
#कोलेबिरा #अटलस्मृतिसम्मेलन : भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर वैचारिक सम्मेलन का आयोजन।
कोलेबिरा विधानसभा क्षेत्र में भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी स्मृति में अटल स्मृति सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह सम्मेलन 31 दिसंबर 2025 को सुबह 11 बजे नीलाम्बर-पीतांबर स्मारक स्थल, कोलेबिरा में आयोजित होगा। कार्यक्रम में झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होंगे। आयोजन का उद्देश्य अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों, राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान और लोकतांत्रिक मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाना है।
- 31 दिसंबर 2025 को सुबह 11 बजे होगा सम्मेलन।
- नीलाम्बर-पीतांबर स्मारक स्थल, कोलेबिरा को आयोजन स्थल चुना गया।
- पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा मुख्य वक्ता के रूप में रहेंगे उपस्थित।
- आयोजन पूर्व प्रत्याशी सुजान मुंडा के नेतृत्व में संपन्न होगा।
- भाजपा जिला नेतृत्व ने सभी पदाधिकारियों से अधिक संख्या में आने की अपील की।
कोलेबिरा विधानसभा क्षेत्र में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के अवसर पर आयोजित होने वाला अटल स्मृति सम्मेलन राजनीतिक, वैचारिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह कार्यक्रम न केवल एक स्मृति आयोजन है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को अटल जी के विचारों से जोड़ने का प्रयास भी है। आयोजन स्थल के रूप में नीलाम्बर-पीतांबर स्मारक स्थल का चयन स्थानीय इतिहास और सांस्कृतिक चेतना से जुड़ा हुआ है। कार्यक्रम को लेकर क्षेत्र में तैयारियां प्रारंभ हो चुकी हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है।
अटल स्मृति सम्मेलन का उद्देश्य
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन, उनके राजनीतिक दर्शन और राष्ट्र निर्माण में दिए गए योगदान को समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचाना है। अटल जी भारतीय राजनीति में अपनी स्पष्टवादिता, लोकतांत्रिक मूल्यों और सर्वसमावेशी सोच के लिए जाने जाते थे। आयोजकों का मानना है कि उनके विचार आज भी युवाओं, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
मुख्य वक्ता के रूप में नीलकंठ सिंह मुंडा
कार्यक्रम में झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहेंगे। वे अटल बिहारी वाजपेयी के साथ लंबे समय तक राजनीतिक रूप से जुड़े रहे हैं और उनके विचारों के संवाहक माने जाते हैं। सम्मेलन में उनके द्वारा अटल जी के नेतृत्व, नीति निर्धारण और झारखंड सहित देश के विकास में योगदान पर विस्तार से विचार रखे जाने की संभावना है।
आयोजन नेतृत्व और जिम्मेदारी
अटल स्मृति सम्मेलन का आयोजन कोलेबिरा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी सुजान मुंडा के नेतृत्व में किया जा रहा है। आयोजन समिति द्वारा कार्यक्रम को सुव्यवस्थित और गरिमामय बनाने के लिए विभिन्न स्तरों पर तैयारियां की जा रही हैं। मंच, बैठक व्यवस्था, सुरक्षा और अतिथियों के स्वागत की जिम्मेदारी अलग-अलग टीमों को सौंपी गई है।
भाजपा जिला नेतृत्व की अपील
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के जिला नेतृत्व ने कोलेबिरा विधानसभा क्षेत्र में निवास करने वाले पार्टी के सभी सम्मानित नेतागणों से उपस्थित रहने की अपील की है। इसमें प्रदेश कार्य समिति सदस्य, विभिन्न मंच-मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी, सभी मोर्चा के जिला अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष, पूर्व मंडल अध्यक्ष, मंडल पदाधिकारी एवं बूथ अध्यक्ष शामिल हैं। पार्टी नेतृत्व का कहना है कि अधिक से अधिक सहभागिता से ही अटल जी के विचारों को व्यापक मंच मिल सकेगा।
आयोजकों का दृष्टिकोण
आयोजकों के अनुसार यह सम्मेलन केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि वैचारिक संवाद का मंच होगा। आयोजकों का कहना है कि अटल बिहारी वाजपेयी ने जिस तरह राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा, वही दृष्टि आज के समय में भी प्रासंगिक है। सम्मेलन के माध्यम से युवाओं को उनके आदर्शों, सुशासन की अवधारणा और लोकतंत्र में संवाद की संस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
निवेदकों की भूमिका
इस कार्यक्रम के निवेदक के रूप में लक्ष्मण बड़ाईक (जिलाध्यक्ष, भाजपा), मुकेश श्रीवास्तव (जिला संयोजक, अटल स्मृति), तुलसी साहू, विद्या बड़ाईक एवं मार्गेट बा: पिंकी (जिला सह संयोजक) शामिल हैं। सभी निवेदकों ने संयुक्त रूप से कार्यकर्ताओं और आम जनता से कार्यक्रम में शामिल होकर इसे ऐतिहासिक बनाने की अपील की है।
न्यूज़ देखो: अटल विचारों को जीवित रखने की पहल
अटल स्मृति सम्मेलन यह दर्शाता है कि राजनीतिक स्मृतियां केवल औपचारिक आयोजन नहीं होतीं, बल्कि वे समाज को दिशा देने का माध्यम भी बन सकती हैं। कोलेबिरा में इस तरह का आयोजन अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों को स्थानीय स्तर पर पुनर्जीवित करने का प्रयास है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस सम्मेलन से युवाओं और आम नागरिकों को कितनी वैचारिक प्रेरणा मिलती है। आगे यह भी अपेक्षा की जाती है कि ऐसे आयोजन केवल स्मृति तक सीमित न रहकर नीति और समाज निर्माण की चर्चा का आधार बनें।
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विचारों से प्रेरणा, स्मृतियों से संकल्प
अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन हमें संवाद, सहमति और राष्ट्रहित के मार्ग पर चलने की सीख देता है। ऐसे सम्मेलन हमें याद दिलाते हैं कि लोकतंत्र केवल सत्ता नहीं, बल्कि जिम्मेदारी भी है। समाज के प्रत्येक नागरिक की भागीदारी से ही विचारों की विरासत आगे बढ़ती है।





