
#गुमला #नाबालिगउत्प्रेरणमामला : चैनपुर अंचल के कुटमा गांव का युवक बंधा असुर गिरफ्तार — नाबालिग लड़की को भगाकर हिमाचल प्रदेश पहुंचा था, पुलिस ने दोनों को सकुशल किया बरामद
- 20 वर्षीय बंधा असुर को गुमला पुलिस ने हिमाचल प्रदेश से किया गिरफ्तार
- नाबालिग लड़की को भगाकर ले जाने का है गंभीर आरोप
- लड़की के भाई ने कुरूमगढ़ थाना में दर्ज कराई थी शिकायत
- पुलिस ने मात्र 20 दिनों में की बरामदगी और युवक को भेजा जेल
- लड़की का धारा 164 के तहत बयान और मेडिकल परीक्षण भी कराया गया
स्कूल से शुरू हुआ प्रेम, हिमाचल तक पहुंचा मामला
गुमला जिले के चैनपुर अंचल अंतर्गत कुटमा गांव निवासी बंधा असुर (20 वर्ष) और एक नाबालिग लड़की (17 वर्ष) की प्रेम कहानी बचपन में स्कूल के दिनों से शुरू हुई थी। दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते थे और पांचवीं कक्षा से ही उनके बीच प्रेम-संबंध पनपने लगे थे। समय बीतने के साथ उनका रिश्ता गहराता गया और उन्होंने साथ जीवन बिताने का निर्णय लिया।
लेकिन लड़की के परिवारवालों ने इस रिश्ते को मान्यता नहीं दी। अंतरजातीय होने के कारण परिजनों ने इसका विरोध किया। इसके बाद, युवक कथित तौर पर लड़की को भगाकर हिमाचल प्रदेश ले गया।
लड़की के भाई ने की शिकायत, 20 दिनों में हुई कार्रवाई
पिछले महीने लड़की के भाई ने कुरूमगढ़ थाना में जाकर अपनी बहन के लापता होने और बंधा असुर द्वारा भगाए जाने की लिखित शिकायत दी थी। शिकायत मिलने के बाद कुरूमगढ़ पुलिस ने त्वरित जांच प्रारंभ की और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर युवक व लड़की के हिमाचल में होने की जानकारी प्राप्त की।
पुलिस की एक टीम ने हिमाचल पहुंचकर दोनों को सकुशल बरामद किया और गुरुवार शाम 4 बजे बंधा असुर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
कानूनी प्रक्रिया पूरी, पीड़िता का बयान और मेडिकल परीक्षण
थाना प्रभारी मुनेश तिवारी ने बताया:
मुनेश तिवारी ने कहा: “लड़की का बयान धारा 164 CrPC के तहत दर्ज कर लिया गया है। उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष भी प्रस्तुत किया गया और मेडिकल परीक्षण भी पूरा कराया गया है।”
पुलिस अब पूरे मामले की तफ्तीश कर रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि युवक ने लड़की को जबरन भगाया या लड़की की सहमति भी थी। हालांकि, चूंकि लड़की नाबालिग है, इसलिए कानूनन यह अपराध की श्रेणी में आता है।
न्यूज़ देखो: समय पर कार्रवाई से बची एक बड़ी घटना
गुमला पुलिस की तेज कार्रवाई और सतर्कता के कारण एक संभावित गंभीर अपराध पर 20 दिनों के भीतर लगाम कस दी गई। यह दर्शाता है कि पुलिस की सक्रियता से समाज में कानून का डर बना रह सकता है।
न्यूज़ देखो मानता है कि इस प्रकार के मामलों में त्वरित जांच, बरामदगी और न्यायिक प्रक्रिया से बाल अधिकारों की सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी को मजबूती मिलती है।
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युवा संबंधों में जिम्मेदारी और संवेदनशीलता की जरूरत
समाज को चाहिए कि प्रेम-संबंधों को विवेक और वैधानिक दायरे में समझे। युवाओं को यह सीखना चाहिए कि कानून से ऊपर कोई भावना नहीं है, और परिवारों को भी संवाद और सहमति का मार्ग अपनाना चाहिए।
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