
#बालूमाथ #अपराध_कार्रवाई : पुलिस ने विस्तृत मनी ट्रेल जांच के बाद गिरोह के लिए 50 लाख रुपये के लेवी लेनदेन में शामिल आरोपी शाहिद अंसारी को गिरफ्तार किया।
- बालूमाथ थाना कांड संख्या 12/2025 में एक और गिरफ्तारी हुई।
- आरोपी शाहिद अंसारी रांची के लोवर बाजार थाना क्षेत्र का निवासी।
- गिरोह के लिए 50 लाख रुपये नगद व ऑनलाइन ट्रांसफर कराने का खुलासा।
- आरोपी गिरोह के सक्रिय सदस्य आकाश राय उर्फ मोनू का साढ़ू।
- बरामदगी में 1 एंड्रॉइड मोबाइल शामिल।
बालूमाथ थाना कांड संख्या 12/2025 (दिनांक 02.02.2025) में दर्ज गंभीर आरोपों की जांच के दौरान पुलिस ने अमन साहू और राहुल सिंह गिरोह के वित्तीय नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में पहले ही 07 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है, जबकि पुलिस लगातार गिरोह के मनी ट्रेल और आपसी संपर्कों की गहराई से जांच कर रही थी। इसी क्रम में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में पुलिस ने गिरोह के लिए आर्थिक लेनदेन कराने वाले आरोपी शाहिद अंसारी को गिरफ्तार कर लिया।
जांच में सामने आया कि नवंबर 2024 से अब तक गिरोह के लिए लगभग 50 लाख रुपये रांची से जमा और ट्रांसफर किए गए थे। पुलिस ने रकम जमा करने वाले व्यक्ति की पहचान करते हुए उसे गिरफ्तार किया। आरोपी शाहिद अंसारी, पिता नवाब अंसारी, निवासी आजाद नगर, थाना लोवर बाजार, रांची, गिरोह के सक्रिय सदस्य आकाश राय उर्फ मोनू (मधुपुर जेल में बंद) का साढ़ू बताया गया है। पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है और पुलिस ने उसके आपराधिक इतिहास की भी पुष्टि की है।
गिरोह के मनी ट्रेल का खुलासा कैसे हुआ
बालूमाथ पुलिस की विशेष टीम पिछले कई हफ्तों से गिरोह के आर्थिक लेनदेन का विश्लेषण कर रही थी। ऑनलाइन और नकद दोनों माध्यमों से हुए लेनदेन की जांच में कई संदिग्ध गतिविधियों के प्रमाण मिले। पुलिस ने बैंक स्टेटमेंट, नकद निकासी, ऑनलाइन ट्रांसफर और संदिग्ध नंबरों के कॉल रिकॉर्ड का गहन विश्लेषण कर आरोपी की पहचान सुनिश्चित की।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार,
अधिकारी ने कहा: “गिरोह की आर्थिक रीढ़ तोड़ना हमारी प्राथमिकता थी। मनी ट्रेल की पुष्टि के बाद तुरंत कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।”
गिरफ्तारी और बरामदगी
गिरफ्तार आरोपी शाहिद अंसारी के पास से एक एंड्रॉइड मोबाइल जब्त किया गया है, जिसका इस्तेमाल ऑनलाइन ट्रांसफर और गिरोह से संपर्क में रहने के लिए किया जाता था। मोबाइल को डिजिटल फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है ताकि गिरोह के अन्य सदस्यों की भूमिका भी सामने आ सके।
छापामारी टीम की भूमिका
इस कार्रवाई में बालूमाथ थाना पुलिस की भूमिकाएं बेहद अहम रहीं। छापामारी दल में शामिल अधिकारी थे:
- पु०नि० परमानंद बिरुआ, बालूमाथ अंचल
- पु०अ०नि० अमरेंद्र कुमार, थाना प्रभारी, बालूमाथ
- पु०अ०नि० गौतम कुमार, बालूमाथ थाना
- पु०अ०नि० अनुभव सिन्हा, बालूमाथ थाना
- पु०अ०नि० होसेन डांग, बालूमाथ थाना
- पु०अ०नि० अमित कुमार रविदास, बालूमाथ थाना
- पु०अ०नि० देवेन्द्र कुमार, बालूमाथ थाना
इन अधिकारियों ने लगातार तकनीकी एवं फील्ड इन्वेस्टिगेशन के आधार पर आरोपी तक पहुंच बनाते हुए उसे रांची से धर दबोचा।
आगे की कार्रवाई
पुलिस अब गिरोह के बाकी आर्थिक नेटवर्क को चिह्नित करने में लगी है। मोबाइल और बैंक रिकॉर्ड की जांच से कई और खुलासे होने की संभावना है। साथ ही गिरोह के मददगारों की पहचान कर उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
न्यूज़ देखो: गिरोह की आर्थिक कमर पर जोरदार प्रहार
यह गिरफ्तारी इस बात का मजबूत संकेत है कि पुलिस अब सिर्फ अपराधियों को पकड़ने पर ही नहीं, बल्कि उनके आर्थिक नेटवर्क को जड़ से खत्म करने पर भी समान ध्यान दे रही है। संगठित अपराध की ताकत अक्सर पैसे पर टिकी होती है—ऐसे में यह कार्रवाई गिरोह की गतिविधियों पर बड़ा असर डाल सकती है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अपराध के खिलाफ सामूहिक जागरूकता आवश्यक
संगठित अपराध तभी कमजोर पड़ता है जब समाज, प्रशासन और कानून मिलकर उसके खिलाफ मजबूत मोर्चा बनाते हैं। आर्थिक अपराधों की पहचान और रिपोर्टिंग में स्थानीय लोगों की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण है।
अपने क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखें, कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने में योगदान दें। इस खबर पर अपनी राय कमेंट करें, इसे शेयर कर अधिक लोगों तक पहुंचाएं और जागरूकता फैलाने में भागीदार बनें।





