
#डुमरी #अमानवीय_अत्याचार – सिरसी गांव में तीन नकाबपोश युवकों की हैवानियत, युवक के प्राइवेट पार्ट में डाली बोतल, हालत नाजुक
- डुमरी के सिरसी गांव में युवक के साथ तीन अज्ञात युवकों ने किया अमानवीय कृत्य
- प्राइवेट पार्ट में जबरन बोतल डालने से युवक गंभीर रूप से घायल
- गुमला सदर अस्पताल के बाद हालत बिगड़ने पर रिम्स रांची रेफर किया गया
- घटना के समय युवक घर में अकेला था, पत्नी बाहर गई थी शादी समारोह में
- पुलिस को दी गई तहरीर, आरोपियों की तलाश में जुटा प्रशासन
सिरसी गांव की रात बनी खौफनाक
गुमला जिले के डुमरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत सिरसी गांव (टंगर टोली) में शनिवार देर रात मानवता को शर्मसार करने वाली वारदात सामने आई है।
पीड़ित युवक रुदेल एक्का के साथ तीन नकाबपोश युवकों ने इस कदर अमानवीयता दिखाई कि सुनकर रूह कांप जाए। आरोपियों ने पहले मारपीट की, फिर उसके प्राइवेट पार्ट में जबरन बोतल डाल दी, जिससे युवक की हालत गंभीर हो गई।
घटना का पूरा विवरण
रुदेल एक्का इन दिनों अपने ससुराल टंगर टोली में रह रहा था। उसकी पत्नी शादी समारोह में भाग लेने चाईबासा गई हुई थी और वह घर में अकेला था।
शनिवार देर रात किसी ने उसके दरवाजे पर दस्तक दी। जैसे ही उसने दरवाजा खोला, तीन नकाबपोश युवक जबरन घर में घुस आए और उसे शराब पीने चलने को कहा। रुदेल के इनकार करने पर आरोपियों ने उसकी बुरी तरह से पिटाई की।
अमानवीयता की हदें पार
पिटाई के बाद आरोपियों ने उसके शरीर के साथ हैवानियत की हदें पार करते हुए प्राइवेट पार्ट में जबरन बोतल डाल दी।
गंभीर रूप से घायल रुदेल किसी तरह गुमला सदर अस्पताल पहुंचा, लेकिन डॉक्टरों ने स्थिति गंभीर पाकर उसे रांची के रिम्स रेफर कर दिया।
डॉक्टरों के मुताबिक बोतल इतनी गहराई तक फंसी हुई थी कि सामान्य चिकित्सकीय प्रक्रिया से उसे निकालना संभव नहीं था।
प्रशासन से न्याय की उम्मीद
यह घटना समाज में बढ़ते मानसिक और आपराधिक विकृतियों की भयावह तस्वीर पेश करती है।
स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़ित ने तीन नकाबपोश युवकों पर आरोप लगाया है, जिनकी पहचान अब तक नहीं हो पाई है।
प्रशासन पर दबाव है कि इस अमानवीय कृत्य को अंजाम देने वालों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कानून के दायरे में लाया जाए।
न्यूज़ देखो : जब इंसानियत चुप हो जाए, आवाज उठाना ज़रूरी है
‘न्यूज़ देखो’ इस घिनौने कृत्य की कड़ी निंदा करता है और प्रशासन से मांग करता है कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए। जब इंसानियत को चोट पहुंचे, तब मीडिया की ज़िम्मेदारी बनती है कि वह सच्चाई को सामने लाए। ऐसे अपराधों पर खामोशी नहीं, कार्रवाई होनी चाहिए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
समाज के हर जिम्मेदार व्यक्ति को ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और रुदेल एक्का ऐसी दरिंदगी का शिकार न हो। इंसाफ ही पीड़ित के घावों पर मरहम बन सकता है।