
#गिरिडीह #बालदिवस : पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर विद्यालय में खेल प्रतियोगिता, प्रेरक भाषण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ बाल दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया।
- पारसनाथ दिगम्बर जैन मध्य विद्यालय, ईसरी बाजार में बाल दिवस धूमधाम से मनाया गया।
- देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित।
- खेल प्रतियोगिता का आयोजन शिक्षक नेम कुमार जैन, अशोक सिन्हा, महेश साव द्वारा कराया गया।
- प्रधानाध्यापक सुनील कुमार जैन ने बच्चों को प्रेरक संदेश दिए।
- शिक्षकों ने छात्रों को जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
- बच्चों के बीच टॉफी वितरण कर खुशी साझा की गई।
बाल दिवस के अवसर पर पारसनाथ दिगम्बर जैन मध्य विद्यालय, ईसरी बाजार (डुमरी), गिरिडीह का परिसर आज उत्साह, मुस्कान और बच्चों की ऊर्जा से झूम उठा। पूरे देश की तरह इस विद्यालय में भी पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती को बाल दिवस के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत छात्र-छात्राओं के बीच आयोजित खेल प्रतियोगिताओं से हुई, जिसके बाद एक प्रेरणादायक सभा का आयोजन किया गया। शिक्षकों और विद्यालय प्रशासन ने बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने, सपने देखने और जिम्मेदार नागरिक बनने का संदेश दिया।
खेल प्रतियोगिता से बढ़ा उत्साह
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के परिसर में आयोजित खेल प्रतियोगिताओं से हुई, जिसे शिक्षक नेम कुमार जैन, अशोक सिन्हा, और महेश साव ने मिलकर सम्पन्न कराया। विभिन्न खेलों में भाग लेने को लेकर बच्चों में विशेष उत्साह देखने को मिला। प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों में टीमवर्क, अनुशासन और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को प्रोत्साहित किया गया।
प्रधानाध्यापक का प्रेरणादायक संबोधन
प्रधानाध्यापक सुनील कुमार जैन ने कहा: “पंडित नेहरू बच्चों से अत्यधिक प्रेम करते थे और बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। बच्चे किसी भी देश की सबसे मूल्यवान संपत्ति होते हैं। आने वाला कल इन्हीं बच्चों के हाथों में है—वे ही आगे चलकर हमारे देश के वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर और राष्ट्र निर्माता बनेंगे।”
उन्होंने बच्चों को सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि खेल, कला और अन्य गतिविधियों में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
शिक्षकों ने दिए मूल्यवान संदेश
नेम कुमार जैन और राजेश कुमार ठाकुर ने भी अपने संबोधन में कहा कि हर बच्चा अनोखी प्रतिभा लेकर पैदा होता है और उसे सही दिशा देने की जिम्मेदारी विद्यालय और समाज की होती है। उन्होंने छात्रों को जीवन में लगन और मेहनत के साथ आगे बढ़ते रहने की सलाह दी।
बच्चों में खुशियां बांटी गईं
कार्यक्रम के अंत में बच्चों के बीच टॉफी का वितरण किया गया, जिससे पूरे परिसर में एक आनंदमय माहौल बन गया। शिक्षक और छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में बाल दिवस के इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
इस अवसर पर नेम कुमार जैन, अशोक कुमार सिन्हा, राजेश कुमार ठाकुर, अंकित जैन, महेश साव, महेश कुमार, शक्ति प्रसाद महतो, जितेंद्र प्रसाद, शिक्षिकाओं में निकी कुमारी, ममता कुमारी, मनोरमा कुमारी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं।

न्यूज़ देखो: बाल दिवस बच्चों के अधिकार, सम्मान और सपनों की याद दिलाता है
बाल दिवस सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि बच्चों के अधिकार, शिक्षा और सुरक्षा की प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर है। विद्यालयों में ऐसे आयोजन बच्चों के अंदर आत्मविश्वास जगाते हैं और उन्हें अपनी क्षमताओं को पहचानने का मंच प्रदान करते हैं। समाज के हर वर्ग को बच्चों के भविष्य को संवारने की दिशा में योगदान देना चाहिए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बच्चे देश का भविष्य—उनकी मुस्कान सबसे बड़ी पूंजी
बच्चे जहां खुश होते हैं, वहीं देश का भविष्य रोशन होता है। आज का बाल दिवस हमें याद दिलाता है कि हर बच्चे को प्यार, सम्मान और अवसर मिलना चाहिए। अब समय है कि हम सभी उनके सपनों को नई उड़ान देने में अपनी भूमिका निभाएं।
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