
#पलामू #शिक्षा_अनियमितता : उत्क्रमित मध्य विद्यालय बारा में बच्चों से अवैध वसूली और भोजन बंद की शिकायत।
छतरपुर नगर पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बारा में छात्रवृत्ति फॉर्म भरने के नाम पर विद्यार्थियों से 50 रुपये की वसूली और राशन की कमी के चलते चार दिन से मध्यान भोजन बंद होने की शिकायत सामने आई है। प्रधानाध्यापक ने राशि लेने की पुष्टि की है। प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी और एमआईएस को-ऑर्डिनेटर मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कह चुके हैं।
- वार्ड 04, छतरपुर नगर पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बारा में अवैध वसूली।
- प्रधानाध्यापक अशोक कुमार रजक ने छात्रवृत्ति फॉर्म ऑनलाइन कराने के लिए प्रति छात्र 50 रुपये लिए।
- चार दिनों से मध्यान भोजन पूरी तरह बंद, छात्रों और अभिभावकों में रोष।
- प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी ओम प्रकाश कुमार ने कहा, सरकारी विद्यालयों में शुल्क वसूली प्रतिबंधित है।
- एमआईएस को-ऑर्डिनेटर अभिमन्यु कुमार ने बताया, फॉर्म भरना निःशुल्क होना चाहिए था।
छतरपुर नगर पंचायत के वार्ड संख्या–04 स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय बारा में बच्चों के अधिकारों के साथ गंभीर खिलवाड़ होने का मामला प्रकाश में आया है। विद्यालय में छात्रवृत्ति फॉर्म भरवाने के नाम पर प्रधानाध्यापक अशोक कुमार रजक ने प्रत्येक छात्र से 50 रुपये वसूले। इसके साथ ही, पिछले चार दिनों से मध्यान भोजन भी बंद है, जिससे बच्चों की पोषण सुरक्षा प्रभावित हो रही है।
प्रधानाध्यापक का पक्ष और वसूली की पुष्टि
प्रधानाध्यापक अशोक कुमार रजक ने स्वीकार किया कि ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए 50 रुपये लिए गए। उन्होंने कहा कि यह राशि बीआरसी ऑपरेटर को जमा कर दी गई है और वापस कर दी जाएगी, लेकिन छात्रवृत्ति मिलने की जिम्मेदारी उनकी नहीं होगी।
प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी ओम प्रकाश कुमार ने कहा: “सरकारी विद्यालयों में किसी भी प्रकार की शुल्क वसूली पूरी तरह प्रतिबंधित है। यदि वसूली हुई है तो जांच कर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
एमआईएस को-ऑर्डिनेटर का बयान
एमआईएस को-ऑर्डिनेटर अभिमन्यु कुमार ने स्पष्ट किया कि छात्रवृत्ति फॉर्म भरने के लिए विद्यालय को आईडी और पासवर्ड प्रदान किया गया है। इसका उद्देश्य यह था कि सभी छात्र निःशुल्क फॉर्म भर सकें।
मध्यान भोजन बंद, छात्रों और अभिभावकों में चिंता
छात्रों ने बताया कि चार दिन से मध्यान भोजन बंद है और राशन की कमी के कारण यह सेवा बाधित हो रही है। अभिभावक और छात्र इस मामले को लेकर बेहद नाराज हैं और शिक्षा विभाग से जांच एवं दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
न्यूज़ देखो: बच्चों के अधिकारों की रक्षा अनिवार्य
यह घटना स्पष्ट करती है कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के सरकारी विद्यालयों में बच्चों के अधिकारों की रक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। शिक्षा विभाग को चाहिए कि वह तुरंत जांच कर अवैध वसूली और मध्यान भोजन बाधित होने के मामलों का निराकरण करे। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूक बनें
शिक्षा और पोषण के अधिकारों से समझौता कभी भी स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। माता-पिता और समाज को सक्रिय होकर ऐसे मामलों की सूचना अधिकारियों तक पहुँचानी चाहिए। अपनी राय कमेंट करें, खबर साझा करें और बच्चों के हक की लड़ाई में सहयोग दें।





