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कोलेबिरा प्रखंड में CINI संस्था ने आयोजित किया पोषण माह एवं स्वस्थ सशक्त परिवार कार्यक्रम, महिलाओं और बच्चों ने बढ़चढ़ कर लिया हिस्सा

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#सिमडेगा #स्वस्थसशक्तपरिवार : ग्रामीण समुदाय में कुपोषण की समस्या और पोषण के महत्व पर जागरूकता बढ़ाने के लिए CINI संस्था ने जीवन परियोजना के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन किया
  • कार्यक्रम कोलेबिरा प्रखंड, पुजारटोली गांव में आयोजित किया गया, जिसमें CINI संस्था ने नेतृत्व किया।
  • उद्देश्य: ग्रामीण महिलाओं, किशोरियों और बच्चों को कुपोषण, इसके दुष्प्रभाव और बचाव के उपाय के प्रति जागरूक करना।
  • कार्यक्रम की शुरुआत नुक्कड़ नाटक और लोक कला प्रस्तुति से हुई, जिससे संदेश सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया।
  • महिलाओं को शिशु के जन्म से छह माह तक केवल स्तनपान कराने और उसके बाद पूरक आहार देने की जानकारी दी गई।
  • रेसिपी डेमोंस्ट्रेशन में स्थानीय सामग्रियों से पौष्टिक भोजन बनाने की विधि दिखाई गई, जिसमें हरी सब्जियों से युक्त पौष्टिक खिचड़ी शामिल थी।
  • पंचायत की मुखिया और महिला पर्यवेक्षिका BTT ने बच्चों को अन्नप्राशन कर खिलाया और जागरूकता अभियान में सक्रिय भागीदारी की।

कोलेबिरा प्रखंड के पुजारटोली गांव में CINI संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम ने ग्रामीण समुदाय को पोषण और स्वास्थ्य के महत्व के प्रति जागरूक करने का महत्वपूर्ण प्रयास किया। कार्यक्रम की शुरुआत नुक्कड़ नाटक और लोक कला के माध्यम से हुई, जिसमें कुपोषण के कारण, प्रभाव और रोकथाम के उपाय प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किए गए। ग्रामीण महिलाएं, किशोरियां और बच्चे इस प्रस्तुति को ध्यान से देख और समझ कर जागरूक हुए।

महिलाओं और किशोरियों के लिए पोषण शिक्षा

महिला पर्यवेक्षिका ने उपस्थित महिलाओं को बताया कि शिशु के जन्म से छह माह तक केवल स्तनपान कराना चाहिए। इसके बाद अर्धठोस और पूरक आहार शुरू करना आवश्यक है। साथ ही गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को संतुलित आहार लेने की सलाह दी गई। उन्होंने बताया कि पौष्टिक और सुपाच्य भोजन बच्चों और माताओं दोनों के लिए स्वास्थ्यवर्धक है।

रेसिपी डेमोंस्ट्रेशन और सक्रिय भागीदारी

कार्यक्रम में आयोजित रेसिपी डेमोंस्ट्रेशन में स्थानीय सामग्रियों का उपयोग कर हरी सब्जियों से युक्त पौष्टिक खिचड़ी बनाकर दिखाया गया। इससे उपस्थित महिलाएं सीखीं कि उपलब्ध साधारण सामग्री से भी संतुलित और पोषक भोजन तैयार किया जा सकता है। पंचायत मुखिया और महिला पर्यवेक्षिका BTT ने बच्चों को अन्नप्राशन कर खिलाया, जिससे कार्यक्रम में सामूहिक सहभागिता और उत्साह बना रहा।

जागरूकता अभियान का महत्व

आयोजकों ने कहा कि ऐसे जागरूकता कार्यक्रम भविष्य में भी निरंतर आयोजित किए जाएंगे। ग्रामीण स्तर पर पोषण से जुड़ी समस्याओं का समाधान सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से ही किया जा सकता है। कार्यक्रम ने यह संदेश भी दिया कि संतुलित आहार और पोषण शिक्षा से कुपोषण की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

न्यूज़ देखो: कोलेबिरा में पोषण माह और स्वस्थ सशक्त परिवार कार्यक्रम ने महिलाओं और बच्चों में जागरूकता बढ़ाई

इस कार्यक्रम से स्पष्ट होता है कि स्थानीय स्तर पर शिक्षा और सामुदायिक सहभागिता से स्वास्थ्य और पोषण सुधार के लक्ष्य को प्रभावी ढंग से साकार किया जा सकता है। महिला सशक्तिकरण और बच्चों के पोषण के लिए इस तरह के अभियान अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जागरूक रहें और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें

स्वस्थ परिवार और सशक्त समाज की नींव पोषण और शिक्षा से ही मजबूत होती है। अपने परिवार और समुदाय में पोषण के महत्व को समझाएं, इस खबर को साझा करें और बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए सक्रिय पहल करें। यह छोटे कदम बड़े बदलाव की दिशा में अहम साबित होंगे।

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Birendra Tiwari

सिमडेगा

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