
#लोहरदगा #बिरसा_जयंती : भाजपा ने डेरी फार्म पतरा टोली से पदयात्रा निकालकर शहीद स्मारक स्थल पर धरती आबा को श्रद्धांजलि दी
- 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस एवं बिरसा मुंडा जयंती पर भाजपा ने पदयात्रा निकाली।
- पदयात्रा का नेतृत्व मनीर उरांव ने किया और यात्रा डेरी फार्म पतरा टोली से शुरू हुई।
- ओम प्रकाश सिंह और श्रीचंद प्रजापति सहित कई नेता कार्यक्रम में मौजूद रहे।
- शहीद स्मारक स्थल पर भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
- मनीर उरांव ने संस्कृति, परंपरा, आदिवासी अस्मिता और वर्तमान राजनीति पर अपने विचार रखे।
15 नवंबर को लोहरदगा में झारखंड स्थापना दिवस और धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती सह जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी ने एक प्रभावशाली पदयात्रा निकाली। भाजपा जिला अध्यक्ष मनीर उरांव के नेतृत्व में पूर्वाह्न 11 बजे डेरी फार्म पतरा टोली से कार्यकर्ता पारंपरिक नगाड़ा और मांदर की थाप पर निकले और पदयात्रा करते हुए बिरसा मुंडा शहीद स्मारक स्थल पहुंचे। वहां भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया।
नेताओं की उपस्थिति और संदेश का प्रभाव
इस कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य ओम प्रकाश सिंह, माटी कला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष श्रीचंद प्रजापति सहित अनेक पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे। सभी ने भगवान बिरसा मुंडा के जीवन संघर्ष, आदिवासी पहचान और सांस्कृतिक विरासत के महत्व को रेखांकित किया।
मनीर उरांव ने कहा: “धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के जीवन संघर्ष को समझने से हमें अपनी मूल संस्कृति और सभ्यता के महत्व का बोध होता है। विदेशी परंपराओं के प्रभाव से आदिवासी समाज को बचाने के लिए उन्होंने आजीवन संघर्ष किया।”
उन्होंने कहा कि आज भी कई स्थानों पर विदेशी विचारधाराओं को बढ़ावा देकर आदिवासी परंपराओं को क्षति पहुँचाने की कोशिशें जारी हैं। मनीर उरांव ने दावा किया कि भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर राष्ट्रीय दिवस की स्थापना भाजपा के प्रयासों से हुई और झारखंड राज्य का गठन भी भाजपा सरकार द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में कराया गया।
राजनीतिक टिप्पणियाँ और वर्तमान स्थिति
मनीर उरांव ने अपने संबोधन में कहा कि झामुमो झारखंड आंदोलन की बातें करता है, लेकिन सत्ता में उन्हीं लोगों को शामिल किया गया है जिन्होंने कभी झारखंड बनने का समर्थन नहीं किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि आज झारखंड में बाहरी प्रभाव बढ़ने से स्थानीय लोगों के अधिकारों पर आंच आ रही है, जिसे बदलना आवश्यक है।
उन्होंने कहा: “भगवान बिरसा मुंडा बाहरी ताकतों का विरोध करते थे, और उनकी सोच को अपनाकर ही हम एक सुंदर और स्वर्णिम झारखंड बना सकते हैं।”
बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की भागीदारी
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे। इनमें प्रमुख रूप से —
हर्षनाथ महतो, बालकृष्णा सिंह, अनिल उरांव, पशुपति नाथ पारस, जगनंदन पौराणिक, मिथुन तमेड़ा, राजकुमार वर्मा, विवेक चौहान, सचिन सिंघानिया, विश्वजीत भारती, अशोक साहू, राजकुमार मुंडा, रामकुमार खेरवार, सरोज प्रजापति, अमित लोहरा, सुभाष यादव, प्रकाश नायक, सामेला भगत, पावन तिग्गा, आदित्य कुमार, शंकर प्रजापति, अशोक कास्यकार, विश्वजीत घोष, भगवान उरांव, प्रभु उरांव, केलू उरांव, बुधराम उरांव, कृष्ण मुंडा, अशोक चौहान आदि शामिल रहे। पदयात्रा के दौरान कार्यकर्ताओं का उत्साह देखने लायक था।



न्यूज़ देखो: बिरसा मुंडा की विरासत और झारखंड की पहचान को मजबूत करती भाजपा की पहल
यह कार्यक्रम साफ़ दर्शाता है कि सांस्कृतिक विरासत और जनजातीय अस्मिता झारखंड की राजनीति और समाज में गहराई से जुड़ी हुई है। भाजपा की यह पदयात्रा न केवल श्रद्धांजलि का माध्यम बनी, बल्कि यह आदिवासी परंपराओं और राजनीतिक संदेश का संगम भी रही।
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युवा आगे आएं, संस्कृति को संजोएं और स्वर्णिम झारखंड के निर्माण में योगदान दें
भगवान बिरसा मुंडा की शिक्षा और संघर्ष हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने और अपनी संस्कृति की रक्षा करने की सीख देता है। अब समय है कि युवा आगे बढ़कर इस विरासत को और मजबूत करें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि यह संदेश दूर तक पहुंचे।





