
#सिमडेगा #पोषण_अभियान : सीनी संस्था और समाज कल्याण विभाग के संयुक्त प्रयास से करेसै और कोनजोबा पंचायतों में हुआ जागरूकता कार्यक्रम।
- पोषण माह अभियान के तहत करेसै और कोनजोबा पंचायतों में आयोजन।
- सीनी संस्था (CINI) की JIWAN परियोजना और Tata Trust का सहयोग।
- लोक कला दल ने नुक्कड़ नाटक और गीत-संगीत से दिया संदेश।
- महिला पर्यवेक्षिका और मुखिया ने पोषण, स्वच्छता व स्वास्थ्य पर दी जानकारी।
- आंगनवाड़ी सेविकाओं ने क्षेत्रीय सामग्री से पौष्टिक खिचड़ी प्रदर्शन किया।
सिमडेगा जिले में पोषण माह अभियान के अंतर्गत आज गुरुवार को समाज कल्याण विभाग, सिमडेगा और सीनी संस्था (CINI) की JIWAN परियोजना — जो Tata Trust द्वारा समर्थित है — के संयुक्त तत्वावधान में करेसै पंचायत के रूसु ग्राम और कोनजोबा पंचायत के कोनजोबा ग्राम में विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण समुदाय में सही पोषण, स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना था।
नुक्कड़ नाटक और गीतों के माध्यम से संदेश
कार्यक्रम की सबसे आकर्षक झलक लोक कला दल की प्रस्तुति रही, जिसमें कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक और गीत-संगीत के जरिए लोगों को सही आहार, संतुलित भोजन और बच्चों की देखभाल से जुड़े संदेश दिए। स्थानीय लोगों, महिलाओं और बच्चों ने कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया।
महिला पर्यवेक्षिका ने कहा: “संतुलित भोजन, समय पर स्वास्थ्य जांच और स्वच्छता ही परिवार को स्वस्थ और खुशहाल बनाती है।”
सामुदायिक भागीदारी और प्रदर्शन
करेसै और कोनजोबा पंचायतों के मुखियाओं ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पोषण माह केवल सरकारी अभियान नहीं, बल्कि हर परिवार की जिम्मेदारी है। इस अवसर पर आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा पौष्टिक भोजन का खाद्य प्रदर्शन किया गया, जिसमें क्षेत्रीय उपलब्ध सामग्रियों से खिचड़ी बनाकर दिखाई गई और बताया गया कि कम खर्च में भी पौष्टिक भोजन तैयार किया जा सकता है।
संस्थाओं की सक्रिय भूमिका
कार्यक्रम में बाल विकास परियोजना, कुरडेग की महिला पर्यवेक्षिका, पिरामल फाउंडेशन के फेलो, और CINI JIWAN परियोजना के सभी फील्ड कोऑर्डिनेटर उपस्थित रहे। इन संस्थाओं के समन्वित प्रयास से ग्रामीण समुदायों में स्वास्थ्य और पोषण को लेकर सकारात्मक प्रभाव देखा जा रहा है।
सीनी संस्था के प्रतिनिधि ने कहा: “हमारा उद्देश्य है कि हर बच्चा कुपोषण से मुक्त और हर परिवार पोषण के प्रति जागरूक हो। इसी दिशा में लगातार प्रयास जारी हैं।”

न्यूज़ देखो: जन-जागरूकता से ही बनेगा स्वस्थ समाज
सिमडेगा प्रशासन और सहयोगी संस्थाओं का यह प्रयास ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूकता का मजबूत उदाहरण है। ऐसे कार्यक्रम न केवल बच्चों और माताओं के स्वास्थ्य में सुधार लाते हैं, बल्कि समाज में जिम्मेदारी की भावना भी बढ़ाते हैं।
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सही पोषण से सशक्त भविष्य
पोषण केवल आहार नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और विकास की नींव है। हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह अपने परिवार और समाज में संतुलित भोजन, स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाए।
आइए, इस पोषण माह में संकल्प लें कि कोई भी बच्चा भूखा या कुपोषित न रहे। अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें और मिलकर एक स्वस्थ भारत का निर्माण करें।