
#दुमका #पत्रकार_सुरक्षा : पत्रकार के साथ मारपीट मामले में थाना प्रभारी निलंबित, संगठन ने किया स्वागत।
दुमका जिले के हंसडिहा थाना में पत्रकार के साथ कथित मारपीट और गाली-गलौज के मामले में दुमका एसपी द्वारा थाना प्रभारी को निलंबित किए जाने की कार्रवाई को पत्रकार हित में अहम कदम माना जा रहा है। आर्यावर्त श्रमजीवी पत्रकार संघ के केंद्रीय उपाध्यक्ष रामनिवास तिवारी ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए समय पर कार्रवाई कर एक सकारात्मक संदेश दिया है। यह फैसला पत्रकारों की सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा महत्वपूर्ण उदाहरण बनकर सामने आया है।
- हंसडिहा थाना में पत्रकार के साथ मारपीट और गाली-गलौज का आरोप।
- दुमका एसपी द्वारा थाना प्रभारी का तत्काल निलंबन।
- न्यूज़ देखो में खबर प्रकाशित होने के बाद बढ़ा दबाव।
- आर्यावर्त श्रमजीवी पत्रकार संघ ने कार्रवाई को बताया उचित।
- रामनिवास तिवारी ने पत्रकार संगठनों से संयम बरतने की अपील की।
दुमका जिले के हंसडिहा थाना से जुड़ा मामला इन दिनों राज्यभर के पत्रकारों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। थाना परिसर में एक पत्रकार के साथ बैठाकर मारपीट और गाली-गलौज किए जाने के आरोप के बाद प्रशासनिक कार्रवाई ने इस प्रकरण को नया मोड़ दे दिया है। इस पूरे मामले को लेकर पत्रकार संगठनों में आक्रोश व्याप्त था, वहीं अब दुमका एसपी द्वारा त्वरित निर्णय लिए जाने से राहत की भावना देखी जा रही है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, हंसडिहा थाना में एक पत्रकार को कथित रूप से थाना में बैठाकर न सिर्फ अपमानित किया गया, बल्कि उसके साथ मारपीट और गाली-गलौज भी की गई। इस घटना की जानकारी सामने आने के बाद पत्रकार संगठनों ने इसे स्वतंत्र पत्रकारिता पर हमला बताया। मामला तूल पकड़ने के बाद विभिन्न माध्यमों में यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित हुई, जिससे प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बढ़ा।
न्यूज़ देखो में खबर के बाद बढ़ी हलचल
आर्यावर्त श्रमजीवी पत्रकार संघ के केंद्रीय उपाध्यक्ष रामनिवास तिवारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि यह मामला न्यूज़ देखो में प्रकाशित होने के बाद और गंभीर हुआ। उन्होंने कहा कि पत्रकार संगठनों की ओर से 72 घंटे की चेतावनी दी गई थी, लेकिन प्रशासन ने 24 घंटे के भीतर ही कार्रवाई कर दी, जो सराहनीय है।
दुमका एसपी की त्वरित कार्रवाई
मामले को गंभीरता से लेते हुए दुमका एसपी ने हंसडिहा थाना प्रभारी को तत्काल निलंबित कर दिया। इस निर्णय को पत्रकार हित में बड़ा कदम माना जा रहा है। प्रशासन की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश गया है कि पत्रकारों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
रामनिवास तिवारी का बयान
आर्यावर्त श्रमजीवी पत्रकार संघ के केंद्रीय उपाध्यक्ष रामनिवास तिवारी ने कहा:
रामनिवास तिवारी ने कहा: “हंसडिहा थाना प्रभारी को हटाना दुमका एसपी का बिल्कुल उचित और साहसिक कदम है। इससे यह साबित होता है कि प्रशासन पत्रकारों की गरिमा और सुरक्षा को लेकर संवेदनशील है।”
उन्होंने आगे कहा कि पुलिस प्रशासन द्वारा समय पर की गई कार्रवाई से पत्रकारों का भरोसा मजबूत हुआ है।
पत्रकार संगठनों को संयम बरतने की अपील
रामनिवास तिवारी ने इस मौके पर झारखंड के सभी पत्रकार संगठनों से संयम बरतने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि प्रशासन की सकारात्मक पहल को देखते हुए संवाद और लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखना अधिक प्रभावी होता है। उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर एकजुटता जरूरी है, लेकिन साथ ही संतुलन बनाए रखना भी उतना ही आवश्यक है।
पत्रकार सुरक्षा पर उठते सवाल
इस घटना ने एक बार फिर पत्रकारों की सुरक्षा और सम्मान से जुड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। थाना जैसे संवेदनशील स्थान पर पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार की घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की स्वतंत्रता पर भी चिंता पैदा करती है। हालांकि, इस मामले में त्वरित कार्रवाई से यह संकेत जरूर मिला है कि प्रशासन ऐसे मामलों को नजरअंदाज नहीं करेगा।
भविष्य के लिए संदेश
प्रशासनिक कार्रवाई के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि पुलिस और मीडिया के बीच समन्वय और संवाद बेहतर होगा। पत्रकारों का कहना है कि वे सिर्फ जनहित में कार्य करते हैं और उन्हें सम्मान व सुरक्षा मिलना आवश्यक है।

न्यूज़ देखो: पत्रकार सम्मान की दिशा में मजबूत संकेत
दुमका एसपी की कार्रवाई यह दर्शाती है कि प्रशासन अब पत्रकारों से जुड़े मामलों को हल्के में नहीं ले रहा है। यह फैसला न केवल एक अधिकारी पर कार्रवाई है, बल्कि पूरे सिस्टम के लिए चेतावनी भी है। ऐसे मामलों में त्वरित निर्णय विश्वास बहाल करते हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती देते हैं। आगे यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या स्थायी कदम उठाए जाते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
पत्रकारिता की गरिमा की रक्षा हम सबकी जिम्मेदारी
पत्रकार समाज की आवाज होते हैं और उनकी सुरक्षा लोकतंत्र की मजबूती से जुड़ी है।
प्रशासन और मीडिया के बीच सम्मानजनक संवाद समय की मांग है।
ऐसी घटनाओं पर सजग रहना और कानूनी तरीके से आवाज उठाना जरूरी है।
आप भी अपनी राय साझा करें, खबर को आगे बढ़ाएं और पत्रकार सम्मान के समर्थन में जागरूकता फैलाएं।





