
#चंदवा #फुटबॉल_टूर्नामेंट : ग्रामीण युवाओं को खेलों से जोड़ने की प्रेरणादायक पहल — पहले ही दिन दर्शकों की भीड़ ने बढ़ाया खिलाड़ियों का उत्साह
- महुआ गांव में ‘अकेला दिल बाहर क्लब’ टूर्नामेंट का उद्घाटन उत्साह के साथ संपन्न
- डॉ. मनीष कुमार सिंह समेत कई गणमान्य अतिथि रहे मौजूद, खिलाड़ियों से लिया परिचय
- टूर्नामेंट में कुल 16 टीमें भाग ले रही हैं, एक सप्ताह तक होंगे मुकाबले
- खेल भावना, अनुशासन और एकता का संदेश देने की पहल
- स्थानीय जनता का भारी समर्थन, आयोजन समिति ने जताया आभार
आयोजन स्थल बना उत्सव का केंद्र
लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड अंतर्गत महुआ गांव में ‘अकेला दिल बाहर क्लब’ द्वारा आयोजित फुटबॉल टूर्नामेंट का भव्य उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ। इस आयोजन में स्थानीय युवाओं और ग्रामीणों की उल्लेखनीय भागीदारी देखी गई। टूर्नामेंट का उद्घाटन डॉ. मनीष कुमार सिंह, मृत्युंजय कुमार सिंह, पूर्व मुखिया सिकंदर मुंडा, सामाजिक कार्यकर्ता संजय साव और जितेंद्र कुमार की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथियों ने फीता काटकर कार्यक्रम की शुरुआत की और खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया। इस आयोजन को लेकर गांव में त्योहार जैसा माहौल रहा और लोगों ने उत्साह के साथ आयोजन स्थल पर उपस्थिति दर्ज की।
खिलाड़ियों से मिले अतिथि, दिया उत्साहवर्धक संदेश
मुख्य अतिथियों ने खेल के महत्व पर जोर देते हुए युवाओं को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया।
डॉ. मनीष कुमार सिंह ने कहा: “खेलों के माध्यम से युवाओं को जीवन में अनुशासन, टीम भावना और नेतृत्व गुण सीखने को मिलते हैं।”
मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा: “ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे आयोजन युवाओं को समाज से जोड़ने और अपराध से दूर रखने का माध्यम बनते हैं।”
पूर्व मुखिया सिकंदर मुंडा ने कहा: “खेल से गांव को नई पहचान मिलती है और सामूहिक चेतना का विकास होता है।”
फुटबॉल मुकाबलों में दिखा युवाओं का जोश
टूर्नामेंट के पहले ही दिन स्थानीय टीमों के बीच रोमांचक मुकाबला खेला गया, जिसमें दर्शकों की तालियों और जयघोषों से माहौल गूंज उठा। मैदान के चारों ओर जमा भीड़ से खिलाड़ियों का उत्साह दोगुना हो गया। ग्रामीणों ने कहा कि यह आयोजन क्षेत्र में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।
आयोजन समिति ने साझा की विस्तृत जानकारी
आयोजन समिति के अनुसार टूर्नामेंट में कुल 16 टीमें भाग ले रही हैं, जिनके बीच अगले एक सप्ताह तक मुकाबले आयोजित होंगे। विजेता टीम को ट्रॉफी और नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा। आयोजकों ने बताया कि वे हर साल इस आयोजन को और भव्य रूप देने का प्रयास करेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता संजय साव ने कहा: “खेल के ज़रिए गांव की नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है। अनुशासन और समर्पण ही सफलता की कुंजी है।”
जितेंद्र कुमार ने कहा: “अनुशासित खेल प्रतिभाएं भविष्य में जिले और राज्य का नाम रोशन कर सकती हैं।”
जनता की भागीदारी ने बढ़ाया हौसला
महुआ गांव के ग्रामीणों ने टूर्नामेंट की व्यवस्थाओं की सराहना की और आयोजकों को आर्थिक और नैतिक सहयोग देने का आश्वासन भी दिया। आयोजन स्थल पर स्वच्छता, प्राथमिक चिकित्सा और पेयजल की व्यवस्था भी की गई है, जिससे दर्शकों और खिलाड़ियों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो।
न्यूज़ देखो: खेल से गांव की पहचान
न्यूज़ देखो मानता है कि ग्रामीण स्तर पर खेल आयोजन न केवल युवाओं को मंच प्रदान करते हैं, बल्कि समाज में एकता, अनुशासन और समर्पण की भावना को भी बल देते हैं। चंदवा के महुआ जैसे क्षेत्रों में जब युवा खुद आयोजन का जिम्मा उठाते हैं, तो यह सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत होती है।
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खेल है स्वास्थ्य और समाज की बुनियाद
आइए, हम सभी मिलकर ऐसे आयोजनों को सहयोग दें ताकि हर गांव से प्रतिभाएं निकलें और हर युवा को मिले खेलने का मौका। इस खबर पर अपनी राय कमेंट में जरूर दें, अपने दोस्तों और खेल प्रेमियों के साथ यह लेख शेयर करें और ग्रामीण खेलों के प्रति समाज में जागरूकता फैलाएं।