
#दुमका #सिंचाई_परियोजना : मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना की प्रगति देखी—80% कार्य पूरा, जनवरी से पहली सिंचाई संभव।
- 1313 करोड़ की मेगा सिंचाई परियोजना का सीएम निरीक्षण।
- योजना से 22,283 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा।
- 80% कार्य प्रगति, जनवरी से सिंचाई की उम्मीद।
- मसानजोर डैम बराज निर्माण लगभग पूरा।
- सीएम बोले— किसानों की समस्याओं के समाधान को सरकार प्रतिबद्ध।
मसलिया–रानेश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने ग्रामीण इलाकों में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार को राज्य सरकार की बड़ी प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि 1313 करोड़ की इस महत्वाकांक्षी योजना से 22,283 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जिससे किसानों को बहुफसलीय खेती का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री ने परियोजना स्थल पर प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों से कार्य को निर्धारित समय पर पूरा करने के निर्देश दिए।
सीएम हेमन्त सोरेन ने क्या कहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि रानेश्वर प्रखंड के मुरगुनी में सिद्धेश्वरी नदी पर निर्माणाधीन इस परियोजना का 80% कार्य पूरा हो चुका है और जनवरी से पहली सिंचाई शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने याद दिलाया कि मसानजोर डैम क्षेत्र में बराज निर्माण का शिलान्यास पहले किया गया था, जिसका काम अब अंतिम चरण में है और एक-दो महीने में पूरा हो जाएगा। इससे आधा मसलिया और नाला क्षेत्र में बहुफसलीय खेती के लिए आवश्यक पानी की स्थायी उपलब्धता हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि “यह लोगों के लिए एक सुखद और ऐतिहासिक अनुभव होगा। मसानजोर डैम के आसपास पेयजल योजनाओं की परिकल्पना भी हमारी सरकार ने की थी, जिसके चलते आज लोगों को स्वच्छ पानी मिल रहा है। अब हमारी पूरी कोशिश है कि खेती का रास्ता भी और मजबूत किया जाए।”
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो और सिंचाई सुविधाओं का लाभ समय पर मिले। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में तेजी लाई जा रही है।

न्यूज़ देखो: किसानों के लिए बड़ी सौगात का समय
झारखंड के किसानों के लिए यह परियोजना एक बड़ी उम्मीद लेकर आ रही है। वर्षों से सिंचाई की समस्या से जूझ रहे इलाकों में अब स्थायी समाधान का रास्ता खुल रहा है। सरकार की प्राथमिकता यदि इसी गति से आगे बढ़ती है, तो आने वाले समय में खेती, आय और ग्रामीण जीवन स्तर में बड़ा बदलाव संभव है।
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खेती में मजबूती, भविष्य में समृद्धि
यह परियोजना सिर्फ तकनीकी विकास नहीं, बल्कि किसानों के सपनों को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है। अब समय है कि ग्रामीण समुदाय इस बदलाव का हिस्सा बने, योजनाओं की जानकारी लेकर उनका लाभ उठाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर कर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।





