
#गिरिडीह #कृत्रिमअंगप्रत्यारोपण – ईश्वर स्मृति भवन में आयोजित होगा तीन दिवसीय नि:शुल्क शिविर, जरूरतमंदों को मिलेगा नया सहारा
- 15 जून से गिरिडीह में लगेगा तीन दिवसीय कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण शिविर
- रोटरी क्लब ऑफ गिरिडीह ग्रेटर और श्री महावीर सेवा सदन कोलकाता की संयुक्त पहल
- पंजीयन के लिए केवल आधार कार्ड की फोटोकॉपी पर्याप्त
- ईश्वर स्मृति भवन में होगा शिविर का आयोजन
- गिरिडीह के विभिन्न स्थानों पर पंजीयन केंद्र बनाए गए
जरूरतमंदों के लिए बड़ी राहत, गिरिडीह में लगेगा विशेष प्रत्यारोपण शिविर
गिरिडीह में रोटरी क्लब ऑफ गिरिडीह ग्रेटर द्वारा श्री महावीर सेवा सदन, कोलकाता के सहयोग से कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यह शिविर 15 जून से 17 जून तक तीन दिवसीय होगा और इसका संचालन ईश्वर स्मृति भवन में किया जाएगा।
शिविर से जुड़ी मुख्य जानकारी प्रेसवार्ता में साझा
मंगलवार को आयोजित प्रेसवार्ता में शिविर से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गई। आयोजकों ने बताया कि यह कैंप विशेष रूप से विकलांग व जरूरतमंद लोगों के लिए आयोजित किया जा रहा है, ताकि उन्हें कृत्रिम अंग के माध्यम से नया सहारा मिल सके।
पंजीयन के लिए केवल आधार कार्ड की फोटोकॉपी पर्याप्त होगी। इच्छुक लाभार्थी पहले से निर्धारित पंजीयन केंद्रों पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं।
गिरिडीह के इन स्थानों पर होगा पंजीयन
क्लब की ओर से पंजीयन के लिए छह स्थान तय किए गए हैं, जहाँ लोग अपना नाम दर्ज करा सकते हैं:
- पावित्री हॉस्पिटल
- अल्का मेडिकल
- आद्या लाइब्रेरी
- तिलक प्रेस
- न्यू वेल्थ
- श्री साईं हॉस्पिटल
यह शिविर न केवल शारीरिक सहायता प्रदान करेगा, बल्कि विकलांग व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनने का नया अवसर भी देगा।
न्यूज़ देखो: समाजसेवा और सहानुभूति का सुंदर संगम
गिरिडीह में होने वाला यह कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण शिविर मानवता और सेवा भावना का अद्भुत उदाहरण है। न्यूज़ देखो ऐसे सभी प्रयासों को सलाम करता है जो ज़रूरतमंदों को जीने की नई राह देते हैं। हम गिरिडीह से जुड़ी हर संवेदनशील खबर को आप तक पहुंचाते रहेंगे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सेवा ही सबसे बड़ी शक्ति है
गिरिडीह में 15 जून से शुरू हो रहा यह शिविर एक संदेश है — जब सेवा की भावना प्रबल हो, तो जीवन की हर कठिनाई का समाधान संभव है। आइए, इस मुहिम का हिस्सा बनें और अपने आस-पास ज़रूरतमंदों को इस कैंप की जानकारी दें, ताकि अधिकार और सम्मान से जीने का अवसर सभी को मिल सके।