Giridih

निलंबित आईएएस विनय चौबे पर एसीबी का शिकंजा, गिरिडीह में टाटा मोटर्स शोरूम सील

#गिरिडीह #भ्रष्टाचार_जांच : आय से अधिक संपत्ति मामले में एसीबी की बड़ी कार्रवाई, कई जिलों में छापेमारी।

निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच तेज कर दी है। इसी क्रम में गिरिडीह जिले के बोड़ो इलाके में स्थित टाटा मोटर्स शोरूम को सील किया गया है। यह कार्रवाई विनय चौबे, उनके परिजनों और करीबी सहयोगियों के कथित अवैध निवेश की जांच के तहत की गई। मामले को प्रशासनिक स्तर पर बेहद गंभीर माना जा रहा है।

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  • निलंबित आईएएस विनय कुमार चौबे पर आय से अधिक संपत्ति के आरोप।
  • एसीबी ने गिरिडीह के बोड़ो स्थित टाटा मोटर्स शोरूम को किया सील।
  • शोरूम स्निग्धा सिंह के नियंत्रण में संचालित होने की जानकारी।
  • गिरिडीह, धनबाद, कोडरमा, रांची, देवघर में एकसाथ छापेमारी।
  • अवैध कमाई को ऑटोमोबाइल व्यवसाय में निवेश करने का संदेह।

निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे के खिलाफ चल रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोपों की पड़ताल करते हुए एसीबी ने गिरिडीह जिले के बोड़ो क्षेत्र में स्थित टाटा मोटर्स के शोरूम को सील कर दिया है। यह कार्रवाई चौबे से जुड़े आर्थिक नेटवर्क को खंगालने के उद्देश्य से की गई है।

गिरिडीह में एसीबी की बड़ी कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, एसीबी की विशेष टीम बोड़ो स्थित टाटा मोटर्स शोरूम पहुंची और पचम्बा थाना पुलिस के सहयोग से पूरे परिसर को सील कर दिया। बताया जा रहा है कि यह शोरूम स्निग्धा सिंह के नियंत्रण में संचालित है। एसीबी की इस कार्रवाई से जिले में हड़कंप मच गया और स्थानीय स्तर पर मामले की व्यापक चर्चा शुरू हो गई।

कई जिलों में एकसाथ छापेमारी

एसीबी की जांच केवल गिरिडीह तक सीमित नहीं है। जानकारी के अनुसार, धनबाद, कोडरमा, रांची, देवघर सहित कई अन्य जिलों में भी एकसाथ छापेमारी की गई है। इन सभी स्थानों पर विनय चौबे से जुड़े व्यक्तियों और संस्थानों के ठिकानों की गहन तलाशी ली जा रही है।

जांच एजेंसी का फोकस उन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर है, जहां कथित तौर पर अवैध कमाई को निवेश के रूप में खपाया गया है।

वित्तीय दस्तावेजों की गहन जांच

छापेमारी के दौरान एसीबी अधिकारियों ने टाटा मोटर्स शोरूम से जुड़े वित्तीय लेन-देन, आयकर रिटर्न, बैंक खातों और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जब्त कर उनकी जांच शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि दस्तावेजों के आधार पर यह पता लगाया जा रहा है कि निवेश की गई राशि का स्रोत क्या है और क्या यह आय वैध रूप से अर्जित की गई थी।

सहयोगियों के माध्यम से निवेश का आरोप

एसीबी को जांच में यह जानकारी मिली है कि स्निग्धा सिंह, आईएएस विनय कुमार चौबे के करीबी सहयोगी विनय सिंह की पत्नी हैं। आरोप है कि विनय चौबे ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की और इस धन को अपने खास सहयोगी ऑटोमोबाइल व्यवसायी विनय सिंह और उनकी पत्नी के माध्यम से विभिन्न व्यवसायों में निवेश कराया।

फरार बताई जा रही हैं स्निग्धा सिंह

जांच एजेंसी के अनुसार, स्निग्धा सिंह फिलहाल फरार हैं। उनकी तलाश में एसीबी पहले ही बिहार और दिल्ली के कई ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। एसीबी का मानना है कि पूछताछ के दौरान स्निग्धा सिंह से इस पूरे आर्थिक नेटवर्क को लेकर अहम जानकारियां मिल सकती हैं।

टाटा मोटर्स शोरूम में काले धन के उपयोग का संदेह

जांच में यह भी सामने आया है कि कथित तौर पर विनय चौबे की अवैध कमाई का उपयोग टाटा मोटर्स के विभिन्न शोरूमों में किया गया। एसीबी अब यह पता लगाने में जुटी है कि इन शोरूमों में निवेश की गई राशि किस तरह से और किन माध्यमों से पहुंची।

प्रशासनिक हलकों में बढ़ी हलचल

निलंबित आईएएस अधिकारी से जुड़े इस मामले में लगातार हो रही कार्रवाइयों से प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में भी हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में जांच का दायरा और बढ़ सकता है तथा और भी संपत्तियों पर कार्रवाई संभव है।

न्यूज़ देखो: सत्ता, संपत्ति और जांच का बड़ा सवाल

निलंबित आईएएस विनय चौबे के खिलाफ एसीबी की कार्रवाई यह दर्शाती है कि भ्रष्टाचार के मामलों में अब जांच एजेंसियां गहराई तक जा रही हैं। शोरूम सील होना यह संकेत देता है कि जांच केवल व्यक्तियों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पूरे आर्थिक नेटवर्क को उजागर किया जाएगा। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि आगे कौन-कौन से नाम सामने आते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जवाबदेही तय होना जरूरी

भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों में सख्त और पारदर्शी कार्रवाई जनता का भरोसा मजबूत करती है। प्रशासनिक पदों पर बैठे लोगों की जवाबदेही तय होना लोकतंत्र की बुनियाद है। इस खबर पर अपनी राय साझा करें, लेख को आगे बढ़ाएं और पारदर्शी व्यवस्था के समर्थन में जागरूकता फैलाएं।

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Surendra Verma

डुमरी, गिरिडीह

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