
#गुमला #सड़क_घोटाला : चैनपुर से जारी तक बनी 10 किमी सड़क बारिश में धंसी — घटिया निर्माण का आरोप
- 26 करोड़ 32 लाख रुपये की लागत से बनी सड़क पहली ही बारिश में जगह-जगह से टूटी
- परमवीर चक्र विजेता अल्बर्ट एक्का के गांव जारी को जोड़ने वाला मार्ग
- घटिया निर्माण कार्य का आरोप, सड़क में आई दरारें और धंसाव
- ग्रामीणों ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की
- चैनपुर-छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग भी प्रभावित
भारी लागत से बनी सड़क, पहली बारिश में उखड़ी परतें
गुमला जिले के चैनपुर से जारी तक 26 करोड़ 32 लाख 90 हजार रुपये की लागत से बनी 10 किलोमीटर लंबी सड़क पर अब भ्रष्टाचार का काला साया मंडरा रहा है। यह वही मार्ग है जो परमवीर चक्र विजेता शहीद अल्बर्ट एक्का के पैतृक गांव जारी को चैनपुर से जोड़ता है। लेकिन पहली बारिश के बाद ही इस सड़क की गुणवत्ता की पोल खुल गई — जगह-जगह दरारें, उखड़ी परतें और सड़क का धंसना अब आम बात हो गई है।
ग्रामीण बोले: घटिया सामग्री से बना है रास्ता
गांव वालों का आरोप है कि सड़क निर्माण में अत्यंत घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव रहा। स्थानीय लोगों ने बताया कि कहीं भी स्टैंडर्ड प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ और ठेकेदार ने सिर्फ लीपा-पोती कर काम पूरा कर दिया। ग्रामीणों ने गुस्से में कहा कि “यह सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि शहीद की शहादत का अपमान है।”
बुधराम नायक (चैनपुर मंडल अध्यक्ष) ने कहा: “परमवीर अल्बर्ट एक्का जैसे महान सपूत के गांव तक जाने वाली सड़क में भी भ्रष्टाचार होना शर्मनाक है। यह शहीदों की विरासत का अनादर है।”
जन जीवन अस्त-व्यस्त, वाहनों और छात्रों की बढ़ी परेशानी
यह मार्ग झारखंड को छत्तीसगढ़ से जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग भी है, जिससे प्रतिदिन हजारों वाहन, छात्र, सरकारी कर्मी, और ग्रामीण गुजरते हैं। यह सड़क लंबे समय से क्षेत्र की आवश्यकता रही थी। लेकिन अब, लोगों को फिर से कीचड़, गड्ढों और अव्यवस्था से गुजरना पड़ रहा है, जिससे जनता के विश्वास पर गहरी चोट पड़ी है।
ग्रामीणों की मांगें: जांच, सजा और गुणवत्तापूर्ण मरम्मत
ग्रामीणों ने सरकार से निम्नलिखित मांगें की हैं:
- सड़क निर्माण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए
- लापरवाह अधिकारियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाए
- सड़क की मरम्मत शीघ्र और गुणवत्ता के साथ कराई जाए
एक स्थानीय बुजुर्ग ने कहा: “जब जनता के पैसों से बनी सड़क भी सुरक्षित नहीं है, तो फिर क्या बचा है? हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक इस घोटाले का पर्दाफाश नहीं होता।”


न्यूज़ देखो: शहीदों की शहादत पर सिस्टम की साजिश
परमवीर अल्बर्ट एक्का सिर्फ एक नाम नहीं, बलिदान और गौरव की परिभाषा हैं। उनके गांव को जोड़ने वाली सड़क अगर भ्रष्टाचार के दलदल में फंस जाए तो यह सिर्फ विकास की विफलता नहीं, राष्ट्रीय शर्म की बात है। सरकार को चाहिए कि इस मामले में सख्त और उदाहरणकारी कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में कोई और शहीद की यादगार पर दाग न लगा सके।
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