
#सिमडेगा #स्वास्थ्य_जागरूकता : उपायुक्त कंचन सिंह ने कुष्ठ उन्मूलन रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
- राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनजागरूकता अभियान की शुरुआत।
- उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह ने रथ को दी हरी झंडी।
- 10 से 26 नवंबर 2025 तक सभी प्रखंडों के सुदूरवर्ती क्षेत्रों का भ्रमण करेगा रथ।
- कार्यक्रम में सिविल सर्जन सिमडेगा और जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी सहित स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित।
- उपायुक्त ने कहा — “कुष्ठ रोग पूरी तरह से उपचार योग्य है, भेदभाव नहीं जागरूकता ज़रूरी है।”
सिमडेगा जिले में राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आज एक महत्वपूर्ण पहल की गई। उपायुक्त सिमडेगा श्रीमती कंचन सिंह ने जिले से “कुष्ठ रोग जागरूकता रथ” को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह प्रचार रथ 10 नवंबर से 26 नवंबर 2025 तक जिले के सभी प्रखंडों और ग्रामीण क्षेत्रों में घूमकर लोगों को कुष्ठ रोग से संबंधित जानकारी देगा।
जनजागरूकता के माध्यम से कुष्ठ उन्मूलन का प्रयास
उपायुक्त ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि कुष्ठ रोग अब लाइलाज नहीं रहा। इसका समय पर इलाज संभव है, और इसे पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समाज में अभी भी कुष्ठ रोग को लेकर भेदभाव और गलतफहमियां व्याप्त हैं, जिन्हें मिटाना आवश्यक है।
उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह ने कहा: “कुष्ठ रोग से डरने या मरीजों से दूरी बनाने की आवश्यकता नहीं है। समय पर पहचान और उचित इलाज से यह रोग पूरी तरह ठीक हो सकता है। समाज को इस दिशा में संवेदनशील और जागरूक बनाना जरूरी है।”
उन्होंने आमजन से अपील की कि यदि किसी व्यक्ति में कुष्ठ के लक्षण दिखाई दें, तो वे निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच कराएं और निःशुल्क उपचार प्राप्त करें।
सिविल सर्जन और स्वास्थ्य विभाग की भूमिका
कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन सिमडेगा ने बताया कि इस जागरूकता रथ के माध्यम से जिले के लोगों को कुष्ठ रोग के लक्षण, पहचान, रोकथाम और उपचार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
सिविल सर्जन ने कहा: “हमारा लक्ष्य न केवल इलाज सुनिश्चित करना है, बल्कि इस रोग के प्रति समाज में फैली गलत धारणाओं को भी समाप्त करना है।”
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मी गांव-गांव जाकर संभावित रोगियों की पहचान करेंगे और जरूरतमंदों को मुफ्त इलाज मुहैया कराएंगे। इस रथ के माध्यम से ऑडियो-विजुअल सामग्री, पोस्टर और पंपलेट के जरिए भी लोगों को जागरूक किया जाएगा।
सभी प्रखंडों में पहुंचेगा जागरूकता रथ
कुष्ठ रोग उन्मूलन के लिए निकाला गया यह रथ सिमडेगा जिले के सभी प्रखंडों के सुदूरवर्ती गांवों तक पहुंचेगा। ग्रामीणों को रोग की शुरुआती पहचान, इलाज के तरीके, और सरकारी सुविधाओं की जानकारी दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि अभियान को जनभागीदारी से जोड़ने की योजना है ताकि अधिक से अधिक लोग इस मुहिम का हिस्सा बन सकें।
सामाजिक भेदभाव खत्म करने पर जोर
कार्यक्रम में मौजूद जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी ने बताया कि कुष्ठ रोग को लेकर सबसे बड़ी चुनौती सामाजिक दूरी और कलंक है। लोगों को यह समझाने की आवश्यकता है कि यह रोग छूने या साथ रहने से नहीं फैलता, बल्कि लंबे समय तक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहने पर ही संक्रमण की संभावना होती है।
जागरूकता ही सबसे बड़ा उपचार
अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों के मन से डर और भ्रम को खत्म कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से स्वास्थ्य की समझ विकसित करना है। अधिकारीगणों ने इस पहल को एक मानवता आधारित अभियान बताया, जिसका मकसद मरीजों को समाज की मुख्यधारा में लाना है।
न्यूज़ देखो: संवेदनशीलता और जागरूकता से ही मिटेगा कुष्ठ
सिमडेगा प्रशासन ने स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में एक सराहनीय पहल की है। कुष्ठ रोग के खिलाफ यह अभियान न केवल चिकित्सा प्रयास है, बल्कि यह समाज को मानवीय दृष्टिकोण अपनाने का संदेश भी देता है। जरूरत है कि हर व्यक्ति इस अभियान को अपना समर्थन दे, ताकि कोई भी रोगी उपेक्षित न रहे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
स्वस्थ समाज की ओर एक कदम
कुष्ठ रोग को मिटाने की लड़ाई केवल दवाओं से नहीं, बल्कि जागरूकता और संवेदनशीलता से जीती जा सकती है।
यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो लक्षणों से जूझ रहा है, तो उसे इलाज के लिए प्रेरित करें।
याद रखें — जागरूक नागरिक ही सशक्त समाज की नींव होते हैं।
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