Garhwa

गोताखोरों के सम्मान में “कॉफ़ी विद एसडीएम” — जल रक्षकों के अनुभव, चुनौतियां और सुझावों पर हुई विस्तृत चर्चा

Join News देखो WhatsApp Channel
#गढ़वा #जल_रक्षक : एसडीएम संजय कुमार ने 26 गोताखोरों से संवाद कर सम्मानित किया — संसाधन, प्रशिक्षण और मानदेय पर दिए आश्वासन
  • गढ़वा के 26 गोताखोरों ने “कॉफ़ी विद एसडीएम” कार्यक्रम में भाग लिया।
  • एसडीएम संजय कुमार ने सभी को “जल रक्षक” की उपाधि दी और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया।
  • संसाधनों की कमी पर गोताखोरों ने लाइफ जैकेट, ऑक्सीजन किट, जाल आदि की मांग रखी।
  • प्रशिक्षण की आवश्यकता पर सहमति — सीपीआर और माउथ ब्रीदिंग जैसे उपाय सिखाने की योजना।
  • मानदेय व आपदा प्रबंधन टीम से जुड़ाव के विकल्प पर चर्चा हुई।
  • विशेष सम्मान सोनू कुमार और करीमन चौधरी को साहसिक रेस्क्यू कार्य के लिए मिला।

गढ़वा के सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार के नियमित साप्ताहिक कार्यक्रम “कॉफ़ी विद एसडीएम” में इस बार जिले भर के गोताखोरों से विशेष संवाद हुआ। बरसात के मौसम में नदी-तालाब में डूबने की घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए, इस बैठक में 26 सक्रिय गोताखोरों को आमंत्रित किया गया था। एसडीएम ने शुरुआत में सभी को “जल रक्षक” कहकर संबोधित किया और उनकी भूमिका को जीवनरक्षक के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पानी में होने वाली आकस्मिक घटनाओं के दौरान गोताखोरों की त्वरित और साहसिक कार्रवाई कई जिंदगियां बचा सकती है।

गोताखोरों की चुनौतियां और संसाधनों की कमी

बैठक में अधिकांश गोताखोरों ने खुलकर अपनी चुनौतियां बताईं। उनका कहना था कि वे अधिकतर मछली पकड़ने के क्रम में कुशल गोताखोर बने हैं, लेकिन उनके पास आधुनिक तकनीकी उपकरण नहीं हैं। यहां तक कि कभी-कभी अच्छी गुणवत्ता की रस्सी और जाल तक उपलब्ध नहीं हो पाते। उन्होंने मांग की कि प्रशासन लाइफ जैकेट, ऑक्सीजन किट, 8 इंच खानेदार जाल जैसी जरूरी चीजें उपलब्ध कराए।

प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर

एसडीएम संजय कुमार ने माना कि जलीय आपदा के बाद तात्कालिक प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी गोताखोरों को होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर सभी गोताखोरों के लिए लाइफ सेविंग प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। इसमें सीपीआर, माउथ ब्रीदिंग जैसे उपाय शामिल होंगे ताकि किसी डूबे व्यक्ति को समय रहते बचाया जा सके।

मानदेय और टीम से जुड़ाव के विकल्प

एसडीएम ने आश्वस्त किया कि मत्स्य विभाग के सहयोग से क्षेत्र के उत्कृष्ट गोताखोरों की सूची तैयार होगी। इनमें से कुछ को मानदेय के आधार पर अनुमंडल आपदा प्रबंधन टीम से जोड़ा जा सकता है। इस कदम से उनकी सेवाओं को औपचारिक पहचान और प्रोत्साहन मिलेगा।

साहसिक कार्यों के लिए विशेष सम्मान

हाल ही में कोयल नदी में अचानक आई बाढ़ के दौरान टापू में फंसे एक दिव्यांग युवक को बचाने वाले सोनू कुमार को एसडीएम ने शाल और पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया। इसी प्रकार, अन्नराज डैम में डूबे एक युवक का शव 30 फीट गहराई से निकालने वाले करीमन चौधरी को भी शाल भेंटकर सम्मानित किया गया।

दर्द और वास्तविकता

कुछ गोताखोरों ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उन्हें अक्सर वापसी के लिए वाहन या यात्रा किराया तक नहीं मिलता। इससे उनकी भागीदारी की इच्छा कम होती है। हालांकि, एसडीएम द्वारा बुलाए जाने और सम्मानित किए जाने से उनका उत्साह और मनोबल काफी बढ़ा है। कई गोताखोरों ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी प्रशासनिक अधिकारी ने उन्हें इस तरह सम्मान दिया।

जोन आधारित कार्य आवंटन का सुझाव

संवाद के दौरान सुझाव आया कि जिले को अलग-अलग जोन में बांटकर हर जोन में निकटवर्ती गोताखोरों को टैग किया जाए। इससे किसी जल दुर्घटना के समय यह तुरंत पता चल सकेगा कि उस क्षेत्र के सक्रिय गोताखोर कौन हैं।

नाम और नंबर सार्वजनिक करने की योजना

एसडीएम ने प्रस्ताव दिया कि यदि सभी गोताखोर सहमत हों तो उनके नाम और मोबाइल नंबर मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित किए जाएं, ताकि आपदा के समय लोग सीधे उनसे संपर्क कर सकें। यह सूची तैयार होने और लिखित सहमति मिलने के बाद सार्वजनिक की जाएगी।

सामूहिक सम्मान

बैठक के अंत में एसडीएम संजय कुमार ने सभी गोताखोरों को अंगवस्त्र भेंट कर उनके योगदान का सम्मान किया और जीवन रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहने का आह्वान किया।

बैठक में मौजूद प्रमुख गोताखोर: मुंशी चौधरी, धीरज कुमार सिंह, वीरेंद्र सिंह, सरदार प्रजापति, गोविंद चौधरी, रविंद्र चौधरी, शंभू चौधरी, अरविंद चौधरी, राम लखन चौधरी, गुड्डू चौधरी, जमीदार चौधरी, सिकंदर चौधरी, तज़्बुल अंसारी, सूरज चौधरी, करीमन चौधरी, नवल कुमार सिंह, धनंजय चौधरी, वीरेंद्र चौधरी, ओम प्रकाश चौधरी, सोनू चौधरी, राजेश चौधरी, दशरथ राम, कौशर अंसारी, जितेंद्र चौधरी, उदल चौधरी और मत्स्य विभाग के पर्यवेक्षक चंदेश्वर साहनी।

न्यूज़ देखो: जल रक्षकों को सम्मान, आपदा प्रबंधन में नया आयाम

“कॉफ़ी विद एसडीएम” के इस संवाद ने न केवल गोताखोरों की समस्याओं और सुझावों को सामने लाया, बल्कि प्रशासनिक स्तर पर उनके महत्व को भी स्वीकार किया। संसाधन, प्रशिक्षण और मानदेय के आश्वासन ने उन्हें नई ऊर्जा दी है। यह पहल भविष्य में आपदा प्रबंधन को और प्रभावी बनाएगी। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सजग नागरिक बनें, जीवन रक्षा में साथ दें

स्थानीय गोताखोर सिर्फ पानी में उतरकर ही नहीं, बल्कि जोखिम उठाकर जिंदगियां बचाते हैं। हम सबकी जिम्मेदारी है कि उनके योगदान को पहचानें, सहयोग करें और उनके प्रयासों को सम्मान दें। इस खबर को साझा करें, अपनी राय दें और अपने क्षेत्र के जल रक्षकों के बारे में जागरूकता फैलाएं।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

Engineer & Doctor Academy
IMG-20250925-WA0154
1000264265
Radhika Netralay Garhwa
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250610-WA0011
20250923_002035
IMG-20250723-WA0070
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

Back to top button
error: