
20 सूत्री उपाध्यक्ष के साले समेत दो गिरफ्तार, फायरिंग में प्रयुक्त हथियार और बाइक बरामद
- सिगसिगा खुर्द के योगेंद्र प्रसाद पर जानलेवा हमले का खुलासा
- 20 सूत्री उपाध्यक्ष के साले समेत दो आरोपी गिरफ्तार
- आरोपियों के पास से देसी पिस्टल, जिंदा गोली, बाइक और मोबाइल बरामद
- मनरेगा योजना की ठेकेदारी विवाद से जुड़ा मामला
- अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कार्रवाई जारी
दो आरोपियों की गिरफ्तारी और बरामदगी
गढ़वा जिला के चिनिया थाना क्षेत्र अंतर्गत सिगसिगा खुर्द निवासी योगेंद्र प्रसाद पर हुए जानलेवा फायरिंग मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गढ़वा एसपी दीपक कुमार पांडे ने प्रेस वार्ता कर जानकारी दी कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में —
- मंझिआव थाना क्षेत्र के करुई गांव निवासी अमित कुमार सिंह उर्फ बबलू सिंह
- 20 सूत्री उपाध्यक्ष के साले, पिपराटांड़ थाना क्षेत्र के गोंगो गांव निवासी नितेश कुमार सिंह उर्फ नीतू सिंह शामिल हैं।
पुलिस ने इनके पास से एक देशी पिस्टल, एक जिंदा गोली, घटना में प्रयुक्त सफेद रंग की अपाची बाइक और दो मोबाइल बरामद किए हैं।

हमले की वजह और साजिश का पर्दाफाश
7 मार्च को तहले घाटी के पास योगेंद्र प्रसाद पर गोली चलाई गई थी, जिसमें वे घायल हो गए थे। जांच के बाद पुलिस ने खुलासा किया कि मामला मनरेगा योजना की ठेकेदारी से जुड़ा था। योगेंद्र प्रसाद और गांव के ही मंदीप यादव के बीच योजनाओं को लेकर विवाद चल रहा था।
पुलिस के अनुसार, “मंदीप यादव और नितेश सिंह ने पंचायत स्तर पर कई योजनाओं को पास कराया था, जिसका योगेंद्र ने विरोध किया था। इससे योजनाएं रद्द हो गईं, और दोनों पक्षों में पहले से ही तनाव था।“
मंदीप यादव, जो वर्तमान में जेल में है, ने जेल जाने से पहले ही योगेंद्र को रास्ते से हटाने की साजिश रची थी। उसने अमित कुमार सिंह और नितेश सिंह के साथ अपने पुंदाग स्थित मकान में योजना बनाई थी। घटना के दिन दोनों आरोपियों ने योगेंद्र का पीछा किया और तहले घाटी के पास फायरिंग की, लेकिन योगेंद्र किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहे।
अन्य आरोपियों की तलाश जारी
एसपी दीपक कुमार पांडे ने बताया कि इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी अभियान जारी है। उन्होंने यह भी बताया कि गिरफ्तार आरोपी अमित कुमार सिंह पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
प्रेस वार्ता में मौजूद अधिकारी
इस प्रेस वार्ता में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रोहित रंजन सिंह, पुलिस निरीक्षक सुभाष कुमार पासवान, अमित कुमार, नवीन कुमार राणा, और राधेश्याम राम भी उपस्थित थे।
गढ़वा में बढ़ती आपराधिक घटनाएं पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई हैं। योगेंद्र प्रसाद पर हुए इस हमले का पर्दाफाश कर पुलिस ने एक महत्वपूर्ण काम किया है, लेकिन सवाल यह भी है कि ऐसे षड्यंत्र आखिर कैसे पनप रहे हैं। क्या आपराधिक प्रवृत्ति वालों पर पहले से ही कड़ी निगरानी होनी चाहिए? न्यूज़ देखो आपके लिए ऐसे ही महत्वपूर्ण अपडेट लाता रहेगा। हर खबर पर रहेगी हमारी नज़र!