
#पलामू #धान_अधिप्राप्ति : किसानों तक खरीफ 2025-26 की धान खरीद और खाद्य योजनाओं की जानकारी पहुंचाने की पहल।
पलामू जिले में धान अधिप्राप्ति अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से प्रशासन ने किसानों को जागरूक करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को समाहरणालय परिसर से उपायुक्त समीरा एस ने तीन जागरूकता रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये रथ खरीफ विपणन मौसम 2025-26 के तहत चल रही धान खरीद प्रक्रिया, पंजीकरण और भुगतान व्यवस्था की जानकारी गांव-गांव पहुंचाएंगे। इस पहल का उद्देश्य किसानों को बिचौलियों से बचाना और उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य का सीधा लाभ दिलाना है।
- उपायुक्त समीरा एस ने तीन जागरूकता रथों को दिखाई हरी झंडी।
- खरीफ विपणन मौसम 2025-26 के तहत धान खरीद की जानकारी गांवों तक पहुंचेगी।
- पलामू जिले में 63 धान अधिप्राप्ति केंद्र किए गए हैं स्थापित।
- ई-उपार्जन ऐप और पोर्टल से पंजीकरण, स्लॉट बुकिंग और भुगतान की सुविधा।
- किसानों को बिचौलियों से दूर रहने की प्रशासन की अपील।
पलामू जिले में धान अधिप्राप्ति को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है। किसानों को योजनाओं की सही जानकारी देने और उन्हें सरकारी व्यवस्था से जोड़ने के लिए सोमवार को समाहरणालय परिसर से तीन जागरूकता रथ रवाना किए गए। इस दौरान जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त समीरा एस के साथ अपर समाहर्ता कुंदन कुमार भी मौजूद रहे।
उपायुक्त ने बताया कि जागरूकता रथों के माध्यम से किसानों को धान खरीद की पूरी प्रक्रिया, पंजीकरण, भुगतान और सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी जाएगी, ताकि किसी भी किसान को भ्रम या शोषण का सामना न करना पड़े।
धान अधिप्राप्ति अभियान की विस्तृत जानकारी
उपायुक्त समीरा एस ने जानकारी दी कि पलामू जिले में धान अधिप्राप्ति के लिए कुल 63 अधिप्राप्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों पर किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान की खरीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया 15 दिसंबर 2025 से शुरू हो चुकी है।
राज्य स्तर पर खरीफ विपणन मौसम 2025-26 के तहत लगभग 60 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें पलामू जिले की भी अहम भूमिका है।
डिजिटल व्यवस्था से पारदर्शिता पर जोर
प्रशासन ने धान अधिप्राप्ति को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के लिए डिजिटल व्यवस्था को प्राथमिकता दी है। किसानों को ई-उपार्जन मोबाइल ऐप और पोर्टल के माध्यम से स्वयं पंजीकरण करने, स्लॉट बुक करने और भुगतान की स्थिति देखने की सुविधा दी गई है।
सभी अधिप्राप्ति केंद्रों पर ई-पॉस मशीन के जरिए बायोमेट्रिक सत्यापन की व्यवस्था की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि धान वास्तविक किसानों से ही खरीदा जाए और किसी भी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे।
जागरूकता रथों का उद्देश्य
रवाना किए गए जागरूकता रथ जिले के ग्रामीण इलाकों में जाकर किसानों को धान अधिप्राप्ति से जुड़ी हर जरूरी जानकारी देंगे। इन रथों के माध्यम से किसानों को बताया जाएगा कि धान बेचने की सही प्रक्रिया क्या है, कहां पंजीकरण कराना है और भुगतान किस प्रकार होगा।
इसके साथ ही जागरूकता रथों के जरिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस), राशन कार्ड, खाद्य सुरक्षा योजना और उपभोक्ता अधिकारों से जुड़ी सरकारी योजनाओं की जानकारी भी ग्रामीणों तक पहुंचाई जाएगी।
जिला आपूर्ति पदाधिकारी की अपील
इस अवसर पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रीति किस्कू ने किसानों से अपील की कि वे अपना धान केवल निर्धारित अधिप्राप्ति केंद्रों पर ही बेचें। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि किसी भी बिचौलिये या दलाल के झांसे में न आएं।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन किसानों ने अब तक अपना पंजीकरण नहीं कराया है, वे शीघ्र ही ई-उपार्जन पोर्टल पर निबंधन कराएं, ताकि उन्हें समय पर समर्थन मूल्य, एकमुश्त भुगतान और अन्य सुविधाओं का लाभ मिल सके।
किसानों के हित में प्रशासनिक पहल
उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन किसानों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया को सरल, सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए हर स्तर पर निगरानी रखी जा रही है। किसी भी प्रकार की शिकायत या समस्या के समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी अधिप्राप्ति केंद्र पर अनियमितता की शिकायत मिलती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गांव-गांव तक पहुंचेगी सरकारी जानकारी
जागरूकता रथों के माध्यम से सरकार की मंशा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले छोटे और सीमांत किसानों तक भी योजनाओं की पूरी जानकारी पहुंचे। इससे न केवल किसानों को उचित मूल्य मिलेगा, बल्कि खाद्य सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं का लाभ भी सही पात्रों तक पहुंच सकेगा।
न्यूज़ देखो: किसानों को सशक्त करने की दिशा में कदम
धान अधिप्राप्ति को लेकर जागरूकता रथों की शुरुआत यह दिखाती है कि प्रशासन अब केवल योजनाएं बनाने तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि उन्हें जमीनी स्तर तक पहुंचाने पर जोर दे रहा है। चुनौती यह है कि यह जागरूकता वास्तविक लाभ में कितनी तब्दील होती है। अधिप्राप्ति केंद्रों पर व्यवस्था की गुणवत्ता और भुगतान की समयबद्धता पर सबकी नजर रहेगी। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जागरूक किसान, मजबूत व्यवस्था
किसानों के लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण है। सही जानकारी और सतर्कता से ही वे अपनी मेहनत का पूरा मूल्य पा सकते हैं। यदि आपके क्षेत्र में धान अधिप्राप्ति से जुड़ी कोई समस्या या सकारात्मक अनुभव है, तो उसे साझा करें। इस खबर को अन्य किसानों तक पहुंचाएं, ताकि अधिक से अधिक लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।





