
#सिमडेगा #स्वास्थ्य_अभियान : टीबी मरीजों को पोषण सहयोग देने पर निक्षय मित्र भारत प्रसाद हुए सम्मानित।
सिमडेगा जिले में टीबी मुक्त भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत स्वास्थ्य विभाग ने विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया। कार्यक्रम में निक्षय मित्र भारत प्रसाद को टीबी मरीजों को नियमित पोषण आहार उपलब्ध कराने और उपचार में सहयोग के लिए सम्मानित किया गया। जिला सिविल सर्जन डॉ. सुंदर मोहन सामद ने उनके योगदान की सराहना करते हुए समाज की सहभागिता पर जोर दिया। यह पहल जिले में टीबी उन्मूलन अभियान को नई गति देने वाली मानी जा रही है।
- निक्षय मित्र भारत प्रसाद को सिमडेगा स्वास्थ्य विभाग द्वारा सम्मानित किया गया।
- जिला सिविल सर्जन डॉ. सुंदर मोहन सामद ने प्रशस्ति देकर किया सम्मान।
- टीबी मरीजों को नियमित पोषण आहार उपलब्ध कराने के लिए मिला सम्मान।
- कार्यक्रम में स्वास्थ्य अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन प्रतिनिधि मौजूद रहे।
- टीबी उन्मूलन में सामाजिक सहभागिता बढ़ाने की अपील की गई।
सिमडेगा जिले में टीबी मुक्त भारत अभियान को मजबूत करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम में सामाजिक सहयोग की अहम भूमिका को रेखांकित किया गया। इस अवसर पर निक्षय मित्र भारत प्रसाद को जिले में चिन्हित टीबी मरीजों को निरंतर पोषण सहयोग देने और उनके उपचार में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए सम्मानित किया गया। सम्मान जिला सिविल सर्जन डॉ. सुंदर मोहन सामद के हाथों प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि और दवा विक्रेता संगठन से जुड़े लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में टीबी उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
टीबी उन्मूलन में पोषण और सहयोग की अहम भूमिका
सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. सुंदर मोहन सामद ने कहा कि टीबी जैसी गंभीर बीमारी से लड़ाई केवल दवाइयों के सहारे नहीं जीती जा सकती। मरीजों को समय पर दवा के साथ-साथ संतुलित पोषण, मानसिक संबल और सामाजिक सहयोग मिलना अत्यंत आवश्यक है।
डॉ. सुंदर मोहन सामद ने कहा:
“टीबी के मरीजों को यदि नियमित पोषण और समाज का सहयोग मिले, तो उनका इलाज अधिक प्रभावी होता है। निक्षय मित्र इस अभियान की रीढ़ हैं, जिनके बिना टीबी मुक्त भारत का सपना अधूरा है।”
उन्होंने भारत प्रसाद के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे समाजसेवी दूसरों के लिए प्रेरणा बनते हैं और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों को जमीनी स्तर पर मजबूती देते हैं।
निक्षय मित्रों की भूमिका पर विशेष जोर
कार्यक्रम में बताया गया कि निक्षय मित्र योजना के तहत समाज के जिम्मेदार नागरिक टीबी मरीजों को गोद लेकर उन्हें पोषण किट, मानसिक सहयोग और निरंतर देखभाल प्रदान करते हैं। इससे मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वे इलाज को बीच में छोड़े बिना पूरा कर पाते हैं।
सिविल सर्जन ने उपस्थित सामाजिक संगठनों और दवा विक्रेता संघ के पदाधिकारियों से अपील की कि वे आगे आकर अधिक से अधिक टीबी मरीजों को गोद लें और निक्षय मित्र बनकर अभियान को गति दें।
सामाजिक सहभागिता से ही संभव है टीबी मुक्त जिला
कार्यक्रम के दौरान गैर-सरकारी संगठनों के संचालकों, जिला दवा विक्रेता संगठन के सचिव तथा अन्य सामाजिक प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार साझा किए। सभी ने एकमत से स्वीकार किया कि टीबी उन्मूलन केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है, बल्कि इसमें समाज के हर वर्ग की भागीदारी जरूरी है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले में टीबी मरीजों की पहचान कर उन्हें समय पर इलाज और पोषण सहयोग उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सामुदायिक सहयोग से ही यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि कोई भी मरीज इलाज और पोषण से वंचित न रहे।
निक्षय मित्र बनने का सामूहिक संकल्प
इस अवसर पर कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठन प्रतिनिधियों ने निक्षय मित्र बनने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वे अपने स्तर से अधिक से अधिक टीबी मरीजों की मदद करेंगे और पोषण किट उपलब्ध कराएंगे।
स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी कि जिले में निक्षय मित्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे टीबी उन्मूलन अभियान को नई ऊर्जा मिल रही है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि लक्ष्य है कि प्रत्येक टीबी मरीज को उपचार अवधि के दौरान नियमित पोषण सहायता मिले।
सिमडेगा में टीबी उन्मूलन को नई दिशा
कार्यक्रम के अंत में स्वास्थ्य अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि भारत प्रसाद जैसे समाजसेवियों के सहयोग से सिमडेगा जिले में टीबी मुक्त भारत अभियान को ठोस सफलता मिलेगी। सामूहिक प्रयास, जागरूकता और सामाजिक सहयोग के जरिए जल्द ही जिले को टीबी मुक्त बनाने का सपना साकार किया जा सकता है।

न्यूज़ देखो: समाज और प्रशासन की साझी जिम्मेदारी
यह सम्मान समारोह दर्शाता है कि टीबी उन्मूलन केवल स्वास्थ्य विभाग की नहीं, बल्कि पूरे समाज की साझा जिम्मेदारी है। निक्षय मित्रों की सक्रिय भूमिका से मरीजों को न सिर्फ इलाज, बल्कि सम्मान और सहारा भी मिलता है। अब जरूरत है कि और लोग आगे आएं और इस अभियान को जन आंदोलन बनाएं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
स्वस्थ समाज की ओर एक कदम
टीबी जैसी बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए जागरूकता और सहयोग सबसे बड़ा हथियार है। यदि आप भी किसी जरूरतमंद मरीज की मदद कर सकते हैं, तो आगे आएं और निक्षय मित्र बनें।
इस खबर को साझा करें, अपनी राय कमेंट में लिखें और टीबी मुक्त भारत की मुहिम को मजबूत बनाएं।





