
#देवघर #साइबरअपराध : उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा के नाम से बन रहे फर्जी अकाउंट, जनता को अलर्ट रहने की अपील
- डीसी देवघर नमन प्रियेश लकड़ा के नाम से फर्जी अकाउंट सक्रिय।
- फेसबुक, व्हाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया पर रिक्वेस्ट या मैसेज आने पर न करें भरोसा।
- संदिग्ध मैसेज मिलते ही तुरंत साइबर थाना या नज़दीकी थाने को सूचना दें।
- साइबर सेल करेगी तत्काल कार्रवाई, सुरक्षित रहेंगे आप और आपका डेटा।
- जनता को सतर्क और जागरूक रहने की अपील।
देवघर। वर्तमान समय में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है और इसके लिए सोशल मीडिया अपराधियों का सबसे बड़ा हथियार बन गया है। देवघर प्रशासन ने जिलेवासियों को सतर्क करते हुए कहा है कि डीसी नमन प्रियेश लकड़ा या अन्य अधिकारियों के नाम से बनाए गए फर्जी फेसबुक, व्हाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया अकाउंट से आने वाले किसी भी तरह के मैसेज, रिक्वेस्ट या लिंक पर भरोसा न करें।
डीसी के नाम से ठगी की कोशिश
पिछले कुछ दिनों से प्रशासन के पास ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा के नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों को मैसेज भेजे जा रहे हैं। इन मैसेजों के जरिए लोगों से धोखाधड़ी करने की कोशिश की जा रही है।
प्रशासन का अलर्ट संदेश
प्रशासन ने साफ कहा है कि इस तरह के किसी भी मैसेज या लिंक पर क्लिक न करें और तुरंत इसकी सूचना साइबर थाना या नज़दीकी थाने को दें। इससे साइबर सेल को तुरंत कार्रवाई करने में मदद मिलेगी और अपराधियों को पकड़ने में आसानी होगी।
सावधानी ही सुरक्षा
विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी अनजान लिंक या संदिग्ध मैसेज पर क्लिक करना न सिर्फ आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है बल्कि आपके व्यक्तिगत डेटा को भी खतरे में डाल सकता है। इसलिए ऐसे मामलों में सतर्क रहना ही सबसे बड़ा बचाव है।
न्यूज़ देखो: साइबर अपराध से लड़ाई में जागरूकता है सबसे बड़ा हथियार
देवघर प्रशासन की यह चेतावनी बताती है कि अपराधियों की चालाकियों से बचने के लिए केवल तकनीक नहीं, बल्कि जनता की जागरूकता भी जरूरी है। यदि लोग सतर्क रहें तो किसी भी अपराधी की साजिश सफल नहीं हो सकती।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सुरक्षित इंटरनेट इस्तेमाल हर नागरिक की जिम्मेदारी
समय आ गया है कि हम सभी सोशल मीडिया का जिम्मेदारी से उपयोग करें। संदिग्ध मैसेज मिलने पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं और दूसरों को भी जागरूक करें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि साइबर अपराध के खिलाफ एक मज़बूत जनजागरूकता अभियान चल सके।