Simdega

बानो के केतुंगा धाम में एलिस शैक्षणिक संस्थान ने चलाया स्वास्थ्य जागरूकता अभियान

Join News देखो WhatsApp Channel
#बानो #स्वास्थ्य_जागरूकता : एलिस शैक्षणिक संस्थान ट्रस्ट ने सरस्वती शिशु मंदिर में बच्चों को स्वस्थ जीवनशैली के टिप्स दिए
  • एलिस शैक्षणिक संस्थान ट्रस्ट द्वारा केतुंगा धाम, बानो स्थित सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय में स्वास्थ्य जागरूकता अभियान आयोजित किया गया।
  • कार्यक्रम का नेतृत्व संस्थान के निदेशक बिमल कुमार और विद्यालय के प्राचार्य सुकरा केरकेट्टा ने किया।
  • बच्चों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जानकारी दी गई।
  • निदेशक ने कहा — “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है, इसलिए रोजाना व्यायाम और खेल जरूरी है।”
  • कार्यक्रम में विद्यालय के सभी आचार्य और शिक्षकों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

बानो प्रखंड के एलिस शैक्षणिक संस्थान ट्रस्ट की ओर से केतुंगा धाम सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय में स्वास्थ्य जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में स्वास्थ्य, स्वच्छता और मानसिक संतुलन के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
संस्थान के निदेशक बिमल कुमार और विद्यालय के प्राचार्य सुकरा केरकेट्टा ने संयुक्त रूप से इस अभियान का नेतृत्व किया और बच्चों को जीवनशैली सुधारने के लिए कई व्यावहारिक सुझाव दिए।

बच्चों को दिए गए स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव

कार्यक्रम के दौरान बिमल कुमार ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए शरीर और मन दोनों का संतुलन जरूरी है। उन्होंने बताया कि बच्चों को हर दिन खेल-कूद, व्यायाम और बाहरी गतिविधियों में शामिल होना चाहिए ताकि शरीर में स्फूर्ति बनी रहे।
उन्होंने बच्चों को सुबह उठते ही शौचालय जाने की आदत डालने की सलाह दी और बताया कि इससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और बीमारियां दूर रहती हैं।

बिमल कुमार ने कहा: “आपका दिमाग आपका सबसे बड़ा कीमती उपकरण है, इसे व्यायाम की जरूरत होती है। लूडो और शतरंज जैसे खेल हमारे मस्तिष्क को सक्रिय रखते हैं।”

उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर भी प्रकाश डाला और कहा कि बच्चों को हर दिन कुछ समय अपने मन को शांत रखने और सकारात्मक सोच विकसित करने में लगाना चाहिए।

मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम पर चर्चा

संस्थान के निदेशक ने समाज में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं पर चिंता जताई और बच्चों को समझाया कि किसी भी प्रकार की मानसिक या पारिवारिक परेशानी होने पर उसे माता-पिता या शिक्षक के साथ साझा करें।
उन्होंने कहा कि संवाद ही समाधान की कुंजी है, और समस्या चाहे छोटी हो या बड़ी, चुप रहना किसी समाधान का रास्ता नहीं है
उन्होंने बच्चों को यह भी बताया कि किसी भी बीमारी की स्थिति में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर इलाज कराना चाहिए, क्योंकि समय पर इलाज ही बड़ी बीमारियों से बचाव का सबसे बेहतर उपाय है।

शिक्षकों और विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी

इस अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर, केतुंगा धाम के प्राचार्य सुकरा केरकेट्टा ने निदेशक का स्वागत किया और कहा कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी हैं।
कार्यक्रम में आचार्य बंधनू केरकेट्टा, रेणु गोस्वामी, प्रदीप गोस्वामी, गौरव गोस्वामी, शकुंतला, अंजलि कुमारी, प्रेमलता, रेखा तिर्की, कमलेश महतो सहित विद्यालय के अन्य शिक्षक और सैकड़ों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

न्यूज़ देखो: बच्चों में स्वास्थ्य और जागरूकता की बुनियाद मजबूत

एलिस शैक्षणिक संस्थान का यह प्रयास ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में स्वास्थ्य शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में सराहनीय कदम है।
ऐसे कार्यक्रम न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति भी बच्चों को सजग बनाते हैं। समाज में यदि हर विद्यालय इस तरह के अभियानों को अपनाए, तो अगली पीढ़ी अधिक स्वस्थ, सजग और आत्मविश्वासी बनकर उभरेगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

स्वस्थ बचपन, सशक्त भविष्य

बच्चों का स्वास्थ्य ही राष्ट्र की शक्ति है। अब समय है कि हम सभी परिवारों और शिक्षकों की तरह जिम्मेदारी निभाएं — बच्चों को स्वच्छ आदतें, सकारात्मक सोच और संवाद का महत्व सिखाएं।
अपनी राय कमेंट में साझा करें और इस प्रेरक खबर को दोस्तों तक पहुंचाएं ताकि हर बच्चा स्वस्थ, खुशहाल और जागरूक बने।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 5 / 5. कुल वोट: 1

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250610-WA0011
IMG-20250723-WA0070
1000264265
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250925-WA0154
IMG-20250604-WA0023 (1)

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Shivnandan Baraik

बानो, सिमडेगा

Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Back to top button
error: