
#बरवाडीह #शीतलहर_राहत : बाजार क्षेत्र में अलाव जलवाकर दुकानदारों और राहगीरों को ठंड से बचाव।
लातेहार जिले के बरवाडीह बाजार क्षेत्र में कड़ाके की ठंड और शीतलहर के बीच व्यवसायियों को बड़ी राहत मिली है। व्यवसायिक संघ के अध्यक्ष सह सांसद प्रतिनिधि दीपक राज ने मुर्गा मंडी और रेलवे बाजार में अलाव की व्यवस्था कराई। प्रशासनिक पहल के अभाव में की गई इस व्यवस्था से दुकानदारों और राहगीरों को ठंड से राहत मिली है।
- बरवाडीह बाजार क्षेत्र में ठंड से राहत के लिए अलाव की व्यवस्था।
- व्यवसायिक संघ अध्यक्ष दीपक राज ने की पहल।
- मुर्गा मंडी और रेलवे बाजार में जलाया गया अलाव।
- प्रशासनिक व्यवस्था नहीं होने से दुकानदार परेशान थे।
- दुकानदारों और राहगीरों ने जताया आभार।
बरवाडीह (लातेहार) क्षेत्र में इन दिनों कड़ाके की ठंड और शीतलहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। सुबह और शाम के समय तापमान में तेज गिरावट के कारण बाजारों में व्यवसाय करने वाले छोटे दुकानदारों, ग्राहकों और राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में बरवाडीह बाजार क्षेत्र के व्यवसायियों को उस समय बड़ी राहत मिली, जब व्यवसायिक संघ के अध्यक्ष सह सांसद प्रतिनिधि दीपक राज ने स्वयं पहल करते हुए अलाव की व्यवस्था कराई।
प्रशासनिक व्यवस्था नहीं होने से बढ़ी परेशानी
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि प्रत्येक वर्ष ठंड के मौसम में अंचल प्रशासन की ओर से बाजार क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर अलाव की व्यवस्था कराई जाती थी। इसका उद्देश्य दुकानदारों, ग्राहकों और राहगीरों को शीतलहर से राहत देना होता था।
लेकिन इस वर्ष अब तक बाजार क्षेत्र के कई प्रमुख स्थलों पर प्रशासन द्वारा अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई, जिससे दुकानदारों में नाराजगी और चिंता बढ़ गई थी।
दुकानदारों ने बताया कि सुबह जल्दी और शाम ढलते ही शीतलहर का असर काफी तेज हो जाता है। ठंड के कारण दुकानों पर बैठना मुश्किल हो रहा था और ग्राहक भी बाजार आने से कतराने लगे थे, जिससे व्यवसाय पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा था।
दुकानदारों की मांग पर दीपक राज की त्वरित पहल
इस समस्या को लेकर बाजार क्षेत्र के दुकानदारों ने व्यवसायिक संघ के अध्यक्ष सह सांसद प्रतिनिधि दीपक राज से संपर्क किया और अपनी परेशानियों से उन्हें अवगत कराया। दुकानदारों की बातों को गंभीरता से लेते हुए दीपक राज ने बिना किसी देरी के राहत कार्य शुरू कराया।
उन्होंने मुर्गा मंडी और रेलवे बाजार जैसे व्यस्त इलाकों में अलाव जलाने के लिए लकड़ी की व्यवस्था कराई। अलाव जलते ही बाजार क्षेत्र में मौजूद दुकानदारों, ग्राहकों और राहगीरों को ठंड से काफी राहत मिली।
अलाव से मिली तत्काल राहत
अलाव की व्यवस्था होते ही बाजार में मानो जान लौट आई। दुकानदारों ने बताया कि अब वे सुबह और शाम के समय भी अपेक्षाकृत सहजता से अपनी दुकानों पर बैठ पा रहे हैं। राहगीरों और मजदूरों को भी ठंड से बचने के लिए अस्थायी सहारा मिल गया है।
बाजार में मौजूद लोगों ने कहा कि अलाव की यह व्यवस्था न केवल ठंड से राहत देने वाली है, बल्कि इससे मानवीय संवेदना और सामाजिक जिम्मेदारी का भी संदेश जाता है।
दीपक राज का बयान
अलाव की व्यवस्था के दौरान व्यवसायिक संघ अध्यक्ष दीपक राज ने कहा:
दीपक राज ने कहा: “इन दिनों क्षेत्र में कड़ाके की ठंड और शीतलहर का प्रकोप है। ऐसे में बाजार में दिनभर बैठकर काम करने वाले छोटे दुकानदारों, ग्राहकों और मजदूरों को ठंड से बचाव की जरूरत है। जब तक प्रशासन की ओर से स्थायी व्यवस्था नहीं होती, तब तक समाज के स्तर पर जरूरतमंदों की मदद करना जरूरी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि व्यवसायिक संघ हमेशा दुकानदारों और आम लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर रहेगा।
दुकानदारों ने जताया आभार
ठंड के इस कठिन समय में सहयोग मिलने से दुकानदारों में संतोष और खुशी देखने को मिली। दुकानदारों ने एक स्वर में दीपक राज का आभार जताते हुए कहा कि उनकी पहल से बाजार क्षेत्र में सकारात्मक संदेश गया है।
दुकानदारों का कहना है कि यदि प्रशासन समय पर अलाव की व्यवस्था करता, तो इतनी परेशानी नहीं होती। इसके बावजूद दीपक राज द्वारा व्यक्तिगत पहल कर अलाव की व्यवस्था कराना सराहनीय कदम है।
प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग
हालांकि दुकानदारों ने यह भी कहा कि यह समस्या हर वर्ष सामने आती है, इसलिए प्रशासन को चाहिए कि ठंड के मौसम में बाजार क्षेत्र के सभी प्रमुख स्थानों पर स्थायी रूप से अलाव या अन्य ठंड से बचाव की व्यवस्था सुनिश्चित करे।
स्थायी समाधान से न केवल दुकानदारों को राहत मिलेगी, बल्कि आम लोगों को भी सुविधा होगी।

न्यूज़ देखो: सामाजिक पहल ने दिखाई मानवीय संवेदना
बरवाडीह बाजार में अलाव की व्यवस्था यह दर्शाती है कि जब प्रशासनिक व्यवस्था कमजोर पड़ती है, तब सामाजिक पहल कितनी अहम हो जाती है। व्यवसायिक संघ अध्यक्ष दीपक राज की यह पहल न सिर्फ राहत देने वाली है, बल्कि समाज में जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का उदाहरण भी पेश करती है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस दिशा में स्थायी कदम कब उठाता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
ठंड में साथ जरूरी, संवेदना ही असली ताकत
कड़ाके की ठंड में एक छोटी सी पहल भी बड़ी राहत बन सकती है।
समाज के हर वर्ग को जरूरतमंदों के साथ खड़ा होना चाहिए।
यदि आपके क्षेत्र में भी ऐसी समस्याएं हैं, तो आवाज उठाएं।
अपनी राय कमेंट करें, खबर साझा करें और मानवीय प्रयासों को आगे बढ़ाएं।





