
#गढ़वा #विभाजनविभीषिका : काला पट्टी बांध मौन जुलूस, नेताओं ने कांग्रेस पर लगाया गंभीर आरोप
- भाजपा कार्यकर्ताओं ने काला पट्टी बांध कर मौन जुलूस निकाला।
- विधायक सत्येन्द्र नाथ तिवारी के आवास पर आयोजित हुआ कार्यक्रम।
- जिलाध्यक्ष ठाकुर प्रसाद महतो ने कांग्रेस पर देश बांटने का आरोप लगाया।
- मुख्य अतिथि अमित सिंह ने कहा—विभाजन ने कांग्रेस का चेहरा उजागर किया।
- बिपीन बिहारी सिंह ने कहा—धर्म के आधार पर हुआ विभाजन, हिन्दुओं पर अत्याचार।
कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने काला पट्टी बांधकर विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया। मौन जुलूस भाजपा विधायक सत्येन्द्र नाथ तिवारी के आवास से शुरू हुआ। इस मौके पर जिलाध्यक्ष ठाकुर प्रसाद महतो ने कहा कि कांग्रेस ने देश को बांटकर भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी गांठ बांधने का काम किया।
कांग्रेस पर तीखे आरोप
मुख्य अतिथि अमित सिंह ने कहा कि देश के विभाजन ने कांग्रेस का असली चेहरा सामने ला दिया। उनके अनुसार कांग्रेस का चरित्र हमेशा से देश विरोधी रहा है और उसने विभाजन कर हिन्दुओं पर अत्याचार किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हिन्दुओं को अत्याचार, मार-काट और पलायन झेलना पड़ा, जबकि भारत में मुस्लिम समुदाय को रहने की अनुमति दी गई।
बंटवारे के परिणाम और पीड़ा
बिपीन बिहारी सिंह ने कहा कि विभाजन के दौरान लाखों लोग घर-बार छोड़ने पर मजबूर हुए और कई मारे गए। उनका कहना था कि यह विभाजन पूरी तरह धर्म आधारित था, लेकिन इसका सबसे ज्यादा नुकसान हिन्दुओं को उठाना पड़ा।
एकता बनाए रखने का आह्वान
पूर्व भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष बिनय चौबे ने कहा कि कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के पक्ष में काम करते हुए देश को बांटने का काम किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि भारत को एकता के सूत्र में बांधकर रखा जाए।
कार्यक्रम में उपस्थित नेता और कार्यकर्ता
कार्यक्रम का संचालन भाजयुमो जिलाध्यक्ष रामशीष तिवारी ने किया। मौके पर पूर्व सांसद घुरन राम, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य ओमप्रकाश केशरी, विधायक प्रतिनिधि विवेकानंद तिवारी, भाजपा नेता बिनोद तिवारी, ब्रजेश उपाध्याय, बिनोद चंद्रवंशी, जिला मीडिया प्रभारी रितेश चौबे, डॉ. पतंजलि केशरी, मीना गुप्ता, अभिषेक कश्यप, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष अनीता गुप्ता, पार्वती सिंह, शोभा जायसवाल सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।

न्यूज़ देखो: विभाजन की पीड़ा और एकता का संदेश
यह कार्यक्रम सिर्फ अतीत की त्रासदी को याद करने का अवसर नहीं था, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश देने का भी था कि धर्म और राजनीति के नाम पर देश को बांटने वालों को इतिहास माफ नहीं करता। विभाजन के घाव आज भी भारत की सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को चुनौती देते हैं, और यह जिम्मेदारी हर नागरिक की है कि इस एकता को बनाए रखा जाए। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
देश की एकता के लिए सजग रहें
हम सबका कर्तव्य है कि हम अपने इतिहास से सीख लेकर भविष्य को सुरक्षित बनाएं। सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता के लिए प्रयासरत रहें, और ऐसे कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाकर अपने मित्रों व परिजनों को भी प्रेरित करें।