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लोक आस्था का महापर्व छठ श्रद्धा और उत्साह के साथ सम्पन्न, उगते सूर्य को दिया गया अर्घ्य

#बरवाडीह #छठमहापर्व : चार दिवसीय सूर्य उपासना पर्व छठ का समापन उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ हुआ – श्रद्धा, आस्था और अनुशासन का अद्भुत संगम दिखा।
  • बरवाडीह प्रखंड में चार दिवसीय लोक आस्था का पर्व छठ मंगलवार सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हुआ।
  • प्रखंड मुख्यालय, आदर्श नगर, पुरानी बस्ती, बेतला, केचकी, सराईडीह समेत सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
  • विधायक रामचंद्र सिंह और प्रशासनिक अधिकारी विभिन्न घाटों पर व्यवस्था की निगरानी में सक्रिय रहे।
  • प्रशासन व छठ पूजा समितियों ने प्रकाश, सुरक्षा और स्वच्छता की बेहतरीन व्यवस्था की।
  • समिति अध्यक्ष पंकज गुप्तापत्रकार दीपक राज सहित सदस्यों ने आयोजन को सफल बनाने में मुख्य भूमिका निभाई।

चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था और सूर्योपासना का महापर्व छठ मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ श्रद्धा, आस्था और उल्लास के माहौल में संपन्न हुआ। अहले सुबह से ही घाटों पर व्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। “जय छठी मईया” और “जय सूर्य देव” के जयघोष से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो उठा।

श्रद्धा, अनुशासन और आस्था का पर्व

बरवाडीह प्रखंड मुख्यालय के आदर्श नगर मुख्य घाट, पुरानी बस्ती छठ घाट, चपरी, बेतला, केचकी, सराईडीह, छेन्चा, छिपादोहर सहित विभिन्न घाटों पर व्रतियों ने पूरे विधि-विधान और तय मुहूर्त में भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया। महिलाएं जल में खड़ी होकर सूर्य देव से अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती दिखीं।

स्थानीय विधायक रामचंद्र सिंह ने कई छठ घाटों का भ्रमण किया और श्रद्धालुओं से भेंट की। उन्होंने कहा कि छठ पर्व हमारी लोक संस्कृति की आत्मा है, जो समाज में एकता, अनुशासन और समर्पण का संदेश देता है।

विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा: “छठ महापर्व सिर्फ पूजा नहीं, यह हमारी संस्कृति, लोक परंपरा और एकता की पहचान है। हर वर्ष इसकी भव्यता बढ़ती जा रही है, जो हमारे समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है।”

प्रशासनिक सतर्कता और बेहतर प्रबंधन

पूरे आयोजन के दौरान प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहा। एसडीपीओ, बीडीओ रेश्मा रेखा मिंज, सर्किल इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह, थाना प्रभारी अनूप कुमार, सीआई अनिल कुमार सिंह सहित सभी अधिकारी लगातार गश्त में लगे रहे। घाटों पर प्रकाश, सुरक्षा, यातायात और सफाई व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

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छठ पूजा समितियों ने भी पूरी निष्ठा से तैयारी की। मेन रोड पुरानी बस्ती छठ पूजा समिति ने श्रद्धालुओं के बीच दूध और फल वितरण किया। घाटों पर रंग-बिरंगी सजावट, बिजली की रोशनी और ध्वनि प्रसारण प्रणाली की बेहतर व्यवस्था की गई, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

जनभागीदारी और समिति की अहम भूमिका

इस सफल आयोजन में अध्यक्ष पंकज गुप्ता, पत्रकार दीपक राज, नरेश चौरसिया, फिरोज अहमद मुन्ना, हिमांशु गुप्ता, पप्पन खान, प्रिंस गुप्ता, संजीव श्रीवास्तव सहित कई कार्यकर्ता दिन-रात जुटे रहे। पुरानी बस्ती छठ पूजा समिति के अध्यक्ष रवि सिंह, सचिव रवि कुमार गुप्ता, महेंद्र प्रसाद, त्रिदेव सिंह, कुणाल, सतेंद्र सिंह, अमित अग्रवाल, अमृत सिंह, शशि सिंह, निखिल, मनोज प्रसाद, अखिलेश सिंह और अन्य सदस्यों ने पूरी समर्पण भावना से पर्व को सफल बनाया।

रेलवे क्षेत्र में प्रिंस क्लब ने बिजली, सजावट और साफ-सफाई की व्यवस्था संभाली। इस वर्ष घाटों की रौनक और भव्यता पिछले वर्षों की तुलना में अधिक रही।

सूर्य उपासना और लोक परंपरा का अद्भुत संगम

छठ पर्व बिहार, झारखंड और पूर्वी भारत के लोगों के लिए न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक अस्मिता का प्रतीक है। यह पर्व परिवार, समाज और प्रकृति के बीच सामंजस्य का प्रतीक माना जाता है। व्रतियों की आस्था और अनुशासन ने एक बार फिर यह साबित किया कि छठ केवल पूजा नहीं, बल्कि जीवन शैली और संस्कारों का उत्सव है।

सूर्य देव को अर्घ्य अर्पण के साथ ही पूरे क्षेत्र में भक्ति और शांति का वातावरण छा गया। श्रद्धालुओं के चेहरों पर संतोष और आनंद की झलक थी। लोगों ने कहा कि प्रशासन और पूजा समिति के समन्वय से इस बार का आयोजन पूरी तरह सफल रहा।

न्यूज़ देखो: छठ में दिखी सामाजिक एकता और प्रशासनिक सजगता

बरवाडीह में इस वर्ष का छठ महापर्व श्रद्धा, अनुशासन और प्रशासनिक समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण बन गया। समाज और प्रशासन के सामूहिक प्रयासों से न केवल पर्व शांति से संपन्न हुआ, बल्कि सामाजिक एकता का संदेश भी फैला। यह उदाहरण बताता है कि जब प्रशासन और नागरिक मिलकर कार्य करते हैं, तो हर आयोजन सहज और सफल होता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

छठ से मिले एकता और स्वच्छता का संदेश

छठ महापर्व हमें सिखाता है कि श्रद्धा के साथ जब समाज स्वच्छता, अनुशासन और एकता को अपनाता है, तभी सच्चे अर्थों में आस्था सार्थक होती है। आइए, इस पर्व की भावना को जीवन में उतारें – दूसरों की मदद करें, अपने समाज को स्वच्छ और संगठित रखें।
अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और आस्था और एकता का यह संदेश पूरे झारखंड में फैलाएं।

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Akram Ansari

बरवाडीह, लातेहार

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