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महुआडांड़ में बैगा कुल की पुश्तैनी भूमि पर जबरन घेराबंदी का आरोप: पुरोहित ने थाने में दर्ज कराया आवेदन

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#महुआडांड़ #भूमिविवाद : वन विभाग कार्यालय के सामने जमीन विवाद गहराया
  • अंबाटोली ग्राम में बैगा कुल की भूमि पर जबरन घेराबंदी का मामला।
  • बैगा पुरोहित सुलेमान बैगा ने थाने में दिया आवेदन।
  • जमीन पर 40 वर्षों से पूजा-पाठ व होलिका दहन का आयोजन होता आ रहा।
  • आरोपियों में विजय नगेसिया, विनोद उरांव, प्रदीप उरांव के नाम शामिल।
  • पुरोहित ने कानूनी कार्रवाई और एफआईआर दर्ज करने की मांग की।

महुआडांड़ अंबाटोली में वन विभाग कार्यालय के ठीक सामने स्थित बैगा समाज की भूमि पर ज़बरन घेराबंदी करने का मामला गरमा गया है। इसको लेकर अंबाटोली ग्राम के बैगा पुरोहित सुलेमान बैगा ने महुआडांड़ थाना में आवेदन देकर संबंधित लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल देखा जा रहा है।

पुश्तैनी भूमि और धार्मिक परंपरा का दावा

थाने में दिए गए आवेदन में सुलेमान बैगा ने स्पष्ट किया कि वे हिंदू समाज के बैगा पुरोहित हैं और बीते 40 वर्षों से समाज की धार्मिक परंपराओं के तहत पूजा-पाठ और होलिका दहन का कार्य इसी भूमि पर करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि विवादित जमीन खाता संख्या 295, प्लॉट 244, रकबा 2.40 एकड़ खतियान तेतरी बैगाईन पति मेघु बैगा के नाम पर दर्ज है और वर्षों से यह भूमि बैगा परिवार की पुश्तैनी संपत्ति रही है।

जबरन घेराबंदी का आरोप

सुलेमान बैगा ने अपने आवेदन में कहा है कि हाल के दिनों में विजय नगेसिया, विनोद उरांव, प्रदीप उरांव समेत कुछ अन्य लोग महुआडांड़ के ही निवासी हैं, जिन्होंने उनकी भूमि पर जबरन घेराबंदी और निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। इसको लेकर उन्होंने पुलिस से त्वरित हस्तक्षेप और कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

पुलिस की कार्रवाई की प्रतीक्षा

अब तक इस मामले में पुलिस ने आवेदन प्राप्त कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि नहीं हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मामला केवल भूमि विवाद नहीं, बल्कि धार्मिक परंपरा और सामाजिक आस्था से भी जुड़ा हुआ है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो विवाद और गहरा सकता है।

न्यूज़ देखो: पुश्तैनी जमीन पर बढ़ता विवाद सामाजिक संतुलन के लिए खतरा

महुआडांड़ का यह मामला सिर्फ जमीन का विवाद नहीं, बल्कि समाज की धार्मिक परंपराओं और आस्थाओं से भी जुड़ा है। जबरन कब्जा और घेराबंदी जैसी घटनाएँ सामाजिक तनाव को जन्म देती हैं। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे विवादों को गंभीरता से लेकर त्वरित समाधान निकाले ताकि क्षेत्र में शांति और भाईचारा बना रहे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब समय है कि हम सब मिलकर सामाजिक आस्था और परंपरा की रक्षा करें

भूमि विवाद जैसे मसलों को कानूनी तरीके से ही सुलझाना चाहिए। धार्मिक और सामाजिक आस्थाओं से जुड़ी जमीन पर जबरन कब्जे की कोशिश समाज में तनाव बढ़ाती है। अब समय है कि हम सब न्याय, शांति और सद्भाव की दिशा में अपनी भूमिका निभाएँ। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि यह संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचे।

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