
#बोकारो #नक्सल ऑपरेशन : वीरगति को प्राप्त हुए प्राणेश्वर कोच की शहादत — संयुक्त अभियान में 5 लाख का इनामी नक्सली मारा गया
- गोमिया थाना क्षेत्र के बिरहोरडेरा जंगल में हुआ भीषण मुठभेड़
- 209-COBRA के जवान प्राणेश्वर कोच शहीद — गोली लगने से हुई वीरगति
- 5 लाख का इनामी नक्सली कुंवर उर्फ सहदेव मांझी मारा गया
- AK-47 राइफल और मैगजीन की बरामदगी से ऑपरेशन को मिली बड़ी कामयाबी
- परवेश उर्फ सहदेव सोरेन और बिरसेन उर्फ चंचल के दस्ते से हुई मुठभेड़
- बोकारो पुलिस और COBRA-209 का संयुक्त अभियान रहा निर्णायक
मुठभेड़ की पृष्ठभूमि: ऑपरेशन के पीछे थी खुफिया सूचना
बोकारो जिले के गोमिया थाना अंतर्गत बिरहोरडेरा जंगल में महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक के निर्देश पर नक्सल उन्मूलन के लिए एक सघन अभियान चलाया जा रहा था। इसी क्रम में, पुलिस अधीक्षक बोकारो के नेतृत्व में COBRA 209 बटालियन और स्थानीय पुलिस द्वारा एक संयुक्त ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
मिली खुफिया सूचना के अनुसार, प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) के वरीय नेता परवेश उर्फ सहदेव सोरेन और बिरसेन उर्फ चंचल का दस्ता इलाके में सक्रिय था। इनकी घेराबंदी के लिए सुरक्षा बलों ने सुनियोजित रणनीति के साथ जंगल में अभियान शुरू किया।
ऑपरेशन में मिली बड़ी सफलता: इनामी नक्सली ढेर
अभियान के दौरान सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच भीषण गोलीबारी हुई। मुठभेड़ के दौरान 5 लाख का इनामी SZCM सदस्य कुंवर उर्फ सहदेव मांझी मारा गया। यह नक्सली कई संगीन मामलों में वांछित था और लंबे समय से पुलिस की रडार पर था।
घटनास्थल से एक AK-47 राइफल और उसकी मैगजीन भी बरामद की गई है, जो माओवादी गतिविधियों की पुष्टि करता है। यह सफलता सुरक्षा बलों की सटीक रणनीति और वीरता का परिचायक है।
बलिदान की पीड़ा: शहीद हुए जवान प्राणेश्वर कोच
इस मुठभेड़ में जहां एक ओर सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता पाई, वहीं दूसरी ओर 209-COBRA बटालियन के जवान CT/GD प्राणेश्वर कोच को गोली लग गई। इलाज के पहले ही वे वीरगति को प्राप्त हो गए।
CRPF अधिकारी ने कहा: “जवान प्राणेश्वर कोच ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। उनकी वीरता और निष्ठा सदैव याद रखी जाएगी।”
नेतृत्व और समन्वय: पुलिस की तत्परता से संभव हुआ मिशन
इस अभियान में बोकारो पुलिस के नेतृत्व और COBRA बलों की त्वरित प्रतिक्रिया की अहम भूमिका रही। पूरी कार्रवाई निर्देशानुसार और जमीनी हकीकत के साथ चलाए गए रणनीतिक अभियान का परिणाम रही। सुरक्षा बलों की तैनाती, इलाके की घेराबंदी, और खुफिया जानकारी की पुष्टि से यह स्पष्ट है कि पुलिस अब नक्सली नेटवर्क को लेकर पहले से ज्यादा सतर्क है।
शहीद के सम्मान में क्षेत्र में शोक
जवान प्राणेश्वर कोच की शहादत पर सुरक्षा बलों, स्थानीय प्रशासन और आमजन ने शोक व्यक्त किया है। उनका बलिदान केवल एक नक्सल विरोधी अभियान का हिस्सा नहीं, बल्कि एक आदर्श कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। राज्य और केंद्र सरकार से उनके परिवार को सम्मान और समुचित सहायता की मांग की जा रही है।
नक्सल विरोधी अभियानों की स्थिति
पिछले कुछ वर्षों में झारखंड पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की सघन कार्रवाई से कई इनामी नक्सली मारे जा चुके हैं। यह ताजा घटना इस बात का संकेत है कि नक्सलियों के मंसूबे अब लंबे समय तक नहीं टिक पाएंगे।
भविष्य की तैयारी: निगरानी और अभियान तेज
सुरक्षा एजेंसियों ने कहा है कि इलाके में ड्रोन, ट्रैकिंग डिवाइसेज़, और तकनीकी निगरानी को और तेज किया जाएगा। साथ ही, ग्रामीणों को जागरूक कर स्थानीय सहयोग से नक्सल नेटवर्क को खत्म करने की दिशा में काम किया जा रहा है।
न्यूज़ देखो: बहादुरी और बलिदान की कहानी से प्रेरणा
न्यूज़ देखो इस वीरगति की घटना को केवल एक समाचार नहीं, बल्कि बहादुरी, बलिदान और पुलिसिंग के अदम्य साहस के रूप में देखता है। जवान प्राणेश्वर कोच का नाम झारखंड के सुरक्षा इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा।
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जागरूक नागरिक बनें, वीरों को सम्मान दें
सुरक्षा बलों के त्याग और बलिदान को समाज को समझना चाहिए। ऐसे अभियानों से एक सुरक्षित भविष्य की नींव रखी जाती है। कृपया इस खबर को साझा करें, अपने विचार कमेंट में रखें, और अपने मित्रों व परिजनों के साथ भेजें ताकि वीरों का सम्मान हर कोने तक पहुंचे।