
#रांची #पत्रकारपरहमला – पिठोरिया में अवैध बालू लदे वाहन की खबर कवर करने पहुंचे थे पत्रकार विजय गोप, माफियाओं ने छीना मोबाइल, की मारपीट
- पिठोरिया में अवैध बालू पर रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकार विजय गोप पर हमला
- गुलफान, प्रवीण, सामी अंसारी समेत 10–12 लोगों ने किया हमला
- घटना के वक्त पत्रकार कर रहे थे घटना की रिकॉर्डिंग, छीना गया मोबाइल
- पत्रकार ने पिठोरिया थाना में दर्ज कराई लिखित शिकायत
- हमले के बाद पत्रकार सुरक्षा पर एक बार फिर उठा सवाल
अवैध बालू माफियाओं के हौसले बुलंद, पत्रकारों पर हमला कर फैला रहे दहशत
राजधानी रांची के पिठोरिया इलाके में बालू माफियाओं की दबंगई एक बार फिर सामने आई है। पत्रकार विजय गोप पर उस समय हमला किया गया जब वे अवैध बालू लदे हाईवा की सूचना पर 2 जून की रात करीब 11 बजे रिपोर्टिंग करने मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने मामले को लेकर पिठोरिया थाना में लिखित शिकायत दी है।
माफियाओं ने घेरकर की गाली-गलौज, छीना मोबाइल
विजय गोप ने बताया कि जैसे ही वे अपने पत्रकार साथी के साथ पिठोरिया चौक के पास पहुंचे, वहां गुलफान (पिता: कलम, ग्राम: हपुवा, जिला: रामगढ़), प्रवीण (चटकपूर निवासी), सामी अंसारी (नगड़ी निवासी) और उनके 10–12 अन्य साथियों ने उन्हें घेर लिया।
उन्होंने बताया कि माफियाओं ने उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की, शर्ट फाड़ दी और मोबाइल फोन भी छीन लिया, जिससे वे घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे थे। यह घटना न सिर्फ पत्रकार की सुरक्षा पर सवाल उठाती है बल्कि माफियाओं के बढ़ते मनोबल को भी उजागर करती है।
पुलिस जांच में जुटी, पत्रकार सुरक्षा फिर बनी चिंता का विषय
हमले के बाद पिठोरिया थाना में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस जांच शुरू कर दी गई है। लेकिन यह घटना एक बार फिर झारखंड में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। ऐसे में प्रशासन पर यह दबाव है कि वह न केवल दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे, बल्कि पत्रकारों को सुरक्षित माहौल भी उपलब्ध कराए।
न्यूज़ देखो: पत्रकारिता पर हमले को नहीं सहा जाएगा
पत्रकारों की सुरक्षा लोकतंत्र की बुनियाद है। न्यूज़ देखो ऐसे हर मामले में निष्पक्ष पत्रकारिता के पक्ष में खड़ा है। रांची में विजय गोप पर हुआ हमला निंदनीय है, और हम उम्मीद करते हैं कि दोषियों को जल्द सजा मिलेगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
निर्भीक पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है सुरक्षित माहौल
पत्रकार विजय गोप पर हुआ यह हमला हमें याद दिलाता है कि सच्चाई दिखाने की राह में कितनी बाधाएं हैं। लेकिन लोकतंत्र को मजबूत रखने के लिए जरूरी है कि पत्रकार बिना डर के काम कर सकें।
समाज को जागरूक करने वाले इन प्रहरीयों की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है।