
#लातेहार #छठपर्व : बालूमाथ के सीरम भगिया गांव में 20 वर्षीय युवती की मौत पर उबाल – भीम आर्मी और ग्रामीणों का न्याय के लिए प्रदर्शन
- सीरम भगिया गांव में छठ पूजा के दौरान युवती सोनी कुमारी की संदिग्ध मौत से हड़कंप।
- पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने शव रखकर बालूमाथ में सड़क जाम किया।
- भीम आर्मी महासचिव वीरेंद्र कुमार और महिला मोर्चा अध्यक्ष अनीता देवी मौके पर पहुंचीं।
- परिजनों ने लातेहार उपयुक्त और एसपी को मौके पर बुलाने की मांग की।
- सूत्रों के अनुसार एक व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है, पर पुलिस ने नाम उजागर नहीं किया।
छठ पूजा के दौरान रहस्यमय हालात में जान गंवाने वाली सोनी कुमारी की मौत ने पूरे बालूमाथ इलाके को झकझोर दिया है। मंगलवार को हुई इस दुखद घटना के बाद बुधवार को पोस्टमार्टम पूरा होने के उपरांत परिजनों ने आक्रोशित होकर बालूमाथ-लातेहार मार्ग को जाम कर दिया। उनका कहना था कि जब तक प्रशासन दोषियों की गिरफ्तारी की घोषणा नहीं करता और अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते, तब तक सड़क जाम जारी रहेगा।
सड़क जाम और आक्रोश का माहौल
पोस्टमार्टम के बाद जब शव गांव पहुंचा तो परिजनों के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। लोगों ने आरोप लगाया कि यह हत्या का मामला है, जिसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की जा रही है। आक्रोशित ग्रामीणों ने बालूमाथ में शव रखकर घंटों सड़क जाम किया और न्याय की मांग को लेकर नारेबाजी की।
इस दौरान स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने लोगों को समझाने की कोशिश की, पर ग्रामीण दोषियों की गिरफ्तारी और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी पर अड़े रहे।
भीम आर्मी की सख्त प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही भीम आर्मी झारखंड प्रदेश महासचिव वीरेंद्र कुमार और महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष अनीता देवी बालूमाथ पहुंचे। उन्होंने परिजनों से मुलाकात की और कहा कि “यह मामला मानवता को शर्मसार करने वाला है, हम दोषियों को सजा दिलवाकर रहेंगे।”
वीरेंद्र कुमार ने कहा: “यदि पुलिस ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो भीम आर्मी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी। गरीब परिवार को न्याय और मुआवजा दोनों मिलना चाहिए।”
अनीता देवी ने भी कहा कि “सोनी जैसी बेटियों के लिए अब समाज को एकजुट होना होगा। प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।”
प्रशासन पर बढ़ा दबाव
परिजनों ने लातेहार उपयुक्त और पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि वे तुरंत बालूमाथ पहुंचकर मामले की जांच की प्रगति बताएं। परिजनों ने कहा कि जब तक वरिष्ठ अधिकारी मौके पर नहीं आते, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, एक संदिग्ध व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में लिया है, लेकिन अब तक आरोपी का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है। इससे ग्रामीणों के बीच प्रशासन के प्रति अविश्वास और आक्रोश बढ़ रहा है।
न्याय और पारदर्शिता की मांग
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे मामलों में न्यायिक जांच और फास्ट-ट्रैक कोर्ट की जरूरत है ताकि पीड़ित परिवार को जल्द न्याय मिल सके। लोगों ने कहा कि छठ पूजा जैसे पवित्र पर्व पर ऐसी अमानवीय घटना का होना पूरे समाज के लिए शर्मनाक है।
एक ग्रामीण महिला ने कहा: “हमारी बेटियां अब कैसे घाट जाएंगी? जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, यह लड़ाई जारी रहेगी।”

न्यूज़ देखो: न्याय के लिए जनता की पुकार
यह घटना केवल एक परिवार की पीड़ा नहीं, बल्कि समाज की उस चुप्पी का प्रतीक है जो अपराधियों को बढ़ावा देती है। प्रशासन को चाहिए कि वह न केवल अपराधियों को गिरफ्तार करे बल्कि मामले की सार्वजनिक पारदर्शिता भी बनाए रखे। हर नागरिक की सुरक्षा, विशेषकर बेटियों की, प्रशासन की सर्वोच्च जिम्मेदारी है।
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अब वक्त है कि हम सभी बेटियों की सुरक्षा और न्याय के लिए आवाज उठाएं। प्रशासनिक निष्पक्षता तभी संभव है जब समाज संगठित होकर अन्याय के खिलाफ खड़ा हो। आप भी अपनी राय रखें, इस खबर को शेयर करें और न्याय की इस मांग को और बुलंद करें ताकि हर बेटी सुरक्षित महसूस कर सके।




