
#पलामू #स्वास्थ्य_लापरवाही : कुटमू गांव में झोलाछाप डॉक्टर के इंजेक्शन से महिला की मौत, ग्रामीणों में आक्रोश
- कुटमू गांव, पांडू प्रखंड में 45 वर्षीय सरिता देवी की संदिग्ध स्थिति में मौत।
- झोलाछाप फिरोज़ अंसारी द्वारा इंजेक्शन देने के बाद बिगड़ी महिला की तबीयत।
- गढ़वा अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित किया।
- झोलाछाप के दबाव में बिना केस दर्ज किए जल्दबाजी में अंतिम संस्कार।
- उपायुक्त के निर्देश के बावजूद क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक जारी।
पलामू जिले के पांडू प्रखंड के कुटमू गांव में रविवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहाँ झोलाछाप डॉक्टर की घोर लापरवाही ने एक महिला की जान छीन ली। 45 वर्षीय सरिता देवी, जो सामान्य सर्दी की दवा लेने गई थीं, उन्हें इलाज के नाम पर झोलाछाप फिरोज़ अंसारी द्वारा इंजेक्शन दे दिया गया। इंजेक्शन लगते ही उनकी तबीयत तेजी से बिगड़ने लगी और कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई। घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है और प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
घटना कैसे हुई
परिजनों ने बताया कि सरिता देवी सिर्फ हल्की सर्दी की दवा लेने फिरोज़ अंसारी के क्लिनिक गई थीं। लेकिन वहां उन्हें बिना किसी जांच के इंजेक्शन लगाया गया। इंजेक्शन लगते ही उनके मुँह से झाग निकलने लगा, शरीर कांपने लगा और वे सख्त बेचैनी व बेहोशी की शिकार हो गईं।
परिजनों ने तुरंत उन्हें गढ़वा सदर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने सरिता देवी को मृत घोषित कर दिया।
एक परिजन ने कहा: “हम तो साधारण दवा लेने ले गए थे, लेकिन डॉक्टर ने जबरन इंजेक्शन दे दिया, जिससे हमारी घर की एकलौती कमाने वाली सदस्य की जान चली गई।”
मृतका का अंतिम संस्कार दबाव में हुआ
सूत्रों के अनुसार, झोलाछाप फिरोज़ अंसारी ने परिजनों पर दबाव बनाया कि पुलिस केस न करें। इसी दबाव के कारण उन्होंने जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर दिया। मृतका के परिवार की आर्थिक स्थिति भी कमजोर बताई जा रही है, जिससे वे कानूनी लड़ाई लड़ने से डर रहे हैं।
पांडू में झोलाछापों का आतंक क्यों नहीं रुक रहा
स्थानीय लोगों ने बताया कि उपायुक्त पलामू की ओर से झोलाछापों पर कार्रवाई के कई निर्देश दिए गए हैं, लेकिन पांडू प्रखंड में इनका धंधा निर्भीक होकर चल रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासनिक छापेमारी कभी-कभार होती है, लेकिन झोलाछाप डॉक्टर दोबारा सक्रिय हो जाते हैं।
एक स्थानीय निवासी ने कहा: “डीसी मैडम सख्ती करती हैं, फिर भी पांडू में झोलाछाप खुलेआम इलाज कर रहे हैं। प्रशासन को कड़ा अभियान चलाना होगा।”
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि:
- झोलाछाप फिरोज़ अंसारी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
- पांडू प्रखंड में मेडिकल जांच अभियान चलाया जाए।
- गांवों में स्वास्थ्य उपकेंद्रों की व्यवस्था सुधारी जाए ताकि लोग झोलाछापों के भरोसे न रहें।
- मृतका के परिवार को मुआवजा दिया जाए और न्याय सुनिश्चित किया जाए।
प्रशासन ने शुरुआत की जांच
घटना के बाद अंचल स्तर पर मामले की प्रारंभिक जानकारी ली जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यह मामला केवल एक महिला की मौत का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था के पतन का संकेत है।
क्षेत्र में बढ़ रहा खतरा
पांडू जैसे ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भरता अधिक होने की वजह से अक्सर ऐसी घटनाएँ सामने आती रहती हैं। इंजेक्शन से हुई रिएक्शन, नकली दवाएँ और गलत दवाइयों का उपयोग यहां आम समस्या बन चुकी है।
झोलाछापों के खिलाफ कार्रवाई क्यों जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि झोलाछाप डॉक्टर चिकित्सा विज्ञान का प्रशिक्षण नहीं लेते, फिर भी इंजेक्शन और दवाएं देने का जोखिम उठाते हैं। इससे कई बार मरीजों की जान चली जाती है। अगर प्रशासन कड़ा अभियान चलाए, तो ऐसे हादसों को रोका जा सकता है।
न्यूज़ देखो: पांडू की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल
यह घटना बताती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बेहद चिंताजनक है। प्रशासन के सख्त निर्देशों के बावजूद झोलाछापों का कारोबार जारी रहना एक गंभीर कमजोरी को उजागर करता है। इस मामले में दोषियों पर त्वरित कार्रवाई और स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जागरूक नागरिक बनें, सुरक्षित इलाज की मांग करें
स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण अधिकार को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही अस्वीकार्य है। ग्रामीणों को चाहिए कि जान जोखिम में डालकर झोलाछापों के पास जाने के बजाय प्रमाणित चिकित्सा सुविधाओं की मांग करें।
ऐसी घटनाएँ हमें याद दिलाती हैं कि एकजुट होकर आवाज उठाने से प्रशासन को मजबूती मिलती है और व्यवस्था में सुधार संभव होता है।
अपनी राय कमेंट में लिखें, खबर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक साझा करें, और जागरूकता फैलाकर किसी और परिवार की ऐसी दर्दनाक घटना को रोकने में मदद करें।




