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डुमरी में छठ घाट मार्ग की मरम्मती संपन्न, थाना प्रभारी अनुज कुमार के नेतृत्व में प्रशासन और ग्रामीणों ने किया श्रमदान

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#डुमरी #छठ_तैयारी : श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु प्रशासन और जनता ने मिलकर किया मार्ग दुरुस्ती कार्य – आस्था और सहयोग का अद्भुत उदाहरण
  • आगामी छठ महापर्व को लेकर डुमरी प्रखंड में जोरों पर तैयारियां।
  • थाना प्रभारी अनुज कुमार ने पुलिस बल के साथ ग्रामीणों संग श्रमदान कर मार्ग की मरम्मत की।
  • बारिश से बने गड्ढों और कीचड़ को भरकर सड़क को समतल बनाया गया।
  • ग्रामीणों ने प्रशासन की तत्परता की सराहना करते हुए सफाई अभियान जारी रखने का संकल्प लिया।
  • अधिकारी बोले – व्रतियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए हर संभव प्रयास जारी।

डुमरी (गुमला)। छठ महापर्व को लेकर पूरे डुमरी प्रखंड में तैयारियां चरम पर हैं। इसी कड़ी में आज डुमरी के प्रमुख छठ घाट तक जाने वाले मार्ग की मरम्मती कार्य संपन्न हुआ। यह कार्य थाना प्रभारी अनुज कुमार के नेतृत्व में पुलिस बल और ग्रामीणों के संयुक्त सहयोग से किया गया। श्रद्धा, समर्पण और सामाजिक सहयोग की यह मिसाल स्थानीय प्रशासन और आम नागरिकों के बीच तालमेल की सुंदर झलक पेश करती है।

प्रशासन और जनता की साझी पहल

ग्रामीणों ने बताया कि छठ पर्व के दौरान हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन घाट तक पहुंचते हैं। इस बार बारिश से मार्ग पर कीचड़ और गड्ढों के कारण आवागमन में कठिनाई बढ़ गई थी। इस स्थिति को देखते हुए थाना प्रभारी अनुज कुमार ने व्यक्तिगत रूप से पहल की और अपनी टीम के साथ ग्रामीणों को श्रमदान के लिए प्रेरित किया। कुछ ही घंटों में सड़क समतल कर दी गई, जिससे श्रद्धालुओं के आवागमन में अब किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

इस अवसर पर ग्रामीणों ने बताया कि इस बार छठ पर्व को लेकर वे पहले से अधिक सजग हैं और पूरे क्षेत्र में स्वच्छता और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने थाना प्रभारी की पहल को सराहनीय बताया और कहा कि यह कार्य प्रशासन और जनता के बीच विश्वास को मजबूत करने वाला है।

श्रद्धा और प्रशासनिक तत्परता का संगम

थाना प्रभारी अनुज कुमार ने कहा कि छठ केवल पूजा का पर्व नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और अनुशासन का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि प्रशासन हर संभव प्रयास करेगा ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

अनुज कुमार ने कहा: “छठ पर्व हमारी आस्था और संस्कृति का प्रतीक है। हमारा प्रयास है कि व्रतियों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। प्रशासन और जनता के संयुक्त सहयोग से हम इस आयोजन को पूरी स्वच्छता और श्रद्धा के साथ सफल बनाएंगे।”

उनके इस बयान ने उपस्थित ग्रामीणों का उत्साह और बढ़ा दिया। सभी ने एकजुट होकर घाट क्षेत्र को स्वच्छ और सुगम बनाने की शपथ ली।

ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी

सड़क की मरम्मती के दौरान आसपास के गांवों से भी लोग पहुंचे। युवाओं ने फावड़ा और बेलचा उठाकर मिट्टी भराई में सहयोग किया, जबकि महिलाओं ने आसपास की झाड़ियों और कचरे की सफाई में भाग लिया। यह दृश्य एक सच्चे सामाजिक सहयोग का प्रतीक बन गया।

स्थानीय बुजुर्गों ने बताया कि इससे पहले किसी भी थाना प्रभारी ने इस स्तर पर पहल नहीं की थी। अनुज कुमार की सक्रिय भागीदारी ने पूरे इलाके में प्रशासन के प्रति विश्वास को नई दिशा दी है।

छठ घाट पर स्वच्छता का विशेष संकल्प

मरम्मती कार्य के बाद ग्रामीणों ने छठ घाट के आसपास के क्षेत्रों की सफाई शुरू की। उन्होंने मिट्टी समतल की, रास्ते किनारे जमा प्लास्टिक और कचरे को हटाया, और पानी के बहाव को व्यवस्थित किया। ग्रामीणों का कहना था कि स्वच्छ घाट ही सच्चे अर्थों में आस्था का सम्मान है।

ग्राम अध्यक्ष अनिल साहू ने कहा: “हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि इस बार हमारा घाट सबसे स्वच्छ और सुरक्षित हो। छठ व्रती माताओं को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आने देंगे।”

यह दृश्य दिखाता है कि जब समाज और प्रशासन एक साथ मिलकर काम करते हैं, तो किसी भी चुनौती को आसानी से पार किया जा सकता है।

संयुक्त प्रयासों की गूंज पूरे क्षेत्र में

थाना प्रभारी की इस पहल की चर्चा पूरे प्रखंड में हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह न केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी का उदाहरण है, बल्कि सामाजिक एकता और सहयोग की भावना का भी संदेश देता है। आने वाले दिनों में अन्य पंचायतों में भी इसी तरह श्रमदान कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि हर छठ घाट स्वच्छ और सुरक्षित बन सके।

न्यूज़ देखो: जब प्रशासन और जनता ने मिलकर बनाई मिसाल

डुमरी की यह पहल साबित करती है कि जब प्रशासनिक इच्छाशक्ति और जनसहयोग साथ आते हैं, तो परिवर्तन संभव है। थाना प्रभारी अनुज कुमार की नेतृत्व क्षमता और ग्रामीणों का समर्पण छठ पर्व की भावना को और भी उज्ज्वल बनाता है। यह कहानी केवल मार्ग मरम्मती की नहीं, बल्कि सहयोग और विश्वास की है।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

स्वच्छता और सहयोग से सजेगी आस्था की डोर

छठ केवल पूजा नहीं, बल्कि समाज में अनुशासन, एकता और स्वच्छता का संदेश देता है। जब हर नागरिक अपने स्तर पर योगदान देता है, तो त्योहारों की चमक और बढ़ जाती है। आइए, इस बार हम सब संकल्प लें कि अपने गांव, मोहल्ले और घाट को स्वच्छ रखेंगे। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और इस छठ पर स्वच्छता के इस अभियान का हिस्सा बनें।

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