Giridih

गिरिडीह में शिक्षकों की मिसाल: घायल छात्र को दुर्गम पहाड़ी पार कर पहुंचाया घर

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#Giridih #Humanity #Education : शिक्षकों का परोपकारी कदम बना चर्चा का विषय
  • प्रधानाध्यापक अभय चतुर्वेदी व टीम ने दिखाई मानवता की मिसाल
  • दो किलोमीटर पहाड़ी चढ़ाई कर बच्चे को घर तक पहुंचाया
  • मदद करते समय शिक्षक अजय कुमार सिंह खुद घायल हो गए।
  • बच्चा कुंडा गांव का रहने वाला, जहां पहुंचना बेहद कठिन।
  • शिक्षकों की पहल से मां की आंखों में खुशी और श्रद्धा झलकी।
  • घटना ने दिया संदेश – परोपकार है सबसे बड़ा धर्म

गावां प्रखंड के जमडार पीएम श्री विद्यालय के शिक्षकों ने मानवता की अनोखी मिसाल पेश की। बुधवार को विद्यालय के प्रधानाध्यापक अभय चतुर्वेदी और उनके सहयोगी अजय कुमार सिंह तथा सुदर्शन कुमार ने एक घायल आदिवासी छात्र को उसके घर तक पहुंचाने के लिए जान जोखिम में डालकर 2 किलोमीटर की दुर्गम पहाड़ी चढ़ाई। यह बच्चा कुंडा गांव का रहने वाला था, जो घने जंगलों से घिरा हुआ है।

घटना की पृष्ठभूमि और शिक्षक का फैसला

बच्चे के पैर में गहरा घाव था और वह सूजन के कारण चलने में असमर्थ था। स्कूल स्टाफ ने जब बच्चे की हालत देखी तो तुरंत मदद का फैसला लिया। प्रधानाध्यापक अभय चतुर्वेदी ने कहा कि मानवता से बढ़कर कोई कर्तव्य नहीं है, इसलिए बच्चे को सुरक्षित घर तक पहुंचाना जरूरी था।

दो किलोमीटर का कठिन सफर, शिक्षक खुद घायल

शिक्षकों ने बच्चे को बारी-बारी से पीठ पर बैठाकर पहाड़ी चढ़ाई शुरू की। रास्ता बेहद खतरनाक और फिसलन भरा था। इस दौरान अजय कुमार सिंह संतुलन खो बैठे और खुद गिरकर घायल हो गए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और सफर पूरा किया।

मां की श्रद्धा और शिक्षकों की संतुष्टि

कुंडा गांव पहुंचने पर बच्चे की मां भावुक हो गई। उसने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस कार्य से शिक्षकों को भी आत्मिक संतुष्टि मिली।

प्रधानाध्यापक अभय चतुर्वेदी ने कहा: “परोपकार सबसे बड़ा धर्म है। दूसरों की मदद करना पुण्य है और यह घटना समाज को प्रेरित करने वाली है।”

समाज के लिए प्रेरणा

इस घटना ने साबित किया कि सच्ची शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं होती, बल्कि संवेदनशीलता और मानवता का भाव भी उतना ही जरूरी है।

न्यूज़ देखो: मानवता का चेहरा बनी शिक्षा व्यवस्था

इस घटना ने दिखाया कि शिक्षा सिर्फ पाठ्यक्रम तक नहीं, बल्कि मानव मूल्यों को जीने की प्रेरणा भी देती है। ऐसे शिक्षक समाज के लिए आदर्श हैं।
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समाज को प्रेरित करने का समय

शिक्षकों की यह पहल बताती है कि थोड़ा प्रयास भी किसी की जिंदगी बदल सकता है। आप भी अपनी राय साझा करें, खबर को दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें और ऐसे नेक कार्यों को बढ़ावा दें।

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Surendra Verma

डुमरी, गिरिडीह

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