
#झारखंड #मौसम_अपडेट : बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान मोन्था झारखंड की ओर बढ़ा – कई जिलों में भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना
- बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान मोन्था अब झारखंड के विभिन्न हिस्सों में असर दिखाने लगा है।
- मौसम विभाग के अभिषेक आनंद ने बताया कि आने वाले तीन दिनों तक राज्य के कई जिलों में भारी वर्षा और तेज हवा चलने की संभावना है।
- कोल्हान, संताल, और पलामू प्रमंडल में सबसे अधिक प्रभाव दिखेगा।
- 28 अक्टूबर दोपहर से झारखंड के दक्षिणी और मध्य भागों में हल्की वर्षा शुरू हो चुकी है।
- 29 से 31 अक्टूबर तक कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
- लोगों से अपील की गई है कि वे सतर्क और सावधान रहें, विशेषकर खुले क्षेत्रों और जल स्रोतों के पास न जाएँ।
बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान मोन्था अब झारखंड की ओर बढ़ चुका है और इसका असर 28 अक्टूबर की दोपहर से राज्य के दक्षिणी व मध्य भागों में देखा जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले तीन दिनों में राज्य के कई हिस्सों में लगातार बारिश और तेज हवाएँ चलने की संभावना है।
झारखंड के दक्षिणी और मध्य जिलों में तेज प्रभाव
मौसम विज्ञान केंद्र, रांची के अधिकारी अभिषेक आनंद ने बताया कि 29 अक्टूबर से झारखंड के दक्षिणी और पश्चिमी जिलों में भारी बारिश की संभावना है। इन जिलों में सिमडेगा, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी, रांची, लोहरदगा शामिल हैं। वहीं संथाल परगना के साहिबगंज, गोड्डा, दुमका, पाकुड़ जिलों में भी वर्षा का असर अधिक देखने को मिलेगा।
अभिषेक आनंद ने कहा: “चक्रवात मोन्था के कारण 29 से 31 अक्टूबर तक झारखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। लोगों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें।”
30 अक्टूबर को उत्तर-पश्चिमी झारखंड पर रहेगा प्रभाव
मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, 30 अक्टूबर को उत्तर-पश्चिमी झारखंड में इसका प्रभाव और बढ़ेगा। गढ़वा, पलामू, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, रामगढ़, बोकारो, लातेहार, लोहरदगा जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं, 31 अक्टूबर को संथाल परगना के कुछ हिस्सों में बारिश का प्रभाव बना रहेगा।
मौसम विभाग ने कहा है कि झारखंड के शेष हिस्सों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश और गर्जन के साथ हवा चलने की संभावना है। इस दौरान सतही हवा की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक रह सकती है, जिससे पेड़-पौधों और कमजोर ढांचों को नुकसान पहुंचने का खतरा है।
बंगाल की खाड़ी में मछलीपट्टनम के पास टकराएगा मोन्था
तूफान मोन्था 28 अक्टूबर की रात को मछलीपट्टनम और कलिंगापटनम के बीच टकराने की संभावना है। इसके बाद इसका रूख उत्तर दिशा में झारखंड की ओर रहेगा। झारखंड के मौसम पर इसका असर 29 से 31 अक्टूबर तक देखा जा सकता है।
मौसम विभाग ने राज्यवासियों को सलाह दी है कि वे घरों में रहें, नदी-तालाब के किनारों से दूरी बनाएं और बिजली के तारों के पास जाने से बचें। साथ ही किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे फसलों को सुरक्षित स्थानों पर रखें और खेतों में अधिक समय न बिताएं।
प्रशासन अलर्ट मोड में, आपदा प्रबंधन दल तैनात
झारखंड के कई जिलों में जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीमों को सतर्क कर दिया है। रांची, चतरा, गिरिडीह, दुमका और पश्चिमी सिंहभूम में प्रशासनिक अधिकारी मौसम विभाग के साथ लगातार संपर्क में हैं। संवेदनशील इलाकों में राहत दलों को तैयार रखा गया है ताकि किसी भी स्थिति में त्वरित सहायता पहुंचाई जा सके।
झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (JSDMA) के अधिकारी ने कहा: “हमने सभी जिलों में निगरानी बढ़ा दी है। भारी बारिश के दौरान नदी और पहाड़ी क्षेत्रों में जाने से परहेज करें। किसी भी आपात स्थिति में तुरंत जिला कंट्रोल रूम से संपर्क करें।”
न्यूज़ देखो: तूफान के प्रति जागरूकता ही सुरक्षा की कुंजी
चक्रवाती तूफान मोन्था का असर इस बार झारखंड में व्यापक रूप से देखा जा रहा है। मौसम विभाग और प्रशासन ने जो चेतावनियाँ जारी की हैं, उनका पालन करना जरूरी है ताकि जान-माल का नुकसान न हो। जनता का सहयोग और जागरूकता इस समय सबसे बड़ी जरूरत है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सजग रहें, सुरक्षित रहें
प्रकृति के प्रकोप से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका सतर्कता और जिम्मेदारी है। प्रशासन की अपील को गंभीरता से लें, अनावश्यक यात्रा से बचें और आसपास के लोगों को भी सावधान करें।
अब समय है कि हम सब मिलकर सुरक्षित झारखंड का संकल्प लें।
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