
#बानो #विधानसभा_घेराव : झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा की बानो प्रखंड समिति के पदाधिकारी रांची पहुँचकर सरकार की नीतियों के खिलाफ विधानसभा घेराव में शामिल हुए।
- झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा, बानो प्रखंड समिति के पदाधिकारी विधानसभा घेराव में शामिल होने रांची पहुँचे।
- प्रखंड अध्यक्ष रविंद्र सिंह, बुद्धिजीवी मोर्चा अध्यक्ष बनेश्वर सिंह, छात्र संघ अध्यक्ष गोपाल सिंह, सीताराम भुइँया समेत कई पदाधिकारी कार्यक्रम में शामिल।
- सरकार पर छात्रों और युवाओं के लिए फंड की कमी, रोजगार संकट और पलायन बढ़ने के आरोप।
- प्रतिनिधिमंडल ने घेराव से पहले डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो से मुलाकात की।
- बानो प्रखंड की विभिन्न समस्याओं से विधायक को अवगत कराया गया।
- कार्यक्रम का उद्देश्य—सदन तक जनता की आवाज़ पहुँचाना और युवाओं की समस्याओं पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना।
झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा द्वारा आयोजित विधानसभा घेराव को लेकर बानो प्रखंड में राजनीतिक हलचल तेज़ रही। सोमवार को प्रखंड समिति के कई महत्वपूर्ण पदाधिकारी राजधानी रांची पहुँचे, जहां वे सरकार की नीतियों के खिलाफ आयोजित बड़े प्रदर्शन में शामिल हुए। बानो प्रखंड अध्यक्ष रविंद्र सिंह के नेतृत्व में पहुँचे प्रतिनिधिमंडल ने सरकार पर युवाओं, छात्रों और बेरोजगारों की अनदेखी का गंभीर आरोप लगाया। रांची रवाना होने से पहले उन्होंने डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो से मुलाकात कर बानो प्रखंड की समस्याओं को विस्तार से साझा किया।
मोर्चा पदाधिकारियों का रांची में पदार्पण
झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा बानो प्रखंड समिति से जुड़े कई पदाधिकारी आज सुबह ही रांची पहुंचे। इनमें प्रखंड अध्यक्ष रविंद्र सिंह, बुद्धिजीवी मोर्चा अध्यक्ष बनेश्वर सिंह, छात्र संघ अध्यक्ष गोपाल सिंह, सीताराम भुइँया व अन्य स्थानीय पदाधिकारी शामिल रहे।
रांची पहुँचने के बाद सभी ने विधानसभा घेराव के लिए निर्धारित स्थल पर मोर्चा के अन्य जिलों से आए प्रतिनिधियों के साथ सामूहिक रूप से जुड़कर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। प्रदर्शन के दौरान संगठन के हाथों में तख्तियाँ, बैनर और नारेबाज़ी से माहौल पूरी तरह आंदोलित रहा।
सरकार की नीतियों पर मोर्चा का हमला
प्रदर्शन के दौरान प्रखंड अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने राज्य सरकार की नीतियों की तीखी आलोचना की। उनका कहना था कि झारखंड में बेरोज़गारी तेजी से बढ़ रही है और सरकार युवाओं को राहत देने में विफल साबित हुई है।
रविंद्र सिंह ने कहा:
“वर्तमान सरकार की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि झारखंड के छात्रों और युवाओं के लिए सरकार के पास फंड तक नहीं है। रोजगार के अभाव में युवा मजबूर होकर दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं। हमारी आवाज़ अब सदन तक पहुँचनी जरूरी है।”
उन्होंने बताया कि विधानसभा घेराव इसी उद्देश्य से किया जा रहा है ताकि सरकार जनता की आवाज़ सुने और युवाओं से जुड़े मुद्दों पर ठोस कदम उठाए।
बानो प्रखंड की समस्याएँ भी उठाए गए मुद्दों में शामिल
रांची पहुँचने से पूर्व प्रतिनिधिमंडल ने डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो से भेंट की। इस मुलाकात में बानो प्रखंड की कई मूलभूत समस्याओं पर चर्चा हुई—जैसे स्थानीय सड़कों की बदहाल स्थिति, बेरोज़गारी, शिक्षा के संसाधनों की कमी, युवाओं के लिए कौशल विकास अवसरों का अभाव आदि।
प्रतिनिधिमंडल ने विधायक से मांग की कि इन मुद्दों को सदन में मजबूती से उठाया जाए ताकि प्रखंड को बुनियादी सुविधाएँ और विकास के अवसर मिल सकें।
प्रदर्शन में युवाओं की बढ़ती भागीदारी
विधानसभा घेराव में सबसे अधिक भीड़ युवाओं की देखी गई। बानो प्रखंड से आए छात्र संगठन के पदाधिकारी गोपाल सिंह ने कहा कि शिक्षा और रोजगार सरकार की प्राथमिकता होने चाहिए, लेकिन जमीन पर स्थितियाँ बिल्कुल अलग हैं। छात्रों ने बताया कि शिक्षा योजनाएँ अटकी हुई हैं और सरकारी भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है।
उनके अनुसार:
“हम चाहते हैं कि सरकार नौकरी की राह खोले, छात्रों के लिए छात्रवृत्ति, कोचिंग योजनाएँ और शिक्षा सुविधाएँ उपलब्ध कराए।”
मोर्चा की रणनीति—सदन के दरवाज़े तक जनता की आवाज़
इस विधानसभा घेराव का मुख्य उद्देश्य राज्य की मौजूदा सरकार तक स्थानीय समस्याएँ, बेरोज़गारी और पलायन जैसे गंभीर मुद्दे पहुँचाना है। झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा का कहना है कि यदि सरकार जनता की समस्याएँ नहीं सुनेगी, तो आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज किया जाएगा।
प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया कि यह केवल राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि युवाओं, छात्रों और ग्रामीणों के अस्तित्व से जुड़ा प्रश्न है।
न्यूज़ देखो: युवाओं की आवाज़ अब सड़क से सदन तक
यह पूरा घटनाक्रम बताता है कि झारखंड के ग्रामीण इलाकों में बेरोज़गारी और पलायन की समस्या कितनी गंभीर हो चुकी है। बानो प्रखंड के प्रतिनिधियों का रांची पहुँचकर विधानसभा घेराव में शामिल होना यह दर्शाता है कि युवा अब बदलाव की मांग के लिए एकजुट हो रहे हैं। सरकार को चाहिए कि इस आक्रोश को संकेत के रूप में लेकर रोजगार, शिक्षा और विकास योजनाओं पर ठोस कदम उठाए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बदलाव की राह पर युवा आवाज़—अब रुकने वाले नहीं
युवाओं और जनसंगठनों की सक्रियता किसी भी समाज की ताकत होती है। जब लोग अपनी समस्याओं को लेकर संगठित होकर राजधानी तक पहुँचते हैं, तो संदेश साफ होता है—वे अपने भविष्य के लिए लड़ने को तैयार हैं।
यह आंदोलन न केवल बानो प्रखंड की समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि पूरे झारखंड में बदलाव की ज़रूरत को भी रेखांकित करता है।





