतिहासिक महत्व को याद करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भारतीय संविधान न केवल एक कानूनी दस्तावेज है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों का मजबूत आधार है।
पंचायत भवनों में मुखिया की अगुवाई में संकल्प
प्रखंड मुख्यालय के अलावा सभी 10 पंचायतों में भी संविधान दिवस बड़े उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। पंचायतों में आयोजित शपथ ग्रहण कार्यक्रमों की अगुवाई संबंधित पंचायतों के मुखिया ने की। पंचायत भवनों में ग्रामीणों की भारी उपस्थिति ने यह दर्शाया कि संविधान के मूल सिद्धांत आज भी लोगों की चेतना में जीवित हैं।
ग्रामीण, पंचायत के मुखिया, सचिव, रोजगार सेवक, प्रज्ञा केंद्र संचालक और अन्य स्थानीय नागरिकों ने एकजुट होकर न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को बनाए रखने तथा इन आदर्शों को समाज में लागू करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के दौरान डॉ. बी. आर. अंबेडकर के योगदान और संविधान निर्माण की ऐतिहासिक प्रक्रियाओं पर भी प्रकाश डाला गया।
संवैधानिक जागरूकता की दिशा में सफल पहल
चैनपुर प्रखंड में संविधान दिवस का आयोजन केवल एक औपचारिकता नहीं रहा, बल्कि लोगों को संविधान की भावना और उनके अधिकारों तथा कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने की दिशा में सफल प्रयास साबित हुआ। ग्रामीणों ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम उन्हें लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक जिम्मेदारियों को समझने का अवसर प्रदान करते हैं—विशेषकर युवाओं के लिए यह बेहद प्रेरक है।
न्यूज़ देखो: संविधान दिवस पर चैनपुर में जनता का शानदार संदेश
चैनपुर प्रखंड का यह आयोजन बताता है कि संवैधानिक जागरूकता केवल शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि गांवों में भी लोकतांत्रिक भावना मजबूत हो रही है। प्रशासन और पंचायत प्रतिनिधियों की संयुक्त भागीदारी ने साबित किया कि जनसहभागिता ही किसी भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सबसे बड़ी शक्ति है। ऐसे कार्यक्रम समाज में जागरूकता और जिम्मेदारी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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संविधान की शक्ति, जनता की भागीदारी
भारत का संविधान केवल कानूनों का संग्रह नहीं, बल्कि नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों का मार्गदर्शक है। चैनपुर प्रखंड का यह सामूहिक संकल्प हमें याद दिलाता है कि लोकतंत्र तभी मजबूत होता है जब आम नागरिक सक्रिय भागीदारी निभाते हैं। आइए, हम सभी संविधान के मूल्यों को जीवन में उतारने का प्रयास करें और अपने समुदाय को अधिक जागरूक बनाएं।
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